अपडेटेड 25 April 2024 at 14:51 IST

Sonipat seat: सोनीपत सीट पर रहा है जाटों का दबदबा, जानिए अब तक कितनी बार मारी बाजी

Sonipat Seat:  जाटलैंड कही जाने वाली सोनीपत सीट लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयार है, सोनीपत का अपना गौरवशाली अतीत रहा है, जानें ये सीट क्यों है खास?

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Sonipat Lok Sabha seat
सोनीपत लोकसभा सीट | Image: PC : Republic

Sonipat Lok Sabha Election: जाटलैंड कही जाने वाली सोनीपत सीट लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयार है। यह हरियाणा में सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में से एक है। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद रमेश कौशिक पिछले दो बार से सांसद हैं। पिछली बार उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 1.64 लाख वोटों से हराया था।

सोनीपत लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। इस सीट पर अब तक हुए 12 चुनावों में से 9 बार जाट उम्मीदवार विजयी रहे हैं। यह सीट राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटी हुई है, इसलिए इस पर क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दोनों स्तर के राजनीतिक समीकरणों का असर पड़ता है। 

सोनीपत सीट पर रहा है जाटों का दबदबा

इस सीट पर जाट मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है जाटों के बाद ब्राह्मण वोटरों की संख्या सोनीपत में ज्यादा है। बता दें इस सीट पर बड़ी-बड़ी हस्तियां चुनाव लड़ा चुकी है। 1980 में ताऊ चौधरी देवी लाल ने जनता पार्टी (Janata Party) से चुनाव लड़ा। इस सीट से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी 2019 में चुनाव लड़ा है। कहां जा सकता है कि जाट बहुल इस सीट पर हमेशा से ही जाट नेताओं का दबदबा रहा है। 

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कौन-कौन से क्षेत्र सोनीपत लोकसभा सीट के अंतर्गत आते हैं? 

सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में 343 गांव शामिल हैं। सोनीपत लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हरियाणा राज्य के 10 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। सोनीपत में चार उप-मंडल शामिल हैं, जिसमें गन्नौर, सोनीपत,खरखौदा और गोहाना जिले सबसे बड़े तहसील हैं। इसमें एक नगर निगम सोनीपत और तीन नगरपालिका समितियां गन्नौर, गोहाना और खरखौदा में हैं।

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Sonipat Map, PC : Shutterstock

सोनीपत लोकसभा चुनाव परिणाम 2019 

सोनीपत सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमेश चंद्र कौशिक (Ramesh Chandra Kaushik) इस समय सांसद हैं। मोदी लहर में जीत दर्ज करके रमेश चंद्र कौशिक पहली बार संसद पहुंचे थे। रमेश चंद्र कौशिक को कुल 5,87,664 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के भूपेंदर सिंह हुड्डा को 4,22,800 वोट प्राप्त हुए थे। 

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राष्ट्रीय राजधानी समेत इन जिलों से घिरा है सोनीपत

 सोनीपत के अन्य छोटे शहरों में गन्नौर, सोनीपत, खरखौदा, गोहाना, कथुरा, मलिकपुर, मुरथल, मुडलाना और राई हैं। जनगणना के मुताबिक जिले की कुल जनसंख्या 14,50,001 है। जिला मुख्यालय सोनीपत में स्थित हैं। सोनीपत दिल्ली और उत्तर प्रदेश के राज्यों के साथ ही रोहतक जींद और पानीपत जिले के जिलो की सीमा से घिरा हुआ हैं। यमुना नदी जिले की सीमा की पूर्वी सीमा के साथ बहती है।

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PC : Shutterstock

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सोनीपत का महाभारत में भी है जिक्र

सोनीपत ने 22 दिसंबर 1972 को रोहतक से अलग होकर अलग जिले का रूप लिया। सोनीपत का अपना एक बहुत पुराना इतिहास रहा है। महाभारत की अवधि में स्वर्णप्रस्थ (सोनीपत) का नाम भी उल्लेखित है। जिसमें सोनीपत का जिक्र किया गया है।उपमंडल खरखौदा में छपड़ेश्वर मंदिर उन दिनों का इतिहास अपने अंदर समेटे हुए है जब महाभारत काल में यहां स्थित खांडव वन में श्रीकृष्ण और अर्जुन आकर ठहरे थे। श्रीकृष्ण और अर्जुन ने यहां कुबेर मंदिर की स्थापना कर पूजा-अर्चना की थी। 

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Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 26 January 2024 at 14:36 IST