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Updated May 24th, 2024 at 20:25 IST

Delhi Lok Sabha Election: वोटिंग से पहले जान लें 7 सीटों पर कहां से कौन उम्मीदवार, किसका पलड़ा भारी?

दिल्ली लोकसभा चुनाव में BJP और कांग्रेस-आम आदमी पार्टी गठबंधन के बीच दोतरफा मुकाबला है। बीजेपी राष्ट्रीय राजधानी की सभी 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

Reported by: Dalchand Kumar
manoj tiwari, kanhaiya kumar and bansuri swaraj
मनोज तिवारी, कन्हैया कुमार और बांसुरी स्वराज | Image:Facebook
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Delhi Election 2024: दिल्ली की जनता संसद में अपना नया प्रतिनिधि चुनने के लिए तैयार है। दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर 25 मई (शनिवार) को लोकसभा चुनाव के छठे चरण में मतदान होगा। परंपरा के अनुसार, दिल्ली में आम चुनाव आमतौर पर एक ही चरण में आयोजित किए जाते हैं। 2024 में भी भारत के चुनाव आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में 18वीं लोकसभा चुनाव एक ही चरण में कराने का विकल्प चुना है। दिल्ली के अलावा उसी दिन (25 मई) 7 राज्यों की 51 लोकसभा सीटों पर भी वोटिंग होगी। मौजूदा लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान के लिए प्रचार गुरुवार को समाप्त हो रहा है।

दिल्ली लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस-आम आदमी पार्टी गठबंधन के बीच दोतरफा मुकाबला है। बीजेपी राष्ट्रीय राजधानी की सभी 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे के समझौते के तहत कांग्रेस जहां 3 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है, वहीं AAP 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस चांदनी चौक, उत्तर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली में चुनावी मैदान में है। INDI गठबंधन के तहत AAP नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली में चुनाव लड़ रही है।

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7 सीटों पर कहां से कौन उम्मीदवार?

चांदनी चौक: पिछले दो लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक सीट बीजेपी के खाते में रही है। पहले 2014 और फिर 2019 में बीजेपी ने हर्षवर्धन को टिकट दिया था, जो जीत हासिल करने में सफल रहे थे। इस बार बीजेपी ने हर्षवर्धन की जगह प्रवीण खंडेलवाल को मैदान में उतारा है। कांग्रेस से जेपी अग्रवाल हैं।

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नई दिल्ली: यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी की बांसुरी स्वराज और आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती के बीच है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मीनाक्षी लेखी ने यहां बीजेपी का कमल खिलाया। इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला है।

ईस्ट दिल्ली: 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से महेश गिरी जीते थे। उसके बाद 2019 में पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने ये सीट जीतकर बीजेपी के खाते में डाली। दोनों ही चुनावों में यहां बीजेपी का खाता खुला। इस बार गौतम गंभीर की जगह हर्ष मल्होत्रा बीजेपी के टिकट पर लड़ रहे हैं, जिनका मुकाबला AAP के कुलदीप कुमार से है।

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नॉर्थ ईस्ट दिल्ली: 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट पर बीजेपी को जीत दिलाने वाले मनोज तिवारी को तीसरी बार भी जीत की उम्मीद है। मनोज तिवारी अकेले नेता हैं, जिनका टिकट बीजेपी ने दिल्ली में रिपीट किया है। मनोज तिवारी का यहां मुकाबला कांग्रेस के कन्हैया कुमार से होगा।  

नॉर्थ वेस्ट दिल्ली: इस सीट से हंसराज हंस मौजूदा सांसद हैं, लेकिन बीजेपी ने इस बार योगेंद्र चंदोलिया को टिकट दिया है। 2019 से पहले 2014 में भी ये सीट बीजेपी के खाते में रही। उस समय उदित राज ने बीजेपी को दिलाई। हालांकि उदित राज अब कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।  

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वेस्ट दिल्ली: प्रवेश वर्मा वेस्ट दिल्ली लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहे हैं। उन्होंने 2014 और फिर 2019 में यहां बीजेपी को जीत दिलाई। फिलहाल बीजेपी ने कमलजीत सहरावत को टिकट दिया है, जिनको आम आदमी पार्टी के महाबल मिश्रा टक्कर दे रहे हैं।

साउथ दिल्ली: 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां परचम लहराया। पिछले दो चुनावों में रमेश बिधूड़ी ने बीजेपी को जीत दिलाई थी। इस बार रामवीर सिंह बिधूड़ी को बीजेपी ने टिकट दिया है, जबकि उनकोे सामने आम आदमी पार्टी के सहीराम पहलवान हैं।

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किसका पलड़ा भारी?

पिछले दो लोकसभा चुनावों (2014 और 2019) के पैटर्न को समझा जाए तो बीजेपी का पलड़ा INDI गठबंधन के मुकाबले ज्यादा भारी है। पिछले दो चुनावों में बीजेपी ने यहां क्लीन स्वीप किया है। 2024 में दिल्ली के स्थानीय मुद्दों पर बीजेपी का जबरदस्त कैंपेन लीड दिला सकता है। इसके अलावा स्वाति मालीवाल का पिटाई कांड और भ्रष्टाचार के मामले में अरविंद केजरीवाल समेत कई AAP नेताओं की गिरफ्तारी जैसे मुद्दे भारतीय जनता पार्टी का दिल्ली में फायदा करा सकते हैं।

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सबसे दिलचस्प ये कि INDI गठबंधन में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों हैं, लेकिन दोनों का ये गठबंधन राष्ट्रीय राजधानी में मजबूरी वाला ज्यादा दिखा है। इसलिए कि शुरुआत में गठबंधन को लेकर तकरार थी। जैसे-तैसे करके गठबंधन बना भी, लेकिन अंदरखाने कांग्रेसियों ने जमकर आम आदमी पार्टी का विरोध किया है। अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि अरविंदर सिंह लवली ने AAP की खिलाफत करते हुए ही दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और बाद में पार्टी भी छोड़ दी थी। ऐसे में गठबंधन की दरार दिल्ली में INDI गठबंधन की लड़ाई को कमजोर बना चुकी है और इसका अंजाम हार भी हो सकती है।

ऐसे में संभावनाएं ज्यादा हैं कि इस बार की संभावनाएं ज्यादा हैं कि बीजेपी फिर दिल्ली में 7-0 से क्लीन स्वीप कर सकती है। बहरहाल, फैसला जनता के हाथ है, जो 25 मई को लिखने वाली है। नतीजे 4 जून को पता चल जाएंगे।

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Published May 23rd, 2024 at 12:20 IST

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