अपडेटेड 15 April 2024 at 13:43 IST
संस्कृति, संकल्प पत्र से जमीनी संग्राम तक...BJP तमिलनाडु पर कर रही है फोकस; 1 महीने में PM के 7 दौरे
PM मोदी आज दक्षिण भारत की ओर निकल रहे हैं। पहले चरण की वोटिंग से ठीक 4 दिन पहले नरेंद्र मोदी ने केरल के साथ-साथ तमिलनाडु का कार्यक्रम रखा है।
- चुनाव न्यूज़
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BJP Mission South: '400 पार' के संकल्प और ऊर्जा से लबरेज भारतीय जनता पार्टी का दक्षिण भारत पर जोर इस बार जबरदस्त है। जिस दक्षिण भारत में सिवाय कर्नाटक के बीजेपी कभी पैर जमा ना सकी, 2024 का चुनावी कैंपेन विशेष तौर पर यहीं केंद्रित रहा है। उसकी रणनीति के केंद्र में तमिलनाडु विशेष तौर पर है। संसद से भारत मंडपम और अब संकल्प पत्र से नरेंद्र मोदी की चुनावी रैलियों के सहारे पता चलता है कि बीजेपी ने साउथ के लिए तमिलनाडु को अपना सेंटर प्वाइंट बना लिया है।
बीजेपी के लिए दक्षिण भारत के द्वार पूरी तरह कभी खुले नहीं, लेकिन 2024 में पार्टी पूरी ताकत के साथ युद्ध मैदान में उतरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर दक्षिण भारत की ओर निकल रहे हैं। लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक 4 दिन पहले 15 अप्रैल 2024 को नरेंद्र मोदी ने केरल के साथ-साथ तमिलनाडु का कार्यक्रम रखा है।
तमिल संस्कृति और बीजेपी का संकल्प
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में भी तमिल संस्कृति को बढ़ावा देने का वचन देकर तमिलनाडु को साधने की कोशिश की है। संकल्प पत्र में बीजेपी ने वचन दिया है, 'विश्वभर में तिरुवल्लुवर कल्चरल सेंटर की स्थापना करेंगे। संकल्प पत्र जारी करने के बाद नरेंद्र मोदी कहते हैं- ‘दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल हमारा गौरव है। तमिल भाषा की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए बीजेपी हर कोशिश करेगी।’
28 मई 2023 को नए संसद भवन के भीतर सेंगोल की स्थापना और फिर सितंबर 2023 में भारत मंडपम के भीतर नटराज प्रतिमा लगाना बीजेपी मतलब नरेंद्र मोदी के तमिलनाडु पर फोकस को साफ दर्शाता है। क्योंकि सेंगोंल और नटराज की प्रतिमा का सीधा कनेक्शन तमिलनाडु और वहां की संस्कृति से जुड़ा है। संयुक्त राष्ट्र में थिरुक्कुरल की मिसाल देकर भी नरेंद्र मोदी तमिल संस्कृति को फोकस करना चाहा। इसके अलावा भी दिसंबर 2023 में वाराणसी के नमो घाट पर काशी तमिल संगमम कराकर बीजेपी ने तमिलनाडु के लोगों से जुड़ने के लिए बड़ा संदेश दिया।
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तमिलनाडु में बीजेपी ने झोंकी चुनाव में ताकत
दक्षिण भारत में लोकसभा सीटों के लिहाज से तमिलनाडु सबसे ज्यादा 39 सीटों वाला राज्य भी है। दक्षिण भारत के राज्य में तमिलनाडु के बाद कर्नाटक दूसरे नंबर पर आता है, जहां 28 लोकसभा सीटें हैं। कर्नाटक में बीजेपी की कई बार सरकार बन चुकी है। अब तमिलनाडु बीजेपी के लिए मिशन साउथ का नया केंद्र बनकर उभरा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने चुनावों के दौरान तमिलनाडु में पूरी ताकत झोंक दी है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीएम नरेंद्र मोदी पिछले एक महीने के भीतर, मतलब लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद से अब तक कई दौरे कर चुके हैं।
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PM मोदी के तमिलनाडु में कार्यक्रम
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साउथ के दूसरे राज्यों को भी साध रहे मोदी
तमिलनाडु के साथ बीजेपी मतलब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण भारत के दूसरे राज्यों को भी बारी-बारी से तवज्जो दी है। कर्नाटक में जहां बीजेपी की पहले से पकड़ मजबूत है, वहां राज्य के बड़े नेताओं को मोर्चा संभालने के लिए दिया है। बीच में खुद प्रधानमंत्री मोदी इन राज्यों में बीजेपी के प्रचार कैंपेन को धार देने पहुंच रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी की आक्रामक रणनीति साफ दर्शाती है कि उसका मिशन भारत का दक्षिण फतह करना है। उसी हौसले में बीजेपी दक्षिण में परिवारवाद, भ्रष्टाचार, सनातन से लेकर राष्ट्रवाद जैसे मुद्दे के सहारे चमत्कारिक नतीजों की आस में है। दक्षिण भारत में लोकसभा की 129 सीटें बैठती हैं, जिनमें तमिलनाडु की 39, कर्नाटक की 28, आंध्र प्रदेश की 25, केरल की 20 और तेलंगाना की 17 की सीटें आती हैं। बीजेपी को उम्मीद है कि वो दक्षिण भारत में परचम लहराने के साथ '400 पार' के संकल्प को गारंटी में बदल पाएगी।
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 15 April 2024 at 11:52 IST