Updated March 17th, 2019 at 14:37 IST
बिहार में महागठबंधन टूट के कगार पर, तेजस्वी यादव और राहुल गांधी में 11 बनाम 8 की लड़ाई में फंसा है पेंच
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर आपसी सहमति नहीं बन पा रही है।
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बिहार में लोकसभा चुनावों से पहले सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में पेंच फंसता नजर आ रहा है। महागठबंधन के घटक दलों आरजेडी , कांग्रेस , रालोसपा और हम के बीच सीटों को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। जानकारी के बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस से राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने नाराज होकर घोषणा कर दी कि कांग्रेस 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। इससे नाराज होकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कांग्रेस पर इशारों ही इशारों में तंज़ कसते हुए अहंकारी बताया है।
जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर आपसी सहमति नहीं बन पा रही है। कांग्रेस 11 सीटों पर कैंडिडेट के नामों का दावा कर चुकी है जबकि आरजेडी राज्य में 8 सीटों से ज्यादा देने के लिए तैयार नहीं है। अंदर से एक खबर यह भी आ रही है कि रालोसपा 5 सीटों की मांग पर अड़ी हुई है लेकिन कांग्रेस उपेन्द्र कुशवाहा को 5 सीटें देने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस का कहना है कि अगर रालोसपा को पांच सीटें चाहिए तो इसको लेकर राजद को अपनी सीटों में से हिस्सा देना होगा। जानकारी के अनुसार ज्यादा पेंच पूर्वी चंपारण को लेकर फंसा हुआ है। इसी सीट को लेकर कांग्रेस और रालोसपा दोनों अड़े हुए हैं। इस सीट से जहां कांग्रेस के एक सीनियर नेता दावेदारी को लेकर अड़े हैं तो कुशवाहा की पार्टी के एक नेता ने भी अपनी उम्मीदवारी का दावा कर इसमें पेंच फंसा दिया है।
तेजस्वी यादव ने यह संकेत दिया है कि यदि गठबंधन टूट जाता है तो अल्पसंख्यकों वोटरो को एक संदेश मिलना चाहिए कि आरजेडी इसके लिए जिम्मेदार नहीं है।
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Published March 17th, 2019 at 14:36 IST