अपडेटेड 30 January 2025 at 13:33 IST
दिल्ली चुनाव से पहले BJP ने चंडीगढ़ में चखा जीत का स्वाद,मेयर चुनाव में हरप्रीत कौर ने खिलाया कमल; मिले 19 वोट
चंडीगढ़ में मेयर पद के लिए चुनाव हुए हैं, जिसमें BJP का कमल खिला है। बीजेपी की प्रत्याशी हरप्रीत कौर बबला ने INDI अलायंस की प्रेम लता गर्ग को हराया।
- चुनाव न्यूज़
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Chandigarh Mayor Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने चंडीगढ़ में जीत का स्वाद चख लिया है। चंडीगढ़ में मेयर पद के लिए चुनाव हुए हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी का कमल खिला है। यहां विपक्ष में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने संयुक्त उम्मीदवार मैदान में उतारा, लेकिन बीजेपी की प्रत्याशी हरप्रीत कौर बबला ने बाजी मारी है।
दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है, जिसके नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं। हालांकि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दोनों पार्टियों ने संयुक्त उम्मीदवार उतारा। INDI गठबंधन के तहत कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव लड़ा, लेकिन करारी हार मिली है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कांग्रेस-AAP की संयुक्त उम्मीदवार प्रेमलता गर्ग को 17 वोट मिले। प्रेमलता से 2 वोट ज्यादा लेकर बीजेपी की हरप्रीत कौर ने चुनाव जीता है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हरप्रीत कौर के खाते में 19 वोट पड़े।
बीजेपी ने INDI अलायंस पर हमला बोला
मेयर चुनाव में हरप्रीत कौर की जीत के बाद बधाई देने का सिलसिला शुरू हुआ। बीजेपी के पार्षदों ने बारी-बारी से आकर हरप्रीत कौर को शुभकामनाएं दीं। जीत के बाद फिलहाल हरप्रीत कौर ने चंडीगढ़ के मेयर का पद संभाल लिया है। इस चुनाव में INDI अलायंस की हार पर बीजेपी नेता संजय टंडन ने कहा- 'उनका (INDI अलायंस) बहुमत कहां था? मुझे नहीं लगता कि उनके पास कभी बहुमत था। उन्होंने चंडीगढ़ की बेहतरी के लिए बीजेपी को चुना।'
विवादों में रहा पिछला चंडीगढ़ मेयर चुनाव
2021 के चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 14 सीटें जीतीं और परिषद में सबसे बड़ी पार्टी बनी। भारतीय जनता पार्टी ने 12 सीटें जीतीं, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 8 सीटें जीती थीं। चंडीगढ़ मेयर का चुनाव सालाना होता है, जिसमें मेयर का कार्यकाल एक साल का होता है। चुनाव आमतौर पर जनवरी में होते हैं और मेयर का चुनाव चंडीगढ़ नगर निगम के पार्षद करते हैं। हालांकि पिछली बार ये मेयर चुनाव काफी विवादों में रहा।
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आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शुरू में हारा हुआ घोषित किया गया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने परिणाम को पलट दिया और उन्हें विजेता घोषित कर दिया। विवाद तब पैदा हुआ जब पीठासीन अधिकारी ने कुलदीप कुमार के पक्ष में डाले गए 8 वोटों को ये कहते हुए अमान्य कर दिया कि वो खराब हो गए थे। हालांकि चुनाव प्रक्रिया की एक वीडियो रिकॉर्डिंग से पता चला कि अधिकारी ने ही मतपत्रों पर निशान लगाए थे, जिससे वो अमान्य हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारी को गंभीर अपराध का दोषी पाया और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने चुनाव परिणामों को भी रद्द कर दिया और कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 30 January 2025 at 12:57 IST