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पब्लिश्ड 17:09 IST, April 3rd 2024

मोदी लहर में 'तैरना' चाहते हैं बॉक्सर विजेंदर! मथुरा से कांग्रेस दे रही थी टिकट फिर क्यों मारी पलटी?

कांग्रेस नेता विजेंदर सिंह ने बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता हासिल की।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
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boxer vijender singh join bjp
बॉक्सर विजेंदर सिंह ने बीजेपी ज्वाइन की। | Image: Republic

Congress Leader Vijender Singh Join BJP: कांग्रेस नेता और ओलंपियन मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने अब भारतीय जनता पार्टी को अपना ठिकाना बना लिया है। देश में जबरदस्त 'मोदी लहर' है और भारतीय जनता पार्टी तीसरी बार सत्ता हासिल करने की प्रबल दावेदार है। बीजेपी की मजबूती देख विपक्ष के हाथ पैर फूल चुके हैं। ऐसे में 'मोदी लहर' में तैरने वालों की लंबी कतार लगी है। बुधवार को बॉक्सर विजेंदर सिंह भी कतार में आगे आ गए और उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया।

कांग्रेस नेता विजेंदर सिंह ने बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता हासिल की। बीजेपी में आने पर विजेंदर सिंह कहते हैं- 'यहां आकर वो बहुत उत्साहित हूं। वो चाहते हैं कि देश के विकास और तरक्की के लिए काम करें।'

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मथुरा से कांग्रेस दे रही थी टिकट!

विजेंदर सिंह जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जिसका हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बड़ी संख्या में सीटों पर राजनीतिक प्रभाव है। पिछले कुछ दिनों से चर्चाएं चल रही थीं कि कांग्रेस विजेंदर सिंह को मथुरा लोकसभा सीट से मैदान में उतार सकती है, जहां से बीजेपी ने अभिनेत्री हेमा मालिनी को अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि कांग्रेस की घोषणा से पहले ही विजेंदर सिंह बीजेपी में आ गए हैं।

विजेंदर सिंह ने क्यों पलटी मारी?

बॉक्सिंग की रिंग से कांग्रेस का हाथ पकड़कर विजेंदर सिंह ने 2019 में पॉलिटिक्स में कदम रखा था। फिर विजेंदर सिंह ने दक्षिणी दिल्ली सीट से कांग्रेस के टिकट पर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस का सिर पर हाथ होने के बावजूद 2019 में विजेंदर चुनाव नहीं जीत पाए थे। 'मोदी लहर' में इस बार भी कांग्रेस के टिकट पर विजेंदर का जीत पाना संभव नहीं लग रहा था। ऐसे में अगर विजेंदर सिंह चुनाव हार जाते तो उनके राजनीतिक भविष्य भी खतरे में पड़ सकता था।

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अपडेटेड 18:50 IST, April 3rd 2024