अपडेटेड 20 March 2024 at 11:59 IST

Lok Sabha Election: पंजाब से बंगाल-केरल तक, कांग्रेस के लिए कैसे चुनौती बन गए INDI गठबंधन के सहयोगी?

Election 2024 : अभी जब लोकसभा चुनावों के लिए बिगुल बज चुका है तो INDI गठबंधन के अंदर लड़ाई और गंभीर हो चुकी है। केरल में CPI और कांग्रेस भिड़ गई हैं।

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India Alliance Parties
मल्लिकार्जुन खड़गे, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और डी राजा | Image: ANI/File

Lok Sabha Election : विपक्ष का इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस यानी INDI गठबंधन अपनी समाप्ति की ओर है। कथित तौर पर कांग्रेस का रवैया और गठबंधन का नेतृत्व हड़पना की चाहत अलायंस के अस्वित्व पर भारी पड़ गई। नीतीश कुमार भी INDI गठबंधन से जाते-जाते कांग्रेस की नीयत पर सवाल खड़ा करके गए थे। हालांकि आज के समय में INDI गठबंधन के अंदर कांग्रेस स्थिति खुद में बेहद गंभीर हो चुकी है। वो इसलिए भी राज्य-दर राज्य कांग्रेस को अब अपने ही सहयोगियों से चुनौती मिल रही है। कांग्रेस के हाथ को झटक कर कई दलों ने उसके खिलाफ ही मोर्चा खोल डाला है।

अभी जब लोकसभा चुनावों के लिए बिगुल बज चुका है तो INDI गठबंधन के अंदर की लड़ाई और गंभीर हो चुकी है। क्योंकि अब केरल के अंदर कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस ने एक दूसरे के खिलाफ हथियार निकाल लिए हैं। दोनों ही दल INDI गठबंधन में भागीदार हैं, मगर लोकसभा चुनावों में एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतार चुके हैं। इस बीच नई लड़ाई भी छिड़ चुकी है।

केरल में आमने-सामने CPI और कांग्रेस

केरल में लोकसभा की 20 सीटें हैं, जिनके लिए एक ही चरण में 26 अप्रैल को चुनाव होगा। कांग्रेस ने 8 मार्च को अपनी पहली लिस्ट में केरल से 16 उम्मीदवार उतारे, जिनमें वायनाड के राहुल गांधी का भी नाम शामिल था। और भी कुछ बड़े नेताओं को कांग्रेस ने टिकट दिया। हालांकि वायनाड और तिरुवनंतपुरम जैसे सीटों पर सीपीआई ने भी अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं। सीपीआई ने तिरुवनंतपुरम से पन्नियन रवींद्रन को टिकट दिया तो वायनाड से राहुल गांधी के खिलाफ एनी राजा को मैदान में उतारा। इससे मुकाबला यहां दिलचस्प बन गया है।

चुनावी जंग से पहले जुबानी हमले

बीते दिन कांग्रेस के एक बड़े नेता ने आरोप लगाए कि सीपीआई गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है। इसके बाद सीपीआई महासचिव डी राजा ने कांग्रेस पर जबरदस्त पलटवार किया। डी राजा कहते हैं, 'ये वामपंथ ही है जो सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों से लड़ रहा है। इतने सारे कांग्रेस नेता छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। राहुल गांधी का दावा है कि वह बीजेपी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं, तो फिर वो वायनाड से चुनाव क्यों लड़ रहे हैं और एलडीएफ के खिलाफ लड़ रहे हैं? कांग्रेस को बताना चाहिए कि वो लोगों को क्या संदेश देना चाहते हैं। कौन उनके मुख्य राजनीतिक दुश्मन हैं।'

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बंगाल में एक दूसरे से लड़ेंगी TMC-कांग्रेस

INDI गठबंधन में कांग्रेस के सामने कुछ यही स्थिति पश्चिम बंगाल और पंजाब में बन चुकी है। बंगाल में भी जहां बीजेपी 2019 से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश में हैं तो कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस आपस में लड़ रही हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस अकेले मैदान में उतर चुकी है। पिछले दिनों टीएमसी ने बंगाल की सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन के खिलाफ भी बहरामपुर सीट से टीएमसी यूसुफ पठान को उतार चुकी है।

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पंजाब में कांग्रेस के खिलाफ AAP

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, गोवा और चंडीगढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया है, लेकिन पंजाब में दोनों ही दल एक दूसरे के खिलाफ उतरे हुए हैं। आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई बहुत पहले से घोषणा कर चुकी थी कि राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होगा। बाद में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बैठक में भी यही निर्णय निकलकर आया। इस स्थिति में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों पंजाब में एक दूसरे को चुनौती देते हुए देखी जाएंगी।

9 महीने में गठबंधन से कई दल नौ दो ग्यारह

तकरीबन 9 महीने हो चुके हैं, जब विपक्षी गठबंधन INDI की नींव रखी गई थी। पटना में 23 जून 2023 को विपक्ष के दलों की पहली बैठक हुई थी। बैठक में सभी विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी को हराने की शपथ ली थी। भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजयी रथ को रोकने के लिए पटना की बैठक में 15 दल साथ आए थे। बाकी समय के साथ जब इजाफा हुआ तो INDI में सहयोगियों की संख्या 26 तक पहुंच गई थीं।

हालांकि इन 9 महीनों में INDI गठबंधन से नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू और जयंत चौधरी की अगुवाई वाला राष्ट्रीय लोक दल जैसी पार्टी नौ दो ग्यारह हो चुकी हैं। अब INDI गठबंधन के अंदर बची बाकी की पार्टियां आपस में एक दूसरे के खिलाफ मैदान में आकर खड़ी हो चुकी हैं। बहरहाल, देखना ये है कि इनकी आपसी लड़ाई कहां किसके लिए भारी पड़ती है।

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 20 March 2024 at 09:42 IST