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Published 15:11 IST, August 23rd 2024

J&K Election: PDP को छोड़ा और गठबंधन में साथ आई कांग्रेस-एनसी, किसके पक्ष में हैं कश्मीर के समीकरण?

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन में महबूबा मुफ्ती की पार्टी को जगह नहीं दी है, जबकि तीनों ही पार्टियां INDI गठबंधन में भागीदार हैं।

Reported by: Dalchand Kumar
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Congress-National Conference alliance without Mehbooba Mufti party PDP
कांग्रेस-एनसी ने गठबंधन में PDP को जगह नहीं दी। | Image: ANI/PTI

Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती INDI अलायंस में होने के बावजूद मुंह देखती रह गई हैं। लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव में INDI अलायंस के सहयोगियों ने महबूबा मुफ्ती को पूछा तक नहीं और अपना अलग गठबंधन कर लिया। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गुरुवार को चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की और कहा कि सीट बंटवारे पर बातचीत चल रही है।

अब्दुल्ला से मुलाकात के तुरंत बाद चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की। बैठक खत्म होने के बाद फारूक ने कहा कि कांग्रेस-एनसी विधानसभा चुनाव में सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उमर और फारूक अब्दुल्ला के बीच एक घंटे तक चली बैठक के बाद ये घोषणा की गई। गठबंधन की औपचारिक घोषणा एनसी संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर में की।

PDP को नहीं दी गठबंधन में जगह

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन में महबूबा मुफ्ती की पार्टी को जगह नहीं दी है, जबकि तीनों ही पार्टियां INDI गठबंधन में भागीदार हैं। ये पूछे जाने पर कि क्या पीडीपी गठबंधन का हिस्सा बनने जा रही है, एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस सवाल को टाल दिया। ऐसे में अगर समझा जाए तो इसके पीछे कारण कश्मीर घाटी की राजनीति, नेशनल कॉन्फ्रेंस की लोकसभा में जीती सीटों पर लाल झंडी और अनंतनाग सीट की लड़ाई को लेकर हो सकते हैं।

कठिन दौर से गुजर रही है PDP!

महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को कश्मीर के बदलते राजनीतिक परिदृश्य में प्रासंगिक बने रहने के लिए कठिन संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। एक समय में एक मजबूत ताकत रही पीडीपी पिछले विधानसभा कार्यकाल के दौरान बीजेपी के साथ अपने गठबंधन के कटुतापूर्ण अंत के बाद से बचाव की मुद्रा में है। घटते समर्थन और अपनी पार्टी के पिछले निर्णयों से निराश मतदाताओं के साथ पीडीपी राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए बाधाओं के खिलाफ लड़ रही है।

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किसके पक्ष में हैं कश्मीर के समीकरण?

पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों ही कश्मीर जोन में मजबूत हैं और दोनों दलों की घाटी में विशेष रूप से पारंपरिक प्रतिद्वंद्वता रही है। हालांकि जैसे-जैसे चुनाव अभियान तेज होता जा रहा है, एनसी-कांग्रेस गठबंधन मौजूदा राजनीतिक माहौल का फायदा उठाने के लिए अच्छी स्थिति में दिखाई दे रहा है। कहीं ना कहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस को लग रहा होगा कि इस पुराने चैप्टर (बीजेपी संग गठबंधन) की वजह से पीडीपी की पकड़ घाटी के वोटर्स पर कमजोर पड़ी है और इसका फायदा उसे मिल जाएगा।

नेशनल कॉन्फ्रेंस लोकसभा चुनाव में कश्मीर जोन में फायदा उठा चुकी है। कांग्रेस और एनसी ने एक-दूसरे के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ा था। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कश्मीर रीजन की 3 में से दो सीटें अनंतनाग और श्रीनगर जीतीं।

जम्मू कश्मीर विधानसभा (केंद्रशासित राज्य के तौर पर)

  • जम्मू - 43 सीटें
  • कश्मीर - 47 सीटें
  • कुल सीटें - 90

विधानसभा में बढ़त (2024 के लोकसभा नतीजों के मुताबिक)

  • नेशनल कॉन्फ्रेंस 34 विधानसभा क्षेत्रों में आगे रही।
  • बीजेपी 29 विधानसभा क्षेत्रों में आगे दिखी।
  • कांग्रेस 7 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बना रही थी।
  • पीडीपी 5 विधानसभा क्षेत्रों में आगे चल रही थी।

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में होगा चुनाव

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में लगभग 10 साल के बाद होने वाले चुनाव के लिए तीन चरणों में मतदान होगा, जो 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को निर्धारित हैं। जम्मू-कश्मीर के नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे, साथ ही हरियाणा के नतीजे भी घोषित किए जाएंगे, जहां 1 अक्टूबर को मतदान होगा।

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Updated 15:11 IST, August 23rd 2024