अपडेटेड 27 April 2024 at 08:22 IST

सारण के सियासी रण में लालू प्रसाद यादव की एंट्री! रोहिणी के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव, नामांकन किया दाखिल

सारण से राजद की रोहिणी आचार्य को राजीव प्रताप रूडी ही नहीं लालू प्रसाद यादव भी टक्कर देंगे! नॉमिनेशन दाखिल कर चुके हैं।

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rohini acharya vs lalu prasad yadav
रोहिणी आचार्य को टक्कर देंगे लालू प्रसाद यादव | Image: @RohiniAcharya2/x Grab

Lalu Prasad Yadav: लोकसभा चरण के 5वें चरण के लिए 26 अप्रैल को नामांकन पत्र दाखिल किए गए। बिहार की हॉटसीट सारण भी इनमें से एक है। यहां एक नाम नामांकन डे 1 ही सुर्खियां बटोर ले गया और वो है लालू प्रसाद यादव का। ये रोहिणी आचार्य और राजीव प्रताप रूडी को टक्कर देंगे। सोशल मीडिया पर इनका डंका बज रहा है। ये लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी (राजपा) से प्रत्याशी हैं।

पहली बार ऐसा नहीं हुआ है कि वो चुनावी समर में कूदे हों इससे पहले भी लोकल बॉडी से लेकर राष्ट्रपति चुनाव तक में ताकत झोंक चुके हैं। कुल मिलाकर 12 बार इलेक्शन में हाथ आजमाया है और अब 13वीं बार खुद को टेस्ट करने वाले हैं। सारण स्थित मढ़ौरा के रहने वाले हैं। राजपा के अध्यक्ष उपेंद्र साहनी हैं।

12 वीं पास लालू!

लालू प्रसाद यादव 12वीं पास हैं। मढ़ौरा Sub Divisional Court में कर्मचारी हैं।  पंचायत स्तर से चुनाव लड़ना शुरू किया था, और राष्ट्रपति तक के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था। समाजसेवा से जुड़े हैं और दावा करते हैं कि समाज की बेहतरी के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं, मंशा नेक है वो ये कि समाज के लिए कुछ कर सकें। सियासी पारी में 2001 से किस्मत आजमानी शुरू की। फिर 2006, 2009 और 2011 तक पंचायत चुनाव लड़ा। अच्छी बात ये है कि हार से कभी मायूस नहीं हुए। हौसले कभी पस्त नहीं पड़ने दिए।

राजपा के लालू प्रसाद यादव ने सारण से भरा पर्चा (सोर्स- सोशल मीडिया/x)

2014 से आजमा रहे लोकसभा में भाग्य

राजद सुप्रीमो से मेल खाते नाम वाले लालू प्रसाद यादव का विपक्ष से लड़ने का माद्दा भी उनकी ही तरह है। 2009 में लालू प्रसाद यादव बनाम लालू प्रसाद यादव की चर्चा चारों ओर रही थी।  2014 और 2019 में सारण लोकसभा से चुनाव लड़े और हार गए। दोनों चुनाव में जमानत भी गंवानी पड़ी । 2015  और 2020 में विधानसभा चुनावों में भी लड़ाई लड़ी लेकिन जीत का स्वाद चख नहीं पाए।  जज्बा ऐसा कि 2016 में सारण स्नातक निर्वाचन, 2020 में शिक्षक निर्वाचन, 2022 में त्रिस्तरीय निकाय एमएलसी चुनाव और 2023 में फिर से स्नातक निर्वाचन का चुनाव लड़े।

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राष्ट्रपति पद तक की दावेदारी

साल 2017 में इन्होंने दिल्ली जाकर राष्ट्रपति पद के लिए भी नामांकन पत्र दाखिल किया था। लालू प्रसाद यादव ने नामांकन पत्र दाखिल करते हुए 15 हजार रुपये जमानत राशि जमा की थी। लेकिन, इनका  नामांकन रद्द हो गया था। वो इसलिए क्योंकि इसके लिए निर्वाचक मंडल में से 50 प्रस्तावकों और प्रस्ताव के इतने ही समर्थकों के दस्तखत की जरूरी शर्त पूरी  नहीं कर पाए थे। हिम्मत ए मर्दा मदद ए खुदा, शायद इसी सूत्र को ध्येय बना लिया है तभी कहते हैं कि जब तक जीतेंगे नहीं सभी चुनाव लड़ते रहेंगे। 

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 27 April 2024 at 08:22 IST