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Published 22:49 IST, September 6th 2024

भारत आतंकवाद समाप्त होने तक पाकिस्तान से बातचीत के पक्ष में नहीं : अमित शाह की दो टूक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारत आतंकवाद समाप्त होने तक पाकिस्तान से बातचीत के पक्ष में नहीं है।

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Union Home Minister Amit Shah
Union Home Minister Amit Shah | Image: ANI

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारत आतंकवाद समाप्त होने तक पाकिस्तान से बातचीत के पक्ष में नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘बातचीत और बम एक साथ नहीं चल सकते।’’

शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का संकल्पपत्र जारी करते हुए ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने आतंकवादी गतिविधियां जारी रहने के बीच पाकिस्तान के साथ बातचीत की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 अब अतीत की बात हो गई है और कोई भी इसे बहाल नहीं कर सकता।

जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं हो जाता, तब तक कोई बात नहीं- शाह

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं हो जाता, हम पाकिस्तान के साथ बातचीत के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन, हम कश्मीर के युवाओं से निश्चित रूप से बात करेंगे।’’

पाकिस्तान के साथ वार्ता फिर से शुरू करने और नियंत्रण रेखा के पार व्यापार बहाल करने की राजनीतिक दलों की मांगों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में शाह ने कहा, ‘‘जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं हो जाता, हम इससे सहमत नहीं हो सकते।’’

उचित समय पर जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करेंगे- शाह

जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की मांग के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह मांग लोगों को गुमराह करने के लिए है। मैंने हमेशा इस मांग को स्वीकार किया है। उचित समय पर इसे (राज्य का दर्जा) बहाल किया जाएगा।’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 की बहाली के आश्वासन और कांग्रेस द्वारा नेकां को समर्थन से जुड़े सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने कहा, ‘‘नेकां का एजेंडा जमीन पर लागू नहीं हो सकता। अनुच्छेद 370 अतीत की बात है। यह इतिहास है। कोई भी इसे बहाल नहीं कर सकता।’’

चुनावों के जरिए अलगाववादियों के राजनीति में प्रवेश के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा, ‘‘मुझे अलगाववादियों की कोई चिंता नहीं है। जम्मू-कश्मीर के लोगों, खासकर घाटी के लोगों ने जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद मुक्त बनाने में नरेन्द्र मोदी जी का समर्थन करने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि आपका सवाल राहुल गांधी ने भी सुना होगा।’’

कांग्रेस की विशेषता है क्योंकि वे जो कहते हैं और जो करते हैं, उसमें अंतर होता - शाह

नेकां के घोषणापत्र और आरक्षण पर राहुल गांधी के रुख के बीच विरोधाभास की आलोचना करते हुए शाह ने कहा, ‘‘विरोधाभास है। यह कांग्रेस की विशेषता है क्योंकि वे जो कहते हैं और जो करते हैं, उसमें अंतर होता है।’’

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि गुज्जर बकरवाल, पहाड़ी, ओबीसी, दलित - हमने उन्हें जो आरक्षण दिया है - उसे कोई नहीं छीनेगा। हम निश्चित रूप से इसे जारी रखेंगे।’’

उमर अब्दुल्ला के दो सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए शाह ने कहा, ‘‘मैं क्या कह सकता हूं? पहले तो वह डर के कारण चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे। फिर उन पर दबाव पड़ने पर उन्होंने एक सीट पर चुनाव लड़ा। अब एक सीट काफी नहीं है, वह दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन उमर साहब, लोग आपके साथ नहीं हैं।’’

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की जम्मू-कश्मीर पर बाहरी लोगों के शासन संबंधी टिप्पणी पर शाह ने कहा, ‘‘अगर वह कहते हैं कि राष्ट्रपति शासन बाहरी लोगों का शासन है, तो मैं राहुल गांधी से कहना चाहता हूं कि आपकी सरकारों के दौरान जम्मू-कश्मीर में तीन बार राष्ट्रपति शासन लगा था। आपके तथाकथित मित्र तो उस समय घाटी में रहते ही नहीं थे। वे लंदन में थे। यहां लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया गया था।’’

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Updated 22:49 IST, September 6th 2024