अपडेटेड 7 April 2024 at 19:54 IST
हैदराबाद का सियासी रण! माधवी लता के निशाने पर असदुद्दीन ओवैसी, बोलीं- सच्चाई को बचाने के लिए लड़ाई
हैदराबाद से भारतीय जनता पार्टी से लोकसभा प्रत्याशी माधवी लता ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है।
- चुनाव न्यूज़
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Lok Sabha Election: हैदराबाद से भारतीय जनता पार्टी से लोकसभा प्रत्याशी माधवी लता ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनकी दोस्ती किंग्स दल से हो सकती है, जो वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा होने पर भी चुप रहते हैं... अब तो उन्हें सोचना पड़ेगा कि वे (असदुद्दीन ओवैसी) जीत हासिल करने कि लिए किस-किस को पालकर बड़ा कर रहे हैं।
वो खुद अपने आप को मुर्गी कह ले रहे हैं। जब खुद को मुर्गी समझते हैं, कमजोर समझते हैं तो हम और ऊपर वाला क्या कर सकता है। मुर्गी जाने क्या कर सकती है, क्या नहीं कर सकती है। 40 साल MP रहने के बावजूद आज अपने आप को मुर्गी की हैसियत पर लाए तो कुछ तो सच्चाई है, जो बाहर निकल रही है।
बीजेपी ने लोगों के दर्द को समझा- माधवी लता
बीजेपी लोगों के दर्द समझने के लिए ढेर सारी योजनाएं निकालती है। मुसलमान बेटी के दर्द और आंसू खत्म करने के लिए ट्रिपल तलाक रद्द किया। मोदी भाई हैं तो चारों तरफ शांति है। प्रधानमंत्री झूठ पसंद नहीं करते हैं। हम असद भाई की तरह बिना सबूत के बात नहीं करते हैं। हम सबूत के साथ आते हैं, अभी बहुत सारे सबूत हमारे पास हैं।
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बीजेपी उम्मीदवार माधवी लता ने अपनी सुरक्षा बढ़ाए जाने पर कहा, "ये Y+ सुरक्षा सिर्फ एक व्यक्ति से सच्चाई की लड़ाई को बचाने के लिए दी गई है।"
कौन हैं माधवी लता?
माधवी लता की पहचान भरतनाट्यम डांसर, सामाजिक कार्यकर्ता और अब भाजपा की ओर से उतारी गई उम्मीदवार के तौर पर हो गई है। मुस्लिम महिलाओं के लिए भी उसी तत्परता से काम करती हैं जितना सनातन के लिए। माधवी ट्रस्ट और संस्थानों के माध्यम से स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करती हैं। उनका सोशल मीडिया अकाउंट बताता है कि वो लोपामुद्रा चैरिटेबल ट्रस्ट और लतामा फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं। साथ ही वह कई सांस्कृतिक संगठनों से भी जुड़ी रहीं। एक गौशाला भी चलाती हैं और स्कूल-कॉलेजों में हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति पर भाषण भी देती हैं।
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भाजपा नेत्री का विरिंची नाम का अस्पताल भी है जिसकी वो चेयरपर्सन हैं। माधवी लता की ख्याति हिंदू समर्थक के तौर पर है।
पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं फिर भी...
माधवी लता का राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं रहा। वो खुद भी सक्रिय राजनेता नहीं थी। सुर्खियों में तब आईं, जब तीन तलाक को लेकर मुस्लिम महिलाओं की आवाज बनीं। विभिन्न मुस्लिम महिला समूहों ने इस मामले में शहर के अलग-अलग इलाकों में बात करने के लिए उन्हें बुलाया जाता रहा और उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी। लता असदुद्दीन की आलोचक भी मानी जाती हैं। खुलकर कहती हैं कि जीत को लेकर 110 परसेंट आशवस्त हैं। ओल्ड सिटी की गरीबी, बेबसी और पिछड़ेपन के लिए ओवैसी को जिम्मेदार मानती हैं। शायद यही वजह रही कि उन्हें पिछले बार के भागवत राव के मुकाबले ज्यादा बेहतर समझा गया और हैदराबाद से टिकट थमाया गया।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 7 April 2024 at 19:54 IST