अपडेटेड 8 November 2025 at 08:12 IST
बिहार के पहले चरण में 65.08 प्रतिशत वोटिंग, कही प्रशांत किशोर किंगमेकर की भूमिका में तो नहीं? समझें गणित
Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग हुई। पहले फेज में कुल 121 सीटों पर 65.08 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि बढ़ते वोट प्रतिशत के चलते कही प्रशांत किशोर किंगमेकर की भूमिका में तो नहीं?
- चुनाव न्यूज़
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Bihar Election: 6 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग प्रतिशत दर्ज हुई। चुनाव आयोग के अनुसार पहले चरण में कुल 121 सीटों पर 65.05 प्रतिशत लोगों ने वोट किया। खबरों के अनुसार यह बिहार के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक वोटिंग है।
बिहार के पहले चरण में बम्पर वोटिंग होने चलते राजनीतिक गलियों में कई सवाल गूंज रहे हैं। राजद और बीजेपी दोनों ही बोल रहे हैं कि इस बम्पर वोटिंग से हम जीत रहे हैं। बम्पर वोटिंग को लेकर एक और सवाल सबसे अधिक गूंज रहा है कि कही प्रशांत किशोर किंगमेकर की भूमिका में तो नहीं? क्या बिहार चुनाव के बाद पीके मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं? यदि एनडीए या महागठबंधन बहुमत से चूक जाते हैं, तो पीके किसका साथ देंगे? आइए इन सवालों का जवाब ढूंढते हैं।
सफल चुनावी रणनीतिकार से नेता
प्रशांत किशोर, जो पहले एक सफल चुनावी रणनीतिकार माने जाते थे, लेकिन अब वो अपनी पार्टी जन सुराज बनाकर बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। खबरों के अनुसार पीके की सभावों में जिस तरह से भीड़ जुट रही है, उससे अंदाज लगाया जा सकता है कि बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा हो सकता है।
प्रशांत किशोर भी अपनी कई सभाओं में यह दावा कर चुके हैं कि बिहार चुनाव में बदलाव की लहर दिखाई दे रही और उनकी पार्टी जीत दर्ज करेगी। एक सभा में उन्होंने कहा था कि बिहार के आधे से अधिक लोग नई व्यवस्था, शिक्षा, रोजगार और विकास चाहते हैं। पीके ने प्रवासी मजदूर को इस चुनाव में X फैक्टर भी बताया था, जो जन सुराज को वोट देंगे।
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क्या झारखंड की तरह बिहार में होगा?
आपकी जानकारी के लिए बता दें साल 2006 में झारखंड विधानसभा चुनाव में मधु कोड़ा ने ऐसे भी चुनाव में एंट्री मारी थी और बाद में किंगमेकर की भूमिका निभाई थी। ऐसे में बिहार की राजनीति में भी यह कयास लगाया जा रहा है कि कही मधु कोड़ा की तरह पीके भी किंगमेकर की भूमिका में तो नहीं होंगे।
हालांकि, पीके द्वारा सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर कई लोग एक कठिन चुनौती मानते हैं। बिहार के जातीय समीकरण को देखते हुए कई लोगों का मानना है कि जन सुराज को 10 से 20 सीटें भी मिल सकती हैं। खासकर, उन इलाकों में जहां निराश मतदान नए विकल्प की तलाश में है।
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प्रवासी मजदूरों का वोट महत्वपूर्ण
अगर आपको याद नहीं है, तो आपको बता दें कि प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर भविष्यवाणी की थी कि बीजेपी 100 सीटों के नीचे रहेगी और चुनाव नतीजा आने के बाद कुछ ऐसा ही रहा है। अब बिहार को लेकर पीके की भविष्यवाणी है कि बिहार में प्रवासी मजदूरों को वोट निर्णायक होगा। ऐसे में सवाल उठता है कि ये बंपर वोटिंग कही जनसुराज के लिए तो नहीं। हालांकि, इसका फैसला तो 14 नवम्बर को तय हो जाएगा कि कौन किंगमेकर बनता है और कौन नहीं।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 8 November 2025 at 08:12 IST