अपडेटेड 13 October 2025 at 15:24 IST
IRCTC घोटाले में चार्जशीट ने बिगाड़ा महागठबंधन का खेल, तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय होने के बाद कौन होगा CM फेस? यहां फंसेगा पेंच
RJD और तेजस्वी यादव बिहार चुनाव में खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बता रहे हैं। हालांकि, अभी तक महागठबंधन की ओर से कोई बयान नहीं आया है। मगर कोर्ट के फैसले के बाद अब पेंच फंसता नजर आ रहा है।
- चुनाव न्यूज़
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बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले IRCTC घोटाले में लालू परिवार पर आरोप तय होने से RJD और तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ ही है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारे पर फार्मूला तय हो गया और इसका ऐलान भी कर दिया गया है। मगर महागठबंधन में सीटों पर पेंच अभी भी फंसा है। वहीं, CM फेस पर भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ऐसे में अब कोर्ट का फैसले आने के बाद महागठबंधन का खेल बिगड़ सकता है। सबसे बड़ा सवाल क्या अब महागठबंधन में शामिल पार्टियां तेजस्वी यादव के सीएम फेस के रूप में स्वीकार करेंगी?
RJD और तेजस्वी यादव बिहार चुनाव में खुद को प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का दावेदार बता रहे हैं। हालांकि, इस पर अब तक कांग्रेस या महागठबंधन के अन्य सहयोगी दलों ने हामी नहीं भरी है। इस बीच सोमवार, 13 अक्टूबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने IRCTC घोटाले मामले में लालू परिवार पर आरोप तय कर दिया है। कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राजद नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय किए हैं। अब इस फैसले से तेजस्वी यादव को बिहार चुनाव में नफा होगा या नुकसान इसे समझने की कोशिश करते हैं।
महागठबंधन में सीएम फेस पर फंस सकता हैं पेंच
तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय होने से अब सीएम फेस पर महागठबंधन में पेंच फंसता नजर आ रहा है। जहां, एक और NDA इसे चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं। वहीं, कांग्रेस को अब तय करना होगा कि तेजस्वी के नेतृत्व को स्वीकार करें या 'अपर हैंड' की स्थिति बना सके। कोर्ट के आदेश के बाद जहां RJD कमजोर होती नजर है तो कांग्रेस के पास मौका है कि वो गठबंधन में खुद को ऊपर उठा सकती है। वहीं, इसका प्रभाव सीट बंटवारे पर पड़ सकता है।
गठबंधन में शामिल पार्टियां पर तेजस्वी का भविष्य
अब तक तेजस्वी यादव को महागठबंधन में सीएम के चेहरे के रूप में देखा जा रहा था क्योंकि बिहार में गठबंधन में RJD सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं, कांग्रेस बिहार में अब तक मजबूत पकड़ बना नहीं पाई। कांग्रेस के पास बिहार में कोई बड़ा चेहरा भी नहीं है। लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस को तय करना होगा कि क्या वो ऐसे चेहरे को सीएम फेस का दावेदार बनाएगी, जिस पर घोटाले का आरोप तय हुआ है। वहीं,बड़ा सवाल यह भी है कि गठबंधन में शामिल अन्य छोटी पार्टियां भी क्या अब तेजस्वी को बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन में सीएम के चेहरे के रूप मेंस स्वीकार करेगी?
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तेजस्वी के लिए फैसला नुकसान या फायदेमंद
वहीं, तेजस्वी के लिए यह बहुत बड़ा सेटबैक साबित हो सकता है, मगर तेजस्वी इस मौके के रूप में इस्तेमाल में कर सकते हैं। आईए समझते है कैसे? तेजस्वी यादव पर जिस केस में आरोप तय हुआ है, उसमें 2018 में सीबीआई ने मामला दर्ज किया था,लेकिन 2025 में जब उन्होंने खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बता रहे थे, तभी चार्जशीट पर फैसला लिया गया। अब तेजस्वी जनता के बीच इस बात को रख सकते हैं कि क्या यह सियासी साजिश नहीं है?
विक्टम कार्ड खेल सकते हैं तेजस्वी?
तेजस्वी को इसका फायद भी मिल सकता है। वो इसे विक्टम कार्ड बनाकर भी खेल सकते हैं। अगर इतिहास पर नजर डालें तो विक्टिम कार्ड' बिहार की राजनीति में पुराना हथियार है, जिस लालू भी जेल जाकर खेल चुके हैं। कुल मिलाकर फैसला तो जनता पर निर्भर करेगा कि वो किसी आरोपी को प्रदेश के मुख्यमंत्री रूप में स्वीकार करेगी?
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 13 October 2025 at 15:24 IST