अपडेटेड 17 March 2024 at 11:32 IST
Lok Sabha Election 2024: उत्तर से दक्षिण तक, देश की इन 10 हॉट सीटों पर है सबकी नजर
लोकतंत्र के महापर्व का बिगुल बज चुका है। इसके साथ ही दिग्गजों के इकबाल को तौलने का वक्त भी आ गया है। जनता तय करेगी की उनकी नुमाइंदगी कौन करेगा और किसका पत्ता सा
- चुनाव न्यूज़
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Lok sabha Election 2024 Hot seats: अगले लगभग ढाई महीनों तक चुनावी शोर होगा। आरोप प्रत्यारोप का दौर चलेगा और नजर उन कद्दावरों की सीट पर होगी जिनकी जीत-हार देश की राजनीति की दिशा और दशा तय करेंगे। उनके भविष्य के साथ ही भारत की कमान अगले 5 साल तक किसके हाथों में होगी ये भी स्पष्ट हो जाएगा। क्या एनडीए 400 पार का टारगेट हासिल कर लेगा या विपक्षी दलों का महागठबंधन मोदी रथ में ब्रेक लगाने में कामयाब रहेगा।
उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम भारत में यूं तो 543 सीट्स हैं लेकिन 10 सीटें ऐसी हैं जिन्हें हॉट सीट्स कह सकते हैं। भाजपा, कांग्रेस, आप, सपा समेत तमाम क्षेत्रीय दलों के कद्दावर अपना दम खम दिखाएंगे। वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी, अमेठी से केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी तो वायनाड से राहुल गांधी, हैदराबाद से ओवैसी तो वहीं, बीकानेर से केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल तो असम के डिब्रूगढ़ से केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ये 10 नामों में शामिल हैं जिन पर नजर गड़ा कर रखी गई है।
प्रधानमंत्री की हैट्रिक का भरोसा!
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर वाराणसी से चुनावी समर में उतरेंगे। बाबा विश्वनाथ की धरती से लगातार दो बार 2009 और 2019 में बंपर जीत हासिल कर नया कीर्तिमान स्थापित किया। 73 साल के पीएम तीसरी बार हैट्रिक लगाने के इरादे के साथ मैदान में होंगे। अगर ऐसा होता है तो देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। बनारसवासियों और जानकारों को उम्मीद पूरी है कि ऐसा करने में कामयाब रहेंगे। मोदी की गारंटी और विकसित भारत संकल्प से विजय पताका फहराने में कामयाब होंगे।
अमित शाह की बादशाहत
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक बार फिर गांधीनगर से लड़ेंगे। पिछली बार जीते थे तो इस बार भी जीत की संभावना पक्की है। वजह 370 से लेकर सीएए को लागू कर दिखाने की हिम्मत लोगों को रास आ गई है। मोदी 2.0 में भी रसूख तथास्तु है और नंबर 2 की हैसियत है ऐसा जानकार मानते हैं।
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राहुल गांधी वायनाड से
ग्रैंड ओल्ड पार्टी कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक हैं 53 साल के राहुल गांधी। एक बार फिर कांग्रेस ने इन्हें वायनाड से टिकट थमाया है। केरल के वायनाड से क्या दूसरी बार राहुल विजयी होंगे, इसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पिछली बार अमेठी और वायनाड दोनों जगह से लड़े लेकिन हाथ हार लगी। परिवार की अब तक की अविजित लोकसभा सीट से हार चौंकाने वाली थी। उन्हें स्मृति ईरानी ने मात दी थी। पार्टी केरल की इस संसदीय सीट को सुरक्षित मानती आई है हालांकि पेच ये है कि महागठबंधन की इनकी साथी सीपीआई एम ने भी अपनी उम्मीदवार एनी राजा का नाम घोषित कर मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
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स्मृति ईरानी पर नजर
स्मृति ईरानी अमेठी से सियासी पिच पर दोबारा अपना जौहर दिखाने को तैयार हैं। 2019 में राहुल गांधी को हरा अपना सिक्का जमाया। क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं और दावा है कि इस बार भी विजयी होंगी। एक तरफ भाजपा ने इनके नाम का ऐलान कर दिया है तो वहीं दूसरी ओर अपनी पारम्परिक सीट से राहुल इनके सामने होंगे या नहीं इसे लेकर कांग्रेस आलाकमान ने कुछ स्पष्ट नहीं किया है।

हैदराबाद से ओवैसी
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की सीट भी हाईप्रोफाइल मानी जाती है। हैदराबाद से फिर मैदान में हैं। 54 साल के ओवैसी ने इसका ऐलान किया। 4 बार लगातार जीते हैं और पांचवीं बार किस्मत आजमाने को तैयार हैं। उनका गढ़ है। इस बार भाजपा ने उनके मुकाबले माधवी लता को उतारा है। ओवैसी को टक्कर देने के लिए तैयार हैं और मुखरता से हिंदुओं का आह्वान कर रही हैं।
सर्बानंद सोनोवाल डिब्रूगढ़ से
असम के पूर्व सीएम और वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को असम की डिब्रूगढ़ सीट से टिकट दिया है। हाल ही में टिकट उम्मीदवारी का ऐलान होने के बाद शानदार स्वागत कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने किया। मौजूदा भाजपा सांसद रामेश्वर तेली की जगह पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामांकित होने के बाद सोनोवाल की डिब्रूगढ़ की यह पहली यात्रा थी।

बीकानेर से केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल
बीकानेर (आरक्षित) से एक बार फिर अर्जुन राम मेघवाल मैदान में होंगे। जीत का चौका लगा पाएंगे इस पर नजर होगी। लगातार 3 बार सीट पर काबिज रहे केन्द्र में मंत्री पद हासिल किया। पिछली बार 6 लाख से भी अधिक वोट से जीते थे। इस बार कांग्रेस की ओर से गोविंदराम मेघवाल को उतारा गया है।
आसनसोल सीट भी चर्चा में
पश्चिम बंगाल की अहम सीट है आसनसोल। टीएमसी ने पूर्व भाजपाई और दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता शत्रुघ्न सिंहा को रिपीट किया है। टीएमसी में शामिल होने के बाद इस सीट से टीएमसी ने उन्हें टिकट थमाया था। 2022 में उप चुनाव हुआ और वो यहां से जीत गए थे। बंपर जीत हासिल की थी। भाजपा ने इस सीट से पवन सिंह की घोषणा की थी लेकिन बाद में गायक ने खुद इनकार कर दिया था।
सुप्रिया सुले के सामने भाभी सुनेत्रा
एनसीपी शरदचंद्र धड़े ने बारामती से पार्टी अध्यक्ष शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को मैदान में उतारा है। उनके सामने सीनियर पवार के भतीजे अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा होंगी। ये शरद पवार का गढ़ रहा है लेकिन पवार बनाम पवार की वजह से हॉटसीट बन गया है। 1984 में शरद तो 1991 में भतीजे अजीत जीते थे। 2009 से सुप्रिया यहां से जीतती आई हैं।
बांसुरी बनाम सोमनाथ भारती
नई दिल्ली सीट भी चर्चा में है। दिवंगत पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने सोमनाथ भारती को टिकट थमाया है। यहां वकील बनाम वकील की लड़ाई है। बांसुरी अच्छी वक्ता हैं तो सोमनाथ भारती भी चर्चा में बने रहने का हुनर जानते हैं।
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 17 March 2024 at 11:26 IST