अपडेटेड 20 February 2024 at 12:41 IST

सपा और कांग्रेस के बीच UP में किन सीटों पर फंसा पेंच, अखिलेश ने राहुल की यात्रा से क्यों बनाई दूरी?

UP News : सपा और कांग्रेस आपस में उलझे हुए हैं। महज सीट बंटवारा ही नहीं, समाजवादी पार्टी अभी राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से भी किनारा किए हुए है।

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akhilesh yadav, rahul gandhi
अखिलेश यादव और राहुल गांधी | Image: ANI/Facebook

Lok Sabha Election : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच मतभेद की दीवार बढ़ चुकी है। INDI गठबंधन में होने के बावजूद लोकसभा चुनावों के लिए सीट फॉर्मूला तय नहीं हो सका है। कई बैठकों, खूब माथापच्ची और मंथन के बावजूद सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच पेंच फंसा है। इधर, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लगातार अपने उम्मीदवार उतार रही है। अभी तक 26 सीटों पर सपा के उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं।

उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीट हैं। एक तरफ बीजेपी खड़ी है, तो उससे मुकाबला करने के लिए INDI गठबंधन के दल हैं। इसी INDI गठबंधन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस साझीदार हैं। हालांकि चुनावों से पहले सपा और कांग्रेस आपस में उलझे हुए हैं। महज सीट बंटवारा ही नहीं, समाजवादी पार्टी अभी राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से भी किनारा किए हुए है, जो इस समय उत्तर प्रदेश से गुजर रही है।

अखिलेश ने राहुल की यात्रा से क्यों बनाई दूरी?

राहुल गांधी की न्याय यात्रा से अखिलेश यादव की दूरी कारण सीटों का बंटवारा माना जाता है। राहुल गांधी की अगुवाई में भारत जोड़ो न्याय यात्रा मंगलवार को रायबरेली से होकर गुजरने वाली है। हालांकि समाजवादी पार्टी कहती है, 'अखिलेश यादव रायबरेली में राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा में तभी शामिल होंगे, जब कांग्रेस 17 सीट के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाएगा।' 

सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहते हैं, हमने कांग्रेस को 17 लोकसभा सीट की अंतिम पेशकश की है। इस पेशकश पर उसकी स्वीकृति के आधार पर रायबरेली में न्याय यात्रा में अखिलेश यादव का शामिल होना निर्भर करेगा।

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यूपी में किन सीटों पर फंसा पेंच?

समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 17 सीटों की पेशकश की है, जिसे आखिरी ऑफर बताया गया है। समाजवादी पार्टी के नेता उन 17 सीट के नाम बताने से इनकार करते हैं, जिनकी पेशकश कांग्रेस को की गई है। हालांकि कांग्रेस चाहती है कि उसे उत्तर प्रदेश में और भी सीटें मिलें। याद हो कि कांग्रेस ने पिछली बार उत्तर प्रदेश में एकमात्र रायबरेली की सीट जीती थी। अभी कांग्रेस जिन सीटों की मांग करती है, इसके लिए 2009 का हिसाब बताती है। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय अपनी मांग रखते हुए कहते हैं, 'उनकी पार्टी को करीब दो दर्जन सीट दी जानी चाहिए, जहां 2009 के लोकसभा चुनाव में उसने जीत हासिल की थी।'

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2009 के नतीजों के मुताबिक, अकबरपुर, अमेठी, बहराइच, बाराबंकी, बरेली, धौरहरा, डुमरियागंज, फैजाबाद, फर्रूखाबाद, गोंडा, झांसी, कानपुर, खेड़ी, कुशीनगर, महराजगंज, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, रायबरेली, श्रावस्ती, सुल्तानपुर और उन्नाव लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई थी। हालांकि सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस मुरादाबाद, बिजनौर और बलिया की सीट भी चाहती है, लेकिन समाजवादी पार्टी इतनी सीटें कांग्रेस को देने के मूड में नहीं है।

सपा ने अपने 26 उम्मीदवार घोषित किए

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ सीटों पर पेंच फंसने के बीच में समाजवादी पार्टी अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर चुकी है। सपा ने सोमवार को उत्तर प्रदेश से 11 उम्मीदवारों की घोषणा की। इससे पहले 30 जनवरी को उत्तर प्रदेश की 16 लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित किए थे। 30 जनवरी को जारी 16 सूची में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और यादव परिवार के दो अन्य नेताओं- अक्षय यादव और धर्मेंद्र यादव के नाम भी शामिल हैं।

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 20 February 2024 at 11:59 IST