अपडेटेड 1 October 2024 at 12:15 IST

J-K Elections 2024: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने परिवार संग डाला वोट, मतदान के बाद कही ये बात

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि दशकों बाद पहली बार इस तरह का माहौल देखने को मिल रहा है और यही जम्मू-कश्मीर में सच्चे अर्थ में मुख्यधारा का लोकतंत्र है।

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jitendra singh cast vote
जितेंद्र सिंह ने डाला वोट | Image: X

Jammu Kashmir Elections 2024: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में लोगों की उत्साहजनक भागीदारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों की सफलता और ‘‘सच्चे अर्थ में मुख्यधारा के लोकतंत्र’’ को दर्शाती है।

उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों, विशेषकर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस पर पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों, वाल्मीकि समाज और गोरखा समुदाय को उनकी ‘‘नागरिकता एवं मतदान के अधिकार’’ से वंचित करके अनुच्छेद 370 का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

परिवार संग जितेंद्र सिंह ने किया मतदान

उधमपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सिंह ने आज सुबह त्रिकुटा नगर मतदान केंद्र पर विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण में अपना वोट डाला। मंत्री के साथ उनकी पत्नी और बेटा भी थे।

प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्य मंत्री सिंह ने वोट डालने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘इस तरह का शांतिपूर्ण और (मतदान के लिए) उत्सव वाला माहौल प्रदान करने के लिए हम प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व के शुक्रगुजार हैं। दशकों बाद पहली बार इस तरह का माहौल देखने को मिल रहा है और यही जम्मू-कश्मीर में सच्चे अर्थ में मुख्यधारा का लोकतंत्र है।’’

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‘विधानसभा का कार्यकाल पांच साल का होगा'

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि देश के किसी भी अन्य हिस्से की तरह लोग बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए निकल रहे हैं। सिंह ने कहा, ‘‘आपको यह समझना चाहिए कि पिछले 35 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में यह पहला चुनाव है, जिसमें पाकिस्तान की ओर से हमले का आह्वान नहीं किया गया, अलगाववादियों द्वारा कोई बहिष्कार अभियान नहीं चलाया गया, कोई अलगाववादी नारा नहीं लगा... इसलिए मैं इस चुनाव को सच्चे अर्थ में मुख्यधारा का लोकतंत्र मानता हूं।’’ मंत्री ने कहा कि विधानसभा का कार्यकाल छह साल के बजाय पांच साल का होगा। 

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले शासकों ने अनुच्छेद 370 के बहाने विधानसभा का कार्यकाल छह साल रखा था। इंदिरा गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री) ने 1975 में आपातकाल के दौरान एक संशोधन पेश किया था और विधानसभाओं और संसद का कार्यकाल छह साल के लिए बढ़ा दिया था। कांग्रेस के समर्थन से जम्मू-कश्मीर में शासन कर रही नेशनल कांफ्रेंस ने बिना किसी दूसरे विचार के प्रस्ताव को पारित कर दिया था।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, जब जनता पार्टी सरकार ने तीन साल बाद संशोधन को रद्द कर दिया तो नेकां-कांग्रेस सरकार ने छह साल के शासन को जारी रखने के लिए अनुच्छेद 370 का इस्तेमाल किया। इस तरह से राजनीतिक वंशवादियों द्वारा अपने अपने फायदे के लिए अनुच्छेद 370 का दुरुपयोग किया जाता रहा। अनुच्छेद 370 से लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ।’’ सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों का उपयोग भाजपा नीत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए किया।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 1 October 2024 at 12:15 IST