अपडेटेड 28 May 2024 at 22:21 IST
काराकाट सीट: पवन सिंह और खेसारी की जनसभा में भीड़ हुई बेकाबू, जमकर झूमे लोग फिर हंगामा, VIDEO
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले 28 मई को पवन सिंह के साथ खेसारी लाल ने काराकाट के विभिन्न इलाकों में जनसभा की। इस दौरान जो हुआ वो गजब था!
- चुनाव न्यूज़
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Pawan Singh : बिक्रमगंज के हाई स्कूल मैदान में आयोजित जनसभा में ऐसा बवाल मचा कि सब देखते रह गए। अपने हीरो को मंच पर देखने के लिए लोग टूट पड़े। लोग मंच तक पहुंचने की जद्दोजहद में एक दूसरे को पछाड़ने की कोशिश में बैरिकेडिंग को धत्ता बता कुर्सियां ही तोड़ बैठे। भोजपुरिया स्टार्स ने हाई फाई चुनावी सभा की। हेलीकॉप्टर से 5 अलग अलग सभास्थलों पर पहुंचे और धूम मचा दी। चुनावी सभा का आगाज सही मायनों में गरदा उड़ा कर किया गया।
‘दो बिहारी सब पर भारी’
निर्दलीय प्रत्याशी पवन सिंह ने दो बिहारी सब पर भारी कहते हुए खेसारी लाल का स्वागत किया। जनसभा को संबोधित करते हुए खेसारी लाल ने कहा- हम छोटा भाई है। पवन सिंह के साथ हम भी काफी संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि काकाराट का विकास चाहते हैं तो पवन भइया को जीताइए। वो यही के बेटा-भाई है, जो आपलोगों का दर्ज समझेंगे।
'एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन का वोट काट…'
खेसारी लाल बोले- गरीबी और मौजूदा स्थिति में सुधार के लिए पवन सिंह को जीताना जरूरी है। इन्होंने भोजपुरी संगीत का परचम पूरी दुनिया में लहराया है। अब काराकाट में विकास के लिए आपलोग इनपर भरोसा कीजिए। इसके साथ ही चुनाव चिन्ह कैंची छाप दिखाते हुए कहा कि एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन का वोट काटकर पवन भइया को जीताइए।
‘विकास का काम करेंगे पवन भईया’
खेसारी ने बेकाबू होती भीड़ के सामने अपने पवन भईया की तारीफों के पुल बांधे। बोले- पवन भइया ने जिस तरह संगीत के क्षेत्र में बड़ा काम किया है। वैसे ही लोकसभा क्षेत्र में भी विकास का काम करेंगे। बता दें कि पवन सिंह का चुनाव चिन्ह कैंची छाप है। बिक्रमगंज में आयोजित सभा खत्म करने के बाद पवन सिंह और खेसारी लाल हेलिकॉप्टर से नासरीगंज, ओबरा, गोह और बारूण के लिए रवाना हो गए।
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काराकाट सीट का समीकरण
काराकाट लोकसभा क्षेत्र 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया। जहां तक जातीय समीकरण की बात है तो काराकाट लोकसभा क्षेत्र में यादव वोटर्स सबसे ज्यादा हैं। इनकी आबादी कुल 3 लाख है तो ढाई लाख कोइरी-कुर्मी, करीब डेढ़ लाख मुस्लिम, 2 लाख राजपूत, वैश्य 2 लाख, ब्राह्मण 75 हजार और भूमिहार आबादी 50 हजार के करीब है। यहां 2014 में उपेंद्र कुशवाहा जीते तो 2019 में हार का सामना करना पड़ा।2024 में उन्हें एनडीए गठबंधन में फिर आजमाया जा रहा है। कुशवाहा और राजाराम सिंह पुराने खिलाड़ी हैं तो पवन सिंह के साथ उनका स्टारडम है। जनता किसका साथ देगी किससे पलड़ा झटकेगी इसको लेकर कुछ हद तक स्पष्टता नामांकन वापिस लेने के दिन ही तय हो जाएगी!
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Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 28 May 2024 at 22:03 IST