अपडेटेड 27 January 2025 at 16:19 IST

दिल्ली चुनाव में खूब हो रहा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन, अब तक 22 हजार से अधिक गिरफ्तारी, 730 से अधिक मुकदमे

Delhi News: दिल्ली में 7 जनवरी से आदर्श आचार संहिता लागू है। 7 जनवरी से 26 जनवरी तक आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में 738 से मामले दर्ज किए गए हैं।

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Delhi Police
दिल्ली चुनाव में खूब हो रहा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन | Image: ANI

Delhi election 2025: दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। जिसके चलते राजधानी में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct - MCC) लागू है, लेकिन लोग इसका जमकर उल्लंघन कर रहे हैं। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपट रही है। आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक उल्लंघन के आरोप में 730 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

दिल्ली में 7 जनवरी से आदर्श आचार संहिता लागू है। 7 जनवरी से लेकर 26 जनवरी तक आचार संहिता उल्लंघन के 738 मामले दर्ज किए गए हैं। एक बयान के मुताबिक इस अवधि के दौरान आबकारी अधिनियम समेत अलग-अलग कानूनी प्रावधानों के तहत कुल 22,857 लोगों को गिरफ्तार किया गया। चुनाव से पहले पुलिस ने दिल्ली की सीमाओं पर सतर्कता बढ़ा दी है। हथियारों, शराब और नशीले पदार्थों की तस्करी समेत अवैध गतिविधियों पर ताबड़तोड़ एक्शन हो रहा है।

दिल्ली पुलिस का एक्शन

एक सरकारी बयान के अनुसार दिल्ली पुलिस ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के 738 मामले दर्ज करने के साथ ही 364 अवैध हथियार और 445 कारतूस जब्त किए हैं। पुलिस ने 1.8 करोड़ रुपये से अधिक की 61,610 लीटर शराब, 72 करोड़ रुपये से अधिक का 156.411 किलोग्राम मादक पदार्थ और 1,200 से अधिक प्रतिबंधित इंजेक्शन भी जब्त किए हैं।

बयान में कहा गया है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों (Law Enforcement Agencies) ने 6.36 करोड़ रुपये नकद और 37.39 किलोग्राम चांदी भी जब्त की है। दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा और मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी।

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क्या है आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct - MCC)?

आदर्श आचार संहिता चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए बनाए गए नियमों और दिशानिर्देशों का एक सेट है। जिसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है। चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता से मतदाता का विश्वास बढ़ता है। इसे भारत के निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा लागू किया जाता है। इसका उद्देश्य चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को समान अवसर प्राप्त करना है। इसक लागू होते ही अवैध गतिविधियों पर रोक लग जाती है।

कब लागू होती है?

वोटरों पर अनावश्यक दबाव या प्रभाव न पड़े और चुनाव प्रचार में धन बल, बाहुबल का उपयोग न हो, इसके लिए चुनाव आयोग आदर्श आचार संहिता लागू करता है। जैसे ही चुनाव की तारीखों की घोषणा होती है, आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है। यह प्रक्रिया मतदान के खत्म होने तक लागू रहती है। आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी अधिकारी, वाहनों और अन्य संसाधनों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता। सरकारी विज्ञापनों और घोषणाओं पर भी रोक लग जाती है।

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आचार संहिता में क्या नहीं कर सकते?

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद नेताओं को अपशब्दों और भड़काऊ भाषणों से बचना चाहिए। जाति, धर्म और भाषा के आधार पर वोट मांगने की मनाही होती है। मतदाताओं को नकद, शराब और उपहार आदि देकर प्रभावित करना आचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव प्रचार के लिए अनुमति लेना आवश्यक होता है। रैलियों में शांति बनाए रखना नेताओं और पार्टियों का दायित्व होता है।

आचार संहिता में नई योजनाओं की घोषणा नहीं की जा सकती। अधिकारियों के तबादले और नियुक्तियों पर भी रोक रहती है। मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का प्रचार प्रतिबंधित होता है। आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 27 January 2025 at 16:07 IST