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Published 11:11 IST, September 8th 2024

पहले कांग्रेस, अब AAP के भीतर से उठी मुखर आवाज... क्या हरियाणा में नहीं हो पाएगा गठबंधन?

सोमनाथ भारती आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनावों के दौरान दिल्ली की स्थिति को याद दिला रहे हैं और कांग्रेस के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं।

Reported by: Dalchand Kumar
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Aam Aadmi Party-Congress alliance
हरियाणा में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन पर पेंच फंसा। | Image: facebook

Haryana Election News: ऐसा लगने लगा है कि हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की बात ठंडे बस्ते में जा चुकी है। हरियाणा में उम्मीदवारों के नामांकन भरने के लिए महज 4 दिन बचे हैं। 12 सितंबर नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख है, लेकिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट फॉर्मूला तक तय नहीं हुआ है। बल्कि इसके ठीक उलट पहले कांग्रेस और अब आम आदमी पार्टी के नेता गठबंधन के लिए राजी नहीं दिख रहे हैं। हरियाणा में गठबंधन का AAP नेता सोमनाथ भारती ने भी खुलकर विरोध किया है।

90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को चुनाव होना है। बीजेपी को तीसरी बार सत्ता में लौटने की उम्मीद है और इधर 10 साल से विपक्ष में बैठी कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनाव राज्य में पार्टी को जिंदा की लड़ाई है। चुनावी तैयारियों के बीच कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था। राहुल गांधी ने गठबंधन का संकेत दिया था और फिर संजय सिंह ने भी स्वागत किया था। लेकिन कई दौर की मीटिंग अब तक बेनतीजा रही है। इधर पार्टी नेताओं के गठबंधन के विरोध में सुर उठने लगे हैं वो अलग।

सोमनाथ भारती ने कांग्रेस से गठबंधन का विरोध किया

सोमनाथ भारती आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनावों के दौरान दिल्ली की स्थिति को याद दिला रहे हैं और कांग्रेस के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं। AAP नेता सोमनाथ भारती कहते हैं, ‘हरियाणा में आप-कांग्रेस गठबंधन होने से पहले आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में बने इसी तरह के गठबंधन की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना चाहिए। AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए रोड शो किए। AAP के वरिष्ठ नेताओं और कैबिनेट मंत्रियों ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया, लेकिन AAP उम्मीदवारों को, खासकर मुझे कांग्रेस नेताओं का बिल्कुल भी समर्थन नहीं मिला।’

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सोमनाथ भारती का दावा है कि 'वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने मिलने से भी इनकार कर दिया, जितेंद्र कोचर (मालवीय नगर में) जैसे स्थानीय नेताओं ने इस गठबंधन के खिलाफ काम किया और कथित तौर पर पैसे के लिए बीजेपी के सांसद उम्मीदवार के लिए वोट मांगे। हमारे संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस के वोटों को हमारे पक्ष में एकजुट करने के लिए राहुल गांधी या प्रियंका गांधी या खड़गे का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया।' सोमनाथ भारती का कहना है कि आप के समर्थक इस तरह के बेमेल और स्वार्थी गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं और आप को हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहिए।'

कांग्रेस से भी उठीं गठबंधन के खिलाफ आवाजें

इसके पहले कांग्रेस के भीतर से भी गठबंधन के खिलाफ आवाजें मुखर हुईं। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला कह रहे थे कि हम आम आदमी पार्टी के बिना भी सक्षम हैं, लेकिन गठबंधन पर आलाकमान फैसला लेगा। कैप्टन अजय सिंह यादव ने भी कहा कि अगर कोई मजबूरी है, तो ये आलाकमान को तय करना है कि वो अन्य राज्यों में भी उनके साथ समझौता करना चाहते हैं या नहीं। पिछले दिनों कैप्टन अजय यादव ये भी कह रहे थे कि जहां तक मेरी निजी राय है, हरियाणा में कांग्रेस को गठबंधन की जरुरत नहीं है। चर्चाएं चल रही हैं कि भूपेंद्र हुड्डा गुट भी गठबंधन के पक्ष में नहीं है।

AAP-कांग्रेस गठबंधन पर कहां पेंच फंसा?

जहां तक गठबंधन की बात है, बताया जाता है कि कांग्रेस और AAP के बीच सीटों को लेकर पेंच फंसा है। कई दिनों से चर्चाएं हो रही हैं कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी तकरीबन 9 सीटें चाहती है, लेकिन कांग्रेस उसके लिए महज 4-5 सीटें छोड़ने के पक्ष में दिखी है। उसके अलावा भी बिना गठबंधन कांग्रेस पहले ही 32 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार चुकी है। दूसरी लिस्ट जल्द जारी होने की संभावनाएं हैं। इधर आम आदमी पार्टी अभी चिंतन मंथन में लगी है।

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Updated 11:12 IST, September 8th 2024