Updated May 7th, 2024 at 13:29 IST
BREAKING: चुनावों के बीच कांग्रेस को झटका, ताबड़तोड़ हमला करने वाली राधिका खेड़ा ने थामा BJP का दामन
राधिका खेड़ा ने लोकसभा चुनाव के थर्ड फेज वोटिंग के दौरान ही कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया।
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Radhikha Khera Joins BJP Breaking News: राधिका खेड़ा ने लोकसभा चुनाव के थर्ड फेज वोटिंग के दौरान ही कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया। दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली।
6 मई को ही राधिका खेड़ा ने मीडिया को अपने साथ रायपुर स्थित कांग्रेस मुख्यालय में हुई घटना का ब्योरा दिया था। उन्होंने दावा किया था कि उनके साथ जो हुआ उसे सोच कर उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। राधिका काफी भावुक थीं कई बार बोलते बोलते रो भी पड़ीं। कांग्रेस के प्रवक्ता पद से उन्होंने 5 मई को इस्तीफा दिया था।
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राधिका के सनसनीखेज आरोप
उनका आरोप था कि उन्हें स्टेट आईटी सेल के प्रमुख ने कमरे में बंद कर गंदी गालियां दी थीं, वो चिखीं चिल्लाई थीं लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की थी। कांग्रेस की पूर्व प्रवक्ता की मानें तो उन्होंने पार्टी के आलाधिकारियों को कॉल भी किया लेकिन रिस्पॉंस नहीं मिला था।
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राधिका खेड़ा ने 30 अप्रैल की वारदात का जिक्र किया था। उसी दिन से युवा नेता सोशल प्लेटफॉर्म पर कांग्रेस के बड़े नेताओं के खिलाफ अपनी बात रखती आई हैं। उन्होंने प्रियंका गांधी के दौरे से पहले भी इस वारदात का छंदों में जिक्र किया था। बघेल को कका कह दुशील को बचाने का जिक्र था। मीडिया ने उस दुशील को डिकोड कर लिया था लेकिन मीडिया के सामने उन्होंने ये सब कुछ बता दिया।
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कुंडी बंद कर दी, तीन लोग थे मौजूद...मैं चीखती रही
राधिका ने कहा- किसी भी नेता के लिए उसका मुख्यालय मंदिर होता है...हम सबसे सुरक्षित होते हैं, लेकिन 30 अप्रैल के शाम 6 बजे की घटना है...मैं सुशील आनंद शुक्ला जी से मिलने गई। तो उन्होंने गंदी गंदी गालियां देने लगे, ऐसी की मैं सोच नहीं सकती थी। मैं चिल्लाई बाहर बैठे लोगों से कहा महामंत्री को बुलाकर लाइए...फिर मैंने जब फोन बाहर निकाला तो दो और वहां मौजूद लोगो ने दरवाजा बंद कर दिया...कुंडी बंद कर दी...करीब एक मिनट दरवाजा अंदर बंद रहा...तीनों मेरी तरफ आए...मैं अभी भी सोचती हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं...मैं चीखती रही, चिल्लाती रही...किसी ने मेरी नहीं सुनी, मैं कहती रही मुझे जाने दीजिए...
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'मैं धक्का देखकर बाहर निकली'
तीनों वहीं खड़े थे...मैं सिर्फ ध्यान देकर कृष्ण को याद करती रही कि वो मुझे यहां से बचाकर ले जाएं...क्योंकि यहां पे जहां पर हम अपने आप को सुरक्षित समझते हैं...कोई महिला अपने आपको सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करती है कि वो हमारा मंदिर है, वहां मुझे तीन आदमियों ने बंद कर लिया था। बहुत मुश्किल से मैं धक्का देकर चिल्लाती हुई किसी तरह वहां से निकली, जो लोग जानते हैं सीढ़ियों से फर्स्ट फ्लोर से बाहर निकली।
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Published May 7th, 2024 at 12:37 IST
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