अपडेटेड 7 June 2024 at 19:28 IST
Modi 3.O: पवन कल्याण पवन नहीं आंधी है... मोदी ने सेंट्रल हॉल में आंध्र प्रदेश जीत पर ऐसा क्यों कहा?
नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल हॉल में अपने संबोधन के दौरान आंध्र प्रदेश से जीत कर आए Jana Sena Party के अध्यक्ष पवन कल्याण को आंध्र की आंधी कहा, लेकिन क्यो?
- चुनाव न्यूज़
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Narendra Modi Praises Pawan Kalyan: नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने पर सभी का आभार व्यक्त किया। 'महाविजय' संबोधन में मोदी 3.0 की रूपरेखा बताई। फिर दक्षिण भारतीय राज्यों का जिक्र खासतौर पर किया। केरल में पहली बार बीजेपी को मिली एक सीट पर खुशी जताई तो पवन कल्याण को आंध्र की आंधी बताया।
पवन कल्याण की पार्टी जन सेना पार्टी यानि JSP नई नवेली पार्टी है। 2014 में बनी। पहली बार लोकसभा चुनावी समर में अपना दम खम दिखाया और 100 फीसदी स्कोर के साथ आगे बढ़े। 2 सीटों पर लड़े और दोनों पर दमदार जीत हासिल की। विधानसभा सीटों में भी परफॉर्मेंस शानदार रही।
दक्षिण भारत में बढ़ा वोट शेयर
पीएम ने केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश का खास जिक्र किया। बोले- इस चुनाव में जो मैंने देखा कि दक्षिण भारत में एनडीए ने नई राजनीति की शुरुआत की है। कर्नाटक और तेलंगाना में अभी-अभी सरकारें बनी थीं, लेकिन लोगों का विश्वास भंग हुआ और लोगों ने एनडीए को गले लगा लिया।
तमिलनाडु की टीम को बधाई देना चाहूंगा। वहां कोई कैंडिडेट नहीं था, लेकिन कार्यकर्ता अपने झंडे को ऊंचा रखने में जुटे रहे। आज हम सीट नहीं जीत पाए, लेकिन हमारा वोट शेयर बढ़ा है। यह साफ दिखाता है कि कल क्या लिखा है।
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'आंध्र में हिस्टोरिकली ये हाईएस्ट'
पीएम ने आंध्र की जीत को ऐतिहासिक करार दिया और एक्टर पॉलीटिशियन पवन कल्याण को आंधी बताया। आगे कहा- केरल में जम्मू-कश्मीर से भी ज्यादा कार्यकर्ताओं ने बलिदान दिया। कार्यकर्ताओं ने वहां पीढ़ियां खपा दीं। आज पहली बार संसद से हमारा प्रतिनिधि बनकर आया है। अरुणाचल में हमारी सरकार बनती रही है। सिक्किम में भी क्लीन स्वीप। आंध्र में चंद्रबाबू ने बताया कि हिस्टोरिकली ये हाईएस्ट है। यहां जो दिख रहा है न पवन (पवन कल्याण) यह पवन नहीं हैं, आंधी है।
सवाल- आंधी कैसे?
पवन कल्याण टॉलीवुड का जाना माना नाम हैं। तेलुगू फिल्मों में तूती बोलती है। चिरंजीवी इनके भाई हैं। मेगा फैमिली के नाम से जाने जाते हैं। जितना फिल्मों में सिक्का जमा रखा है उतना ही तेलुगू भाषियों के बीच लोकप्रिय हैं। उसका ही नतीजा रहा कि विधानसभा चुनाव में 175 में से 21 सीटों पर पार्टी लड़ी और 21 की 21 अपने नाम कर टीडीपी के बाद दूसरी सबसे ज्यादा बड़ी पार्टी के रूप में उभरी।
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लोकसभा में भी पवन कल्याण की आंधी साफतौर पर महसूस की गई। 2 पर लड़ी जनसेना पार्टी को दोनों ही मिल गईं।
मोदी के साथ हमेशा खड़े दिखे कल्याण
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में अपना लोकसभा नामांकन दाखिल किया, तो उनके साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के कई राजनेता थे। उनमें से एक सबसे अलग थे। और वो थे पवन कल्याण, जो कि 2014 में ही स्थापित हुई जन सेना पार्टी (JSP) के हैं।
कल्याण, आंध्र प्रदेश से दिग्गज राजनेता और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के अलावा एकमात्र नेता थे, जो इस बहुचर्चित कार्यक्रम में शामिल हुए। अब नतीजों ने जता दिया कि ये साथ यूं ही नहीं था। बल्कि बीजेपी के प्रति उनकी आस्था का वो संकेत था। इस नवोदित राजनेता का NDA में रसूख खूब बढ़ा। आंध्र में बंपर वोट हासिल किए और मौजूदा YSRCP को तीसरे स्थान पर धकेल दिया। JSP ने TDP और BJP के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था। यही वजह है 100 फीसदी स्कोर कार्ड ने पवन कल्याण को आंधी का तमगा दिला दिया!
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 7 June 2024 at 15:54 IST