Advertisement

Updated May 6th, 2024 at 17:47 IST

Gandhinagar Seat: बीजेपी की नजर अमित शाह की रिकॉर्ड जीत पर, कांग्रेस का गणित क्या कह रहा है?

कांग्रेस ने अमित शाह के खिलाफ सोनल पटेल को मैदान में उतारा है। शाह ने 2019 के चुनाव में साढ़े पांच लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।

amit shah and sonal patel
अमित शाह और सोनल पटेल | Image:Facebook
Advertisement

Gandhinagar Parliamentary Constituency: गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस द्वारा कोई मजबूत उम्मीदवार खड़ा नहीं किए जाने के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने मौजूदा सांसद एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए 10 लाख से अधिक मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत की उम्मीद कर रही है। अतीत में मुख्य रूप से इस शहरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज नेता कर चुके हैं। हालांकि यह सीट 1989 से भाजपा का गढ़ रही है, लेकिन जब कांग्रेस ने टी एन शेषन और राजेश खन्ना जैसे दिग्गज लोगों को अपना उम्मीदवार बनाया तो यहां दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था। साल 2019 में गांधीनगर सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में आडवाणी की जगह शाह ने चुनाव लड़ा था। गुजरात में आम चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को 26 लोकसभा सीट में से 25 पर मतदान होगा।

कांग्रेस ने इस बार शाह के खिलाफ अपनी गुजरात महिला इकाई की अध्यक्ष सोनल पटेल को मैदान में उतारा है। शाह ने 2019 के चुनाव में साढ़े पांच लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। स्थानीय भाजपा नेताओं ने कहा कि पार्टी का लक्ष्य जीत के इस अंतर को 10 लाख से अधिक के आंकड़े तक पहुंचाना है। वर्ष 2019 में भाजपा के सीआर पाटिल ने गुजरात की नवसारी सीट से अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी को 6.9 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था। यह 2019 के चुनाव में देश में जीत का सबसे बड़ा अंतर था। दस लाख के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर शाह ने हाल में संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मेरी जीत का अंतर 2019 से कहीं ज्यादा होगा।’’

Advertisement

अमित शाह ने 18 अप्रैल को पर्चा भरा था

संबंधित लोकसभा क्षेत्र के नारणपुरा से विधायक रह चुके शाह ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा था, ‘‘मैं भाजपा का एक सामान्य कार्यकर्ता था और यहां पोस्टर चिपकाता था। मैंने लगभग 30 वर्षों तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।’’ शाह ने पूर्व में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फैसला किया है कि भारत 2036 के ओलंपिक के लिए दावेदारी पेश करेगा और खेलों का आयोजन गांधीनगर-अहमदाबाद में किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने अपना पर्चा दाखिल करने से एक दिन पहले 18 अप्रैल को निर्वाचन क्षेत्र में एक रोड शो किया था।

Advertisement

गांधीनगर में 21.5 लाख पंजीकृत मतदाता

निर्वाचन क्षेत्र में 21.5 लाख पंजीकृत मतदाता (11.04 लाख पुरुष, 10.46 लाख महिला और 70 तृतीय लिंग) हैं। इसमें गांधीनगर उत्तर, कलोल, साणंद, घाटलोदिया, वेजलपुर, नारणपुरा और साबरमती विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। अहमदाबाद क्षेत्र में आने वाली पांच शहरी सीट (घाटलोदिया, वेजलपुर, नारणपुरा, साबरमती और साणंद) सहित सभी सात सीट 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा ने जीती थीं।

Advertisement

कांग्रेस उम्मीदवार सोनल पटेल क्या कहती हैं?

वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार सोनल पटेल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि शाह का मुकाबला करने के लिए एक स्थानीय उम्मीदवार बेहतर है। उन्होंने कहा, "बाहर से मजबूत उम्मीदवार लाने में दो समस्याएं हैं। व्यक्ति को क्षेत्र के बारे में कुछ भी पता नहीं होता है और और जब वह हार के बाद चला जाता है, तो एक खालीपन आ जाता है।" अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की सचिव सोनल पटेल ने यह भी कहा कि उन्होंने "अमित भाई" को अपनी तरह ही जमीनी स्तर के कार्यकर्ता के रूप में देखा है जो अपनी पार्टी में आगे बढ़े। पटेल ने कहा, "मैंने पार्टी से टिकट नहीं मांगा था क्योंकि मैं कांग्रेस के महाराष्ट्र से संबंधित कार्य में व्यस्त थी, जहां मैं मुंबई और पश्चिमी महाराष्ट्र की सह-प्रभारी हूं। पार्टी ने मुझे यह चुनाव लड़ने के लिए कहा और मैंने इसे स्वीकार कर लिया।"

Advertisement

स्थानीय भाजपा नेताओं के इस दावे पर कि शाह की जीत का अंतर 10 लाख से अधिक होगा, पटेल ने कहा कि यह संभव नहीं है क्योंकि निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 21 लाख है और आमतौर पर उनमें से लगभग 60 प्रतिशत लोग ही वोट देने जाते हैं। उन्होंने कहा, "अगर वे ईवीएम में गड़बड़ी नहीं करते हैं तो यह असंभव काम है।" कांग्रेस कार्यकर्ता निमेश पटेल ने कहा कि पिछली बार पार्टी उम्मीदवार सीजे चावड़ा को 3.5 लाख से अधिक वोट मिले थे। उन्होंने कहा, ''इस बार कांग्रेस को अधिक वोट मिलने की उम्मीद है।’’ चावड़ा हाल में भाजपा में शामिल हो गए थे।

1991 से 2014 तक आडवाणी गांधीनगर से 6 बार जीते

वर्ष 1999 के आम चुनाव में कांग्रेस ने आडवाणी के खिलाफ शेषन को मैदान में उतारा था जो मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्य करते हुए अपने अडिग रुख के लिए जाने जाते थे। शेषन हार गए थे लेकिन कड़ी टक्कर देने में सफल रहे थे। वहीं, 1998 में कांग्रेस ने गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक पी.के. दत्ता को आडवाणी के खिलाफ मैदान में उतारा था। साल 1991 से 2014 तक आडवाणी गांधीनगर से छह बार जीते, 1996 को छोड़कर जब वाजपेयी ने इस सीट के साथ-साथ लखनऊ से भी चुनाव लड़ा था। दोनों सीट से निर्वाचित होने के बाद वाजपेयी ने लखनऊ सीट अपने पास रखी थी। इसके बाद गांधीनगर सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा के विजय पटेल के खिलाफ बॉलीवुड सुपरस्टार राजेश खन्ना को मैदान में उतारा था लेकिन वह हार गए थे।

Advertisement

Published May 6th, 2024 at 17:47 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

16 घंटे पहलेे
16 घंटे पहलेे
3 दिन पहलेे
4 दिन पहलेे
4 दिन पहलेे
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo