अपडेटेड 9 October 2025 at 23:57 IST
बाहुबली सीट : मोकामा में आएंगे 'छोटे सरकार' या फिर होगा बड़ा परिवर्तन? अनंत सिंह की सीट पर इस बार हलचल तेज
Bihar Election: अब बात 2015 विधानसभा चुनाव की करते हैं। हत्या करने, हत्या की कोशिश आदि समेत कई गंभीर आरोप लगने के कारण अनंत सिंह को जदयू ने टिकट नहीं दिया। इन आरोपों में अनंत सिंह जेल में बंद थे। लेकिन कहा जाता है कि मोकामा अनंत सिंह का गढ़ है और इसको उन्होंने 2015 के चुनाव में जेल से निर्दलीय चुनाव लड़कर साबित भी कर दिया।
- चुनाव न्यूज़
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Mokama Assembly Election 2025: बिहार में कुल दो चरणों में विधानसभा का चुनाव हो रहा है। पहले चरण में 121 सीटों पर 6 नवंबर और दूसरे चरण में 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा है। वहीं, इसके नतीजे 14 नवंबर दिन शुक्रवार को आएंगे। मतदान की तारीखों का ऐलान होने के बाद प्रदेश की विभिन्न राजनीतिक दल और गठबंधन अपनी चुनावी तैयारी को अंतिम रूप दे रहे हैं।
इस बीच यहां हम बिहार की बाहुबली सीटों में से एक मोकामा विधानसभा सीट (178 विधानसभा क्षेत्र) की बात करने जा रहे हैं। मोकामा को पूर्व विधायक और बाहुबली अनंत सिंह का गढ़ माना जाता है। वे यहां से लगातार तीन बार भी विधायक मिलाकर कुल पांच बार विधायक रहे हैं। फिलहाल उनकी पत्नी नीलम देवी 2022 में हुए उप चुनाव में जीतकर राजद की विधायक बनीं है। अब एक बार फिर से अनंत सिंह इस सीट से चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। पटना जिले के मोकामा में पहले चरण यानी 6 नवंबर को मतदान होना है।
अनंत सिंह की विधायकी रद्द होने के बाद मोकामा में हुआ था उप चुनाव
बाहुबली अनंत सिंह को 'छोटे सरकार' भी कहा जाता है। मिली जानकारी के अनुसार, साल 2022 में मोकामा में उप चुनाव हुआ था। यह चुनाव इसलिए कराया गया था क्योंकि आर्म्स एक्ट के एक मामले में 10 साल की सजा मिलने पर अनंत सिंह की विधायकी चली गई थी। मतलब कि उनकी बिहार विधानसभा सदयस्ता रद्द कर दी गई थी।
अनंत सिंह के जेल जाने पर उनकी पत्नी नीलम देवी राजद के टिकट पर मोकामा उप चुनाव लड़ीं। उन्होंने इस उप चुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार सोनम देवी को करीब 16 हजार से अधिक वोटों से हराया था। अब अनंत सिंह जेल से बाहर हैं और एक बार फिर से चुनावी मैदान में आने को तैयार है। संभावना है कि वे जदयू के टिकट पर मोकामा से चुनाव लड़ सकते हैं। वे जल्द ही नामांकन कराने वाले भी हैं। अनंत सिंह के फिर से चुनावी मैदान में उतरने पर मोकामा में हलचल तेज हो गई है।
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2005 से अब तक मोकामा विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में जीत के आंकड़े
2005 में अनंत सिंह बने पहली बार विधायक
मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2005 में अनंत सिंह ने मोकामा विधानसभा से चुनाव लड़ा और वह पहली बार विधायक बनें। 2005 में बिहार में दो बार विधानसभा के चुनाव हुए थे और दोनों ही बार मोकामा से अनंत सिंह ने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।
जब अनंत सिंह ने लगाई जीत की हैट्रिक
साल 2010 में अनंत सिंह ने मोकामा विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव जीता और विधायक बनकर जीत की हैट्रिक लगाई। 2010 के चुनाव में लोजपा और जदयू के बीच टक्कर हुई थी। इस चुनाव में अनंत सिंह ने लोजपा की सोनम देवी को 8900 से अधिक वोटों से हराया था।
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2015 में मोकामा सीट से निर्दलीय अनंत सिंह की हुई थी जीत
अब बात 2015 विधानसभा चुनाव की करते हैं। हत्या करने, हत्या की कोशिश आदि समेत कई गंभीर आरोप लगने के कारण अनंत सिंह को जदयू ने टिकट नहीं दिया। इन आरोपों में अनंत सिंह जेल में बंद थे। लेकिन कहा जाता है कि मोकामा अनंत सिंह का गढ़ है और इसको उन्होंने 2015 के चुनाव में जेल से निर्दलीय चुनाव लड़कर साबित भी कर दिया।
जी हां, टिकट नहीं मिलने पर अनंत सिंह ने 2015 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय दावा ठोका और जदयू के नीरज सिंह को 18 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया।
मोकामा 2020 विधानसभा चुनाव
अब बात करते हैं वर्ष 2020 में मोकामा में हुए विधानसभा चुनाव की। इस चुनाव में अनंत सिंह ने राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने इस चुनाव में जदयू के राजीव लोचन नारायण सिंह को करीब 35 हजार से अधिक वोटों से हराया था।
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 9 October 2025 at 23:55 IST