अपडेटेड 29 May 2024 at 20:18 IST

UP की सियासत में बड़ा उलटफेर! सपाई नारद राय और रामइकबाल ने थामा BJP का दामन, शाह को भेंट किया फरसा

सपा के दो कद्दावरों ने आज पार्टी से नाता तोड़ BJP का दामन थाम लिया। कभी सपा सरकार के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे नारद राय अपने एक और साथी संग भाजपाई हो गए।

Follow : Google News Icon  
narad rai joins bjp amit shah presence
भाजपा में शामिल हुए नारद राय | Image: x/@NARADRAIBALLIA

Narad Rai Joins BJP: अपने गृह जिले में  सैकड़ों लोगों के बीच, जोश जुनून के साथ नारद राय अपने साथी राम इकबाल सिंह संग भाजपा में शामिल हुए। दोनों ने माल्देपुर में  गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। शाह ने अपने हाथों से भाजपा का अंगवस्त्र उन्हें पहनाया।

इससे पहले नारद राय ने शाह को फरसा भेंट किया। फिर झुककर उनके चरण स्पर्श किए। इसका वीडियो भी उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर साझा किया।

मंच पर दिखे शाह, नारद, नीरज और राम इकबाल

कभी बीजेपी के धुर विरोधी रहे नारद राय एक ही मंच पर एक दूसरे के साथ दिखे। तस्वीरों को देख समझा जा सकता है कि पूर्व मंत्री को पूरी तवज्जो दी गई।  उन्हें बाकी के मुकाबले सेंटर स्टेज पर जगह दी गई। जय श्री राम की गूंज के बीच बलिया में समीकरण बदलने की कहानी लिखी गई।

अंतिम चरण की वोटिंग से पहले सपा को झटका

1 जून को पूर्वांचल की अहम सीटों पर वोटिंग होनी है। बलिया भी उनमें से एक है। ऐन मतदान से 3 दिन पहले नारद राय पूर्वांचल की राजनीति में जलजला लेकर आए। सपा को जोर का झटका जोर से ही दिया। उन्होंने ऐलान किया कि जिस पार्टी से बरसों पुराना नाता था उससे रिश्ता तोड़ रहे हैं। इसकी वजह उन्होंने अखिलेश के मोह और लालच को बताया था। दावा ये भी किया था कि अखिलेश के अध्यक्ष पद संभालने से पहले नेता जी ने खून के आंसू बहाए थे। नारद राय के मुताबिक पिछले चुनाव में वर्तमान सपा प्रमुख ने उन्हें हराने का पूरा इंतजाम कर लिया था।  

Advertisement

उन्होंने कहा था-  बहुत भारी और दुखी मन से सपा का 40 साल का साथ छोड़ दिया है। मेरी गलती यह है कि पारिवारिक विवाद में मैंने अखिलेश के बजाय मुलायम सिंह को चुना था। पिछले 7 सालों से अखिलेश लगातार मुझे बेइज्जत कर रहे थे। 2017 में मेरा टिकट काटा, 2022 में टिकट दिया, लेकिन साथ ही मेरे हारने का भी इंतजाम किया। अब मैं अपनी पूरी ताकत भाजपा को जिताने में लगाऊंगा।

नारद राय ने अपने दिल का गुबार अमित शाह से वाराणसी में मुलाकात के बाद निकाला था। कुछ तस्वीरें शेयर कर ठप्पा लगा दिया था कि वो अब भाजपाई होने वाले हैं।

Advertisement

समीकरण की बात है...

नारद राय भूमिहार जाति से आते हैं और इस जाति का बलिया समेत पूर्वांचल के तमाम जिलों में अच्छा खासा प्रभाव है। इनमें बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, वाराणसी, जौनपुर, देवरिया, महाराजगंज, गोरखपुर की सीटें शामिल हैं। एक अनुमान है कि नारद की बीजेपी में एंट्री से गाजीपुर के मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र के 70 हजार के करीब भूमिहार मतदाताओं का साथ मिलेगा। इस तरह दो पास के जिले यानि बालिया के साथ गाजीपुर सीट पर भी नारद का दम खम दिखेगा।

राम इकबाल के बारे में...

राम इकबाल सिंह की ये घर वापसी है। बड़ा राजपूत चेहरा हैं।  2002 से 2007 तत्कालीन विधानसभा चिलकहर (अब रसड़ा) से भाजपा के टिकट पर दो बार विधायक रह चुके हैं। वो पहले 2017 में राम इकबाल सपा में चले गए थे।

ये भी पढ़ें- केजरीवाल जरूरी, ममता ने बनाई दूरी..1 जून को मतदान के दिन ही INDI की बैठक बुलाने की क्या थी मजबूरी?
 

Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 29 May 2024 at 20:07 IST