अपडेटेड 30 December 2024 at 15:52 IST
दिल्ली में नूरा-कुश्ती; आमने-सामने हैं कांग्रेस और AAP...लड़ाई इस बात की बीजेपी की कट्टर विरोधी कौन?
Delhi News: कहने को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों INDI गठबंधन का हिस्सा हैं। हालांकि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में दोनों एक दूसरे के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं।
- चुनाव न्यूज़
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Delhi Elections: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अभी देर है, लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच नूरा-कुश्ती का दौर है। आम आदमी पार्टी नहीं चाह रही है कि कांग्रेस उसके खिलाफ बोले और दिल्ली में उसकी सरकार पर सवाल उठाए, क्योंकि वो खुद को बीजेपी की कट्टर विरोधी बता रही है, जिसके खिलाफ हमेशा कांग्रेस खड़ी बोती है। दिलचस्प ये है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन नहीं किया है और उसके बावजूद विरोधी पार्टी को खुद पर हमला करने से रोकने के लिए उसे INDI गठबंधन का धर्म याद दिला रही है। इससे फिलहाल दिल्ली में कांग्रेस और AAP के बीच लड़ाई इस बात कि हो गई है कि असली बीजेपी विरोधी कौन है?
कहने को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों INDI गठबंधन का हिस्सा हैं। लोकसभा चुनाव से समय दिल्ली में दोनों गठबंधन में ही चुनाव लड़ा था। ये अलग बात है कि बीजेपी को दिल्ली में ये दोनों पार्टियां मिलकर लोकसभा चुनाव में हरा नहीं पाईं। मगर आम चुनावों के बाद ही आम आदमी पार्टी ने ऐलान कर दिया कि वो दिल्ली का आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। अब दिल्ली में ठीक वैसी ही हो रहा है। आम आदमी पार्टी सभी 70 सीट पर कैंडिडेट घोषित कर चुकी है और कांग्रेस भी तकरीबन 47 सीटों पर प्रत्याशी उतार चुकी है। अब जब ये दोनों खुद एक दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरे हैं तो जाहिर है कि दोनों के बीच वार-पलटवार भी होंगे, लेकिन यहां आम आदमी पार्टी आरोप लगा रही है कि कांग्रेस के नेता बीजेपी प्रायोजित अभियान का हिस्सा हैं।
कहां से शुरू हुई AAP-कांग्रेस में तकरार?
कांग्रेस और AAP के बीच खींचतान पहले से थे, लेकिन उतना विवाद नहीं हुआ, जितना अब दिल्ली चुनावों से पहले है। शुरू नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ संदीप दीक्षित को उतारे जाने से हुई। मामला केजरीवाल की घोषणाओं तक आया तो कांग्रेस के नेताओं ने AAP संयोजक पर FIR और उपराज्यपाल के पास शिकायत देकर मामले को तूल दे दिया है। टकरार इतनी बढ़ी कि पूरी आम आदमी पार्टी दिल्ली में कांग्रेस के खिलाफ ही मैदान में उतर आई और कुछ नेताओं पर बीजेपी की स्क्रिप्ट पढ़ने और मिलीभगत के आरोप लगा दिए।
संजय सिंह ने आरोप लगाए कि संदीप दीक्षित, बीजेपी प्रायोजित अभियान को चला रहे हैं। उसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी कोषाध्यक्ष अजय माकन पर भी बीजेपी की भाषा बोलने का आरोप संजय सिंह की तरफ से लगाए गए। मुख्यमंत्री आतिशी ने पिछले दिनों एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के लिए यहां तक कह दिया कि पार्टी ने दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा के साथ कुछ समझौता किया है। उन्होंने दावा किया कि हमें विश्वसनीय स्रोतों से पता चला है कि कांग्रेस उम्मीदवारों का चुनावी खर्च BJP से आ रहा है। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने INDI गठबंधन से कांग्रेस को बाहर निकालने का अल्टीमेटम तक दे दिया था।
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खैर, कांग्रेस पार्टी के नेता आम आदमी पार्टी के अल्टीमेटम को ज्यादा सीरियस नहीं ले रहे हैं। ये खुद संदीप दीक्षित ने बोला और कहा कि अल्टीमेटम तो कोई भी दे देता है। अल्टीमेटम को इतना सीरियस कौन लेता है। आतिशी के अल्टीमेटम को लेकर कांग्रेस के एक और नेता राजेश ठाकुर ने कहा कि इस तरह के बयानों से दिल्ली चुनाव में बीजेपी को मदद मिलेगी। वो AAP को घेरते हुए ये भी कहते हैं कि जिस तरह से हमने उम्मीदवारों की घोषणा की है, उससे लोगों को पता है कि दिल्ली में कांग्रेस सरकार बना रही है, इसलिए पार्टियां बेचैन हैं और इस तरह के बयान दे रही हैं।
इस नूरा कुश्ती में फायदा किसका?
दिल्ली में चल रही इस नूरा कुश्ती में सबसे बड़ा नुकसान अगर किसी है तो दिल्ली की जनता है। अगर फायदे की बात करें तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करके वोटबैंक साध रही हैं। कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने में आम आदमी पार्टी सफल रहती है तो दिल्ली के त्रिकोणीय मुकाबले में उसका पलड़ा और भारी हो जाएगा, क्योंकि बीजेपी के साथ कांग्रेस नेताओं की सांठगांठ के आरोप से उसके वोटर्स AAP को तरफ जा सकते हैं। हालांकि जिस तरह आम आदमी पार्टी नेताओं की बयानबाजी है, उसे भी दरकिनार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि वो हार का डर भी दिखा रही है। हालांकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच खींचतान जितनी बढ़ती है, उतना बीजेपी को फायदा मिलना तय है।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 30 December 2024 at 15:52 IST