अपडेटेड 8 September 2024 at 19:35 IST

'अफजल गुरु को फांसी नहीं तो क्या माला पहनाते?', उमर अब्दुल्ला के बयान पर आगबबूला हुए राजनाथ सिंह

अफजल गुरु की फांसी को लेकर उमर के बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि फांसी नहीं देते तो क्या माला पहनाते?

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Rajnath Singh
राजनाथ सिंह | Image: PTI

Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गलियारों की हलचल तेज हो गई है। बता दें, तमाम राजनीतिक दल के दिग्गज जनता के बीच पहुंच रहे हैं। आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहला विधानसभा चुनाव है। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गजों का जम्मू-कश्मीर के आवाम के बीच पहुंचने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर की जनता के बीच पहुंचे और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के अफजल गुरु वाले बयान को लेकर जमकर क्लास लगा दी।

बता दें, अफजल गुरु को दी गई फांसी को लेकर उमर अब्दुल्ला ने जो कहा था, उसपर उन्हें घेरते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, सिंह ने कहा, "मैंने सुना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला साहब ने कहा है कि अफजल गुरु को फांसी नहीं दी जानी चाहिए थी। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अफजल गुरु को फांसी नहीं दी जानी चाहिए थी, क्या उसे सार्वजनिक रूप से माला पहनाई जानी चाहिए थी? और ये लोग दावा करते हैं कि वे अनुच्छेद 370 को बहाल करेंगे।"

PoK के लोग कहेंगे हमें भारत के साथ जाना है: राजनाथ सिंह

उन्होंने कहा, "मैं आप सभी से जम्मू-कश्मीर में भाजपा की सरकार बनाने का आग्रह करता हूं और जम्मू-कश्मीर में विकास देखने के बाद पीओके के लोग कहेंगे कि हम पाकिस्तान के साथ नहीं रहना चाहते, हम भारत के साथ जाना चाहते हैं।"

अफजल गुरु की फांस को लेकर क्या था उमर का बयान?

न्यूज एजेंसी ANI के साथ इंटरव्यू के तदौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा था, "दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जम्मू-कश्मीर सरकार का अफजल गुरु की फांसी से कोई लेना-देना नहीं था। आपको राज्य सरकार की अनुमति से ऐसा करना पड़ता, जिसके बारे में मैं आपको स्पष्ट शब्दों में बता सकता हूं कि ऐसा नहीं होता। हम ऐसा नहीं करते। मुझे नहीं लगता कि उसे फांसी देने से कोई उद्देश्य पूरा हुआ।" हालांकि ये पहली दफा नहीं था जब उमर अब्दुल्ला ने अफजल गुरु की फांसी को गलत बताया। इससे पहले भी वो इस तरह का बयान दे चुके हैं।

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जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में होगा चुनाव

बता दें, जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। वहीं वोटों की काउंटिंग 8 अक्टूबर को की जाएगी। ध्यान देने वाली बात ये है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में ये पहला विधानसभा चुनाव है। उमर अब्दुल्ला दो निर्वाचन क्षेत्रों - गंदेरबल और बडगाम से चुनावी मैदान में उतरेंगे।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 8 September 2024 at 19:35 IST