अपडेटेड 30 March 2024 at 11:31 IST

पप्पू यादव, कन्हैया कुमार से संजय निरुपम तक...चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपनों संग ही कर दिया 'खेला'!

पप्पू यादव, कन्हैया कुमार और संजय निरुपम लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उनकी सीटें अपने गठबंधन के साथियों को दे दी हैं।

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मल्लिकार्जुन खड़गे, पप्पू यादव, कन्हैया कुमार और संजय निरुपम | Image: ANI/PTI

Lok Sabha Election 2024: ना पप्पू यादव का 'प्रेशर' काम आया है, ना कन्हैया कुमार अपनी सीट पक्की कर पाए और ना ही मुंबई में संजय निरुपम के तेवर उन्हें टिकट दिला पाए। ये उन कांग्रेसियों का हाल है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में 2024 के लोकसभा चुनाव का चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी करके बैठे थे। हालांकि अपना वजूद बचाने के लिए कांग्रेस ने पप्पू यादव और संजय निरुपम जैसे नेताओं के साथ ही खेला कर दिया है।

कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह गैर-एनडीए दलों और खासकर INDI गठबंधन पर अधिकार जमा लिया था, सिर पर लोकसभा चुनाव आते ही आज नौबत स्टेट पार्टियों के सामने आत्मसमर्पण तक आ चुकी है। इस आत्मसमर्पण में कांग्रेस की अपना भविष्य बचाने की मजबूरी दिखाई पड़ती है और इसीलिए शायद कांग्रेस को अपने नेताओं की भावना से खेलना पड़ा है।

पप्पू यादव संग पूर्णिया में 'खेला'

बिहार में कांग्रेस-राजद और लेफ्ट पार्टियों ने शुक्रवार को सीट बंटवारे की घोषणा की। पप्पू यादव पूर्णिया सीट पर अपनी दावेदारी कई दिनों से ठोक रहे थे। पूर्णिया सीट के लिए पप्पू यादव ने मरने जीने तक का संकल्प ले रखा था। पिछले दिनों उन्होंने यहां तक कहा कि वो मर जाएंगे, लेकिन पूर्णियां के लोगों की भावनाओं को धोखा नहीं देंगे। हालांकि यहां कांग्रेस ने जरूर पप्पू यादव को 'धोखा' दे दिया है। पप्पू यादव पिछले दिनों ही कांग्रेस में आए थे और अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय कर लिया था। फिर भी कांग्रेस ने ये सीट राजद के लिए छोड़ दी है। महागठबंधन में सीट बंटवारे के तहत पूर्णिया से राजद चुनाव लड़ेगी।

इससे पप्पू यादव के तेवर तल्ख हैं। वो कह रहे हैं कि हर परिस्थिति में पूर्णिया में कांग्रेस के झंडा की जीत होगी। कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने पूर्णियां से कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ने का दावा किया है और 4 अप्रैल को पूर्णियां सीट से नामांकन भी दाखिल कर सकते हैं।

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कन्हैया कुमार भी ठगे गए!

हालांकि बिहार की एक और सीट है, बेगूसराय। चर्चाएं लंबे समय से थीं कि बेगूसराय से कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार चुनाव लड़ना चाहते हैं। क्योंकि 2019 में भी उन्होंने यहां से चुनाव लड़ा था। इस बार भी कन्हैया कुमार को उम्मीद होगी कि कांग्रेस उन्हें टिकट देती, लेकिन पार्टी ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है। वो इसलिए कि पूर्णिया की तरह बेगूसराय सीट पर कांग्रेस छोड़ चुकी है। लेफ्ट को बेगूसराय सीट मिली है। इससे अब कन्हैया कुमार के राजनीतिक भविष्य पर बड़ा सवाल खड़ा हो चुका है।

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मुंबई में संजय निरुपम संग भी हुआ 'धोखा'

पप्पू यादव और कन्हैया कुमार जैसा हाल मुंबई में संजय निरुपम का हुआ है। कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना-यूबीटी के साथ एमवीए का हिस्सा हैं। ये पार्टियां सीट बंटवारे का दावा तो करती हैं, मगर असल में कुछ सीटों पर इनके बीच विवाद का ढक्कन खुला है। ऐसे ही एक सीट मुंबई की उत्तर पश्चिम है। उत्तर पश्चिम मुंबई सीट से कांग्रेसी संजय निरुपम का नाम उठ रहा था। वो मजबूत दावेदार माने जा रहे थे। संजय निरुपम भी यहां चुनाव लड़ने की जबरदस्त तैयारी करके बैठे थे। हालांकि अब कांग्रेस की बजाय यहां से उद्धव गुट का प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है। उद्धव ठाकरे ने पिछले दिनों शिवसेना-यूबीटी के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, जिसमें उत्तर पश्चिम मुंबई से अमोल कीर्तिकर को उम्मीदवार बनाया गया है।

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 30 March 2024 at 09:51 IST