अपडेटेड 17 March 2024 at 08:16 IST
क्या होती है आदर्श आचार संहिता? अगर की ये गलती तो जा सकते हैं जेल, इसलिए जान लें सभी नियम
चुनाव आयोग लोकसभा चुनावों के लिए तारीख का ऐलान किया। इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। करीब 80 दिन तक ऐसे नियम लागू होंगे जिन्हें तोड़ा तो जेल तय है!
- चुनाव न्यूज़
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Model Code Of Conduct: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने 16 मार्च को बड़ा ऐलान किया। शाम 3 बजे मीडिया से रूबरू हुए और लोकसभा चुनाव 2024 की वोटिंग और परिणामों की तारीख का ऐलान किया। 19 अप्रैल से 7 चरणों में मतदान होंगे और वोटों की गिनती 4 जून को होगी। इस ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। ईसीई राजीव कुमार ने सोशल पोस्ट को लेकर अहम बात कही। ये कि नजर उनकी पैनी रहेगी। जिसका सीधा मतलब है कि अगर नेता ही नहीं किसी आम नागरिक ने भी नियम तोड़े तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
नियमों के तहत कोई भी व्यक्ति या नेता सरकार की उपलब्धियों वाले विज्ञापन प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और दूसरे मीडिया में नहीं दे सकेगा। आम लोग भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय सावधानी बरतेंगे अगर पोस्ट नियम विरुद्ध रही तो जेल भी हो सकती है। कोई भी मैसेज शेयर करने या लिखने से पहले आचार संहिता के नियम जानना जरूरी है।
उम्मीदवारों को भी हो सकती है जेल!
आचार संहिता चुनाव आयोग के बनाए नियम हैं, जिनका पालना हर पार्टी और हर उम्मीदवार को करनी ही होती है। इनका उल्लंघन करने पर सख्त एक्शन लिया जा सकता है। प्रत्याशी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है। एफआईआर दर्ज करवाने के बाद उम्मीदवार को जेल भी भेजा जा सकता है।
क्या है मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट?
एक ऐसी व्यवस्था जो सरकार के नियमित कामकाज में महत्वपूर्ण बदलाव लाती है और संविधान सम्मत होती है। पक्ष प्रतिपक्ष दोनों को लेवल प्ले का मौका मुहैया कराने का वादा भी करती है। यह सत्तारूढ़ दल के साथ-साथ विपक्ष पर भी कई प्रतिबंध लगाती है। 'समान अवसर' प्रदान करने के उद्देश्य से, ईसीआई ने आदर्श आचार संहिता विकसित की है, जो राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए मान्य होती है। यह चुनाव पैनल की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का वादा करता है। यह उस दिन से स्वतः लागू हो जाता है जिस दिन ईसीआई चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करता है और चुनाव परिणाम घोषित होने तक लागू रहता है।
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- एमसीसी के लागू होने से क्या अहम 5 बदलाव आते हैं आइए जानते हैं!
- एमओसी के प्रावधानों के तहत सत्तारूढ़ सरकार को चुनाव की घोषणा के बाद किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा करने या वादे करने से प्रतिबंधित किया गया है
- केंद्र भी सिविल सेवकों को छोड़कर किसी भी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं का शिलान्यास या शुरुआत नहीं कर सकता है। इस अवधि के दौरान सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधाओं के प्रावधान आदि से संबंधित वादों की अनुमति नहीं है
- सरकारी या सार्वजनिक उपक्रमों में नियुक्तियां जो सत्तारूढ़ दल के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित कर सकती हैं- पर रोक लग जाती है
- लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ, चुनाव की घोषणा होने के बाद मंत्री और अन्य अधिकारी विवेकाधीन निधि से अनुदान या भुगतान को मंजूरी नहीं दे सकते हैं
- ईसीआई दिशानिर्देश कहते हैं कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद, आधिकारिक दौरों को चुनाव प्रचार कार्य के साथ नहीं जोड़ा जाएगा और चुनाव प्रचार के लिए आधिकारिक मशीनरी या कर्मियों का उपयोग सख्त वर्जित हो जाते हैं। जिसका सीधा अर्थ है कि चुनाव के दौरान सरकारी विमान, वाहन, मशीनरी और कर्मियों सहित सरकारी परिवहन का उपयोग सत्तारूढ़ दल के हितों को आगे बढ़ाने के लिए नहीं किया जा सकता है।
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 17 March 2024 at 07:24 IST