अपडेटेड 20 October 2024 at 09:51 IST

सोरेन का दांव, लालू चित! झारखंड चुनाव से पहले सीटों के लिए ऐसी मारा-मारी, खुल गई INDI की सारी पोल

लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव झारखंड में विधानसभा चुनाव के जरिए राष्ट्रीय जनता दल को मजबूत करने में लगे हैं, लेकिन हेमंत सोरेन ने उम्मीदें तोड़ दी हैं।

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Hemant Soren and Lalu Prasad Yadav
हेमंत सोरेन और लालू यादव की पार्टी में सीट शेयरिंग पर विवाद हुआ। | Image: facebook/PTI

Jharkhand Elections: हेमंत सोरेन ने झारखंड में चुनावों से पहले ऐसा पासा फेंका है कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव हैरान हैं। हेमंत सोरेन के दांव में दो चीजें छिपी हो सकती हैं, जिसमें पहली राष्ट्रीय जनता दल ( RJD ) की झारखंड में बढ़ती ताकत को रोकना और दूसरी INDI गठबंधन के धर्म का पालन। फिलहाल तो हेमंत सोरेन ने एक झटके में तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी की सारी उम्मीदों को तोड़ दिया है। इससे INDI गठबंधन के भीतर राष्ट्रीय जनता दल की नाराजगी भी बढ़ने लगी है।

लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव झारखंड में विधानसभा चुनाव के जरिए राष्ट्रीय जनता दल को मजबूत करने की जुगत में लगे हैं। चुनावों में लालू यादव की पार्टी पूरा जोर लगा रही है। हालांकि INDI गठबंधन में राजद ( RJD ) की सहयोगी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के लीडर हेमंत सोरेन ने सीट बंटवारे की खुद घोषणा करके बड़ा झटा दे दिया है।

हेमंत सोरेन ने खेल दिया अपना खेल!

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की कि झारखंड विधानसभा चुनाव में INDI गठबंधन साथ मिलकर चुनाव लड़ेगा, जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस राज्य की 81 विधानसभा सीटों में से 70 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। आसान भाषा में कहें तो हेमंत सोरेन ने झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल के लिए मनमुताबिक सीटें नहीं छोड़ी हैं। 81 में से 70 में कांग्रेस-जेएमएम चुनाव लड़ेगी तो महज 11 सीटें बचेंगी, जो दूसरे सहयोगियों को दी जाएंगी। सोरेन ने खुद कहते हैं कि बाकी सीटों पर INDI गठबंधन के अन्य दल चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए राजद और वाम दलों के साथ बातचीत चल रही है। मतलब ये कि 11 सीटों में से भी राजद को वामदलों के साथ सीट बंटवारा करना पड़ेगा।

RJD को 2019 में मिली थीं 7 सीटें

2019 के विधानसभा चुनाव में UPA (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के हिस्से के रूप में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 43 सीटों, कांग्रेस ने 31 सीटों और राष्ट्रीय जनता दल ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था। UPA ने भारतीय जनता पार्टी की 25 सीटों के मुकाबले 47 सीटों पर जीत हासिल की थी।  झारखंड में विधानसभा चुनाव 13 नवंबर और 20 नवंबर को दो चरणों में होंगे। 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। हालांकि इस बार लालू यादव की पार्टी राजद 7 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोक रही है, जो हेमंत सोरेन देने के मूड में नहीं।

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बची 11 सीटों पर भी RJD को करना होगा बंटवारा

हेमंत सोरेन के फैसले से फिलहाल राजद ( RJD ) के भीतर नाराजगी साफ तौर पर देखी जा सकती है। आरजेडी सांसद मनोज झा कहते हैं, 'एकतरफा फैसला लिया गया। अलग-अलग जिलों में हमारी मौजूदगी बहुत मजबूत है, हम अपने गठबंधन के साथियों से आग्रह करेंगे कि वो उसी हिसाब से फैसला लें। हमारे प्रभारी यहां (झारखंड में) हैं, हमारे प्रदेश अध्यक्ष यहां हैं और कल से हमारे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी जी खुद यहां हैं। सबके होने के बावजूद अगर गठबंधन की प्रक्रिया में हमें शामिल नहीं किया तो ये दुख की बात है।' मनोज झा कहते हैं कि हमारी जो बैठक हुई, उसमें हमने अलग-अलग जिलों में 15 से 18 ऐसी सीटें चिन्हित की हैं, जहां हम अकेले भी बीजेपी को हराने में सक्षम हैं।

झारखंड में RJD के पास कौन-सा रास्ता बचा?

मतलब साफ है कि आरजेडी झारखंड में 15 से 18 सीटों की मांग कर रही है, जबकि हेमंत सोरेन की घोषणा के बाद सिर्फ 11 सीटें बची हैं, उनमें भी आरजेडी को वाम दलों के साथ बंटवारा करना होगा। ले देकर राजद को या तो पिछली बार की तरह 7 सीटें या उसी के इर्द-गिर्द की संख्या मिल सकती है, जिन पर उसे सब्र करना होगा। बहरहाल, इससे साफ है कि झारखंड चुनाव से पहले एक बार फिर INDI गठबंधन में सीट बंटवारे पर पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 20 October 2024 at 09:51 IST