अपडेटेड 9 January 2025 at 17:29 IST

क्या AAP दिल्ली में लगा सकती है ‘हैट्रिक’? 'रेवड़ी पर चर्चा' से ‘शीश महल’ तक... केजरीवाल के लिए क्या कमजोरी क्या ताकत

AAP हैट्रिक लगाने के पूरे जोर लगा रही है। इस बार का विधानसभा चुनाव किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं है। AAP की जहां कई कमजोरियां है, तो वहीं कई ताकतें भी हैं।

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AAP weakness and strength for delhi elections
अरविंद केजरीवाल के लिए क्या कमजोरी और क्या ताकत? | Image: Republic

Delhi Assembly Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच कांट की टक्कर है। AAP दिल्ली की सत्ता में लगातार तीसरी बार काबिज होने की कोशिश कर रही है। AAP को सत्ता विरोधी लहर, भ्रष्टाचार के आरोप और BJP के आक्रामक प्रचार अभियान का सामना करना पड़ रहा है। BJP अपने नारे परिवर्तन और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर AAP के खिलाफ लक्षित अभियान पर ध्यान केंद्रित करके 26 साल से अधिक समय के बाद दिल्ली में सत्ता में आने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान होना है और मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी। BJP इस बार AAP को सत्ता से हटाने का दावा कर रही है, लेकिन AAP हैट्रिक लगाने के पूरे जोर लगा रही है। इस बार का विधानसभा चुनाव किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं है। AAP की जहां कई कमजोरियां है, तो वहीं कई ताकतें भी हैं।

AAP की ताकत

  • AAP की योजनाएं और कार्यक्रम उसकी सबसे बड़ी ताकत है। जैसे कि सरकारी स्कूलों का कायाकल्प, मोहल्ला क्लीनिक और मुफ्त बिजली, साथ ही महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा और वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा अनुदान पार्टी की ताकत है।
  • महिलाओं को 2,100 रुपये मासिक देना, बुजुर्गों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवा और ऑटो चालकों के लिए 10 लाख रुपये की बीमा जैसे वादे इसकी कल्याणकारी मुहिम में शामिल होंगे।
  • 'रेवड़ी पर चर्चा' जैसे अभियान यह सुनिश्चित करते हैं कि ये लाभ जनता के ध्यान में रहें, और यह AAP की मतदाताओं तक निरंतर पहुंच को दर्शाता है।

AAP की कमजोरियां

  • सत्ता में एक दशक से अधिक का समय बीतने के साथ ही AAP के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर काफी बढ़ गई है। कई मतदाता बदलाव की जरूरत महसूस करते हैं, जिससे पार्टी की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है।
  • भ्रष्टाचार के आरोपों, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी ने पार्टी की साफ-सुथरी छवि को धूमिल किया है। नेतृत्व परिवर्तन और कैलाश गहलोत जैसे प्रमुख नेताओं का पार्टी छोड़ना समेत आंतरिक मतभेद स्थिरता का संकेत देती है जो पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान को कमजोर कर सकती है।
  • ‘शीश महल’ विवाद ने केजरीवाल की छवि को नुकसान पहुंचाया है और BJP इसका इस्तेमाल AAP के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए कर रही है।

AAP के लिए बड़ा मौका

  • यह चुनाव AAP को मतदाताओं के साथ फिर से जुड़ने का मौका है। शासन में अपनी उपलब्धियों को रेखांकित करना और 20 मौजूदा विधायकों का टिकट काट कर नए चेहरों पर दांव लगाना, बदलती स्थिति के साथ तालमेल बैठाने की उसकी इच्छा को दर्शाता है।
  • स्थानीय शासन के मॉडल पर ध्यान केंद्रित करने और राष्ट्रीय स्तर के विफल गठबंधनों से खुद को दूर करने से पार्टी को मतदाताओं का विश्वास फिर से प्राप्त करने और राष्ट्रीय राजधानी में खुद को अपने बल पर राजनीतिक ताकत के रूप में फिर से स्थापित करने में मदद कर सकती है।
  • आंतरिक कमजोरियों को दूर करने और बाहरी खतरों का मुकाबला करने की क्षमता दिल्ली की राजनीति के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में भी पार्टी का भविष्य निर्धारित करेगी।
  • यह चुनाव पार्टी के शासन मॉडल और आम आदमी को मुफ्त कल्याणकारी योजनाओं पर केंद्रित वैकल्पिक दृष्टिकोण उपलब्ध कराने के उसके वादों पर एक प्रकार का जनमत संग्रह होगा।

AAP के सामने चुनौती

  • BJP अपनी मजबूत प्रचार मशीनरी, प्रधानमंत्री नेरंद्र मोदी जैसे स्टार प्रचारकों और 'आप-दा (AAP) नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे' जैसे नारों के साथ AAP के लिए सबसे बड़ा खतरा बनी हुई है।
  • भ्रष्टाचार की जांच और उपराज्यपाल कार्यालय के साथ लगातार टकराव, जिसमें पूर्व बस मार्शलों को बहाल करने जैसे नीतिगत निर्णयों पर विवाद शामिल हैं, जो AAP की विश्वसनीयता को और नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • BJP ने लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद BJP के नेताओं और कार्यकर्ताओं के हौसले पूरी तरह से बुलंद हैं, जो चुनाव में  फायदेमंद साबित होगा।

8 फरवरी को आएगा रिजल्ट

दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है। अगले 5 सालों के लिए दिल्ली में किस पार्टी की सत्ता होगी, ये 8 फरवरी को साफ हो जाएगा। दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं, जिसमें से 58 सामान्य श्रेणी की, जबकि 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी है और नामांकन पत्रों की जांच 18 जनवरी तक की जाएगी। उम्मीदवार 20 जनवरी तक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। 

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 9 January 2025 at 17:29 IST