Published 19:57 IST, September 22nd 2024
पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए जम्मू कश्मीर में भाजपा सरकार जरूरी: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि आतंकवाद का सफाया होने तक पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि आतंकवाद का सफाया होने तक पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने इस बात पर जोर भी दिया कि जम्मू कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने और पड़ोसी देश को सबक सिखाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सत्ता में आना जरूरी है।
शाह ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी और अब्दुल्ला परिवार की आलोचना की तथा दावा किया कि उन्होंने आरक्षण खत्म करने के लिए हाथ मिला लिया है लेकिन उन्हें ऐसा करने नहीं दिया जाएगा।
मतगणना के बाद आपकी तथाकथित ‘मोहब्बत की दुकान’ बंद हो जाएगी- शाह
शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नारे ‘नफरत के बाजार में, मोहब्बत की दुकान’ पर कटाक्ष किया और कहा, ‘‘आठ अक्टूबर को मतगणना के बाद आपकी तथाकथित ‘मोहब्बत की दुकान’ बंद हो जाएगी।’’ गांधी इस नारे का इस्तेमाल अपनी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के दौरान अकसर करते थे।
गृह मंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी भी पत्थरबाज या आतंकवादी को रिहा नहीं किया जाएगा।
पच्चीस सितंबर को दूसरे चरण के मतदान से पहले भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना के समर्थन में नौशेरा में आयोजित एक चुनावी रैली में शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने के बाद भाजपा आतंकवादियों के साथ ‘बिरयानी’ खाने वाले तीन परिवारों की भूमिका को उजागर करने के लिए एक श्वेतपत्र जारी करेगी। उन्होंने जम्मू कश्मीर के युवाओं को ‘‘शेर’’ करार देते हुए कहा, ‘‘मैं जम्मू-कश्मीर के युवाओं से बात करना चाहता हूं।’’
शाह ने कहा, ‘‘आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने और पाकिस्तान को सबक सिखाने के अलावा शांति, समृद्धि और विकास के लिए जम्मू कश्मीर में भाजपा सरकार जरूरी है।’’
उन्होंने लोगों से भाजपा उम्मीदवारों, विशेषकर रैना को वोट देने का आग्रह किया। उन्होंने रैना की क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रशंसा की।
गृह मंत्री की पिछले दो दिनों में जम्मू क्षेत्र में यह छठी रैली थी। शाह शुक्रवार शाम तीन दिवसीय दौरे पर मंदिरों के शहर जम्मू पहुंचे। उन्होंने शनिवार को मेंढर, सुरनकोट, थानामंडी, राजौरी और अखनूर में पांच रैलियां कीं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन आतंकवादियों को रिहा करना चाहते हैं- शाह
शाह ने कहा, ‘‘वे (नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन) पत्थरबाजों और आतंकवादियों को रिहा करना चाहते हैं (जैसा कि उन्होंने अपने घोषणापत्र में वादा किया है)। फारूक अब्दुल्ला जम्मू की पहाड़ियों में आतंकवाद के फिर से पनपने की बात कर रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यह मोदी सरकार है और हम आतंकवाद को पाताल में दफना देंगे। किसी भी आतंकवादी या पत्थरबाज को रिहा नहीं किया जाएगा।’’
गृह मंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत गुरु नानक देव की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करके की। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पाकिस्तान के साथ बातचीत तथा नियंत्रण रेखा से सीमा पार व्यापार की बहाली के पक्ष में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं फारूक अब्दुल्ला और राहुल गांधी से कहना चाहता हूं कि जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता तब तक पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी। मैं अपने शेरों (जम्मू कश्मीर के युवाओं) से बात करूंगा, पाकिस्तान से नहीं।’’
शाह ने सीमा पर रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा वर्षों में बनाए गए भूमिगत बंकरों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे ढांचों की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि सीमा पार से ‘‘किसी के पास गोली चलाने की ताकत नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वो गलती से भी गोली चलाएंगे तो हम यहां से गोला चलाएंगे।’’
शाह ने आरक्षण के मुद्दे पर नेकां-कांग्रेस के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना की और कहा कि किसी को भी पहाड़ी, गुज्जर, दलित, अन्य पिछड़े वर्गों सहित वंचित वर्गों को दिए गए आरक्षण को छूने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी अमेरिका में कह रहे हैं कि आरक्षण की कोई जरूरत नहीं है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आपको पात्र समुदायों के लिए आरक्षण खत्म करने की इजाजत नहीं है।’’
गांधी और अब्दुल्ला परिवार आरक्षण खत्म करने के लिए एक साथ आए- शाह
शाह ने कहा, ‘‘गांधी और अब्दुल्ला परिवार आरक्षण खत्म करने, आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए एक साथ आए हैं और ‘मोहब्बत की दुकान’ से आतंकवाद के बारे में बात कर रहे हैं। आठ अक्टूबर को मतों की गिनती के बाद, आपकी तथाकथित ‘मोहब्बत की दुकान’ बंद होने जा रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अब्दुल्ला से पूछना चाहता हूं कि 30 साल के आतंकवाद, 40,000 लोगों की मौत, 3,000 दिनों से अधिक समय तक कर्फ्यू के लिए कौन जिम्मेदार है... जब कश्मीर जल रहा था, तब आप लंदन में अपनी छुट्टियां मना रहे थे।’’
शाह ने कहा कि मोदी सरकार सत्ता में आई और ‘‘आतंकवादियों का सफाया किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव के बाद जब हमारी सरकार बनेगी, हम आतंकवाद पर एक श्वेतपत्र लाएंगे और तीन खानदानों - कांग्रेस, अब्दुल्ला और मुफ्ती को पूरी तरह से बेनकाब करेंगे। हम देखेंगे कि घाटी में आतंकवाद कौन लाया और किसके निर्देश पर, आतंकवादियों के साथ ‘बिरयानी’ का किसने आनंद लिया। हम सबकुछ उजागर करेंगे।’
लोगों से यह सवाल करते हुए कि 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाना अच्छा था या बुरा, शाह ने कहा कि अब्दुल्ला इसकी बहाली की बात कर रहे हैं ‘‘लेकिन कोई भी इसे वापस नहीं ला सकता।’’
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में तिरंगा शान से लहरा रहा है और वे नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के राज्य ध्वज को बहाल करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब्दुल्ला जो भी आपके बस में है, वह करें! लेकिन हमारे प्यारे तिरंगे के अलावा कश्मीर में कोई और झंडा नहीं फहरेगा।’’
नेशनल कॉन्फ्रेंस ‘शंकराचार्य पर्वत का नाम बदलकर तख्त-ए-सुलेमान रखना चाहती है- शाह
गृह मंत्री ने दावा किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ‘शंकराचार्य पर्वत का नाम बदलकर तख्त-ए-सुलेमान और हरि पर्वत का नाम कोह-ए-मारन’ रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसी के पास ऐसा बदलाव करने की शक्ति नहीं है और श्रीनगर की दो पहाड़ियों को अनंत काल तक उनके नाम से ही जाना जाएगा।
उन्होंने 18 सितंबर को पहले चरण के मतदान का जिक्र करते हुए कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सरकार नहीं बनाने जा रहा है क्योंकि मतदान में उसका सूपड़ा साफ हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘25 सितंबर को होने वाले अगले चरण के चुनाव में भी उसका यही हश्र होगा।’’
शाह ने रेलवे, सड़क, बिजली और स्वास्थ्य क्षेत्र की परियोजनाओं का जिक्र किया तथा कहा कि मोदी सरकार विकास कार्यों को और तेज करेगी एवं जम्मू क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी जिसे वर्षों से सरकारों ने ‘‘अनदेखा’’ किया है।
Updated 19:57 IST, September 22nd 2024