अपडेटेड 26 October 2025 at 23:44 IST

'वक्फ' ने बढ़ाया बिहार का सियासी पारा, तेजस्वी के 'कूड़ेदान में फेंक देंगे' बयान को महागठबंधन का समर्थन, जानें इसका सीमांचल कनेक्शन

तेजस्वी यादव का वक्फ बिल पर आक्रामक रुख ओवैसी फैक्टर को कमजोर करने और मुस्लिम वोट बैंक को फिर से एकजुट करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस और वामदलों के समर्थन के बाद अब यह मुद्दा महागठबंधन के साझा एजेंडा के रूप में उभरता दिख रहा है।

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बिहार में महागठबंधन का चुनावी दांव | Image: twitter

बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वक्फ (संशोधन) कानून को लेकर बयानबाजी ने राज्य का राजनीतिक तापमान और बढ़ा दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव के इस बयान ने कि 'सरकार बनी तो वक्फ बोर्ड बिल को कूड़ेदान में फेंक देंगे', सीमांचल क्षेत्र के चुनावी समीकरणों को नया मोड़ दे दिया है। इससे पहले, शनिवार को तेजस्वी की मौजूदगी में RJD के एक एमएलसी ने भी इस कानून को खत्म करने की बात कही थी।

अब इस विवादास्पद मुद्दे पर कांग्रेस और वाम दल भी खुलकर RJD के समर्थन में उतर आए हैं, जिससे यह साफ हो गया है कि 'वक्फ' अब बिहार की राजनीति में ध्रुवीकरण का एक नया केंद्र बनता जा रहा है। ऐसी चर्चा है कि महागठबंधन के अन्य घटक दल भी जल्द ही समर्थन में बयान जारी कर सकते हैं।

तेजस्वी ने क्या कहा था

दरअसल, तेजस्वी यादव ने रविवार को कटिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी की सरकार के दौरान RSS और सांप्रदायिक ताकतों की बिहार में कदम रखने की हिम्मत नहीं थी। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को बिहार में जगह देने का काम उन्हीं ने किया है। तेजस्वी ने दावा किया, "भाजपा अगर किसी से डरती है तो लालू जी से डरती है। हमारी सरकार बनी तो वक्फ बोर्ड बिल को कूड़ेदान में फेंक देंगे।"

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वक्फ बना महागठबंधन का एजेंडा

तेजस्वी के इस बयान के बाद सीमांचल की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने उनके बयान का समर्थन करते हुए कहा, "RJD हो, कांग्रेस हो या महागठबंधन। हम सबने संसद के अंदर और बाहर इस बिल का विरोध किया है। अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी तो पूरी ताकत से इस बिल को रोकने की कोशिश की जाएगी।"

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वहीं, वाम दलों ने भी इस मुद्दे पर RJD का साथ दिया है। CPI(ML) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि अगर 'INDIA' गठबंधन की सरकार बनी, तो बिहार में वक्फ संशोधन कानून को लागू नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने इस कानून को केंद्र द्वारा राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करने की कोशिश और संघीय ढांचे के खिलाफ बताया।

बीजेपी का रिएक्शन

दूसरी ओर, बीजेपी ने तेजस्वी यादव और महागठबंधन के नेताओं के बयानों को संविधान विरोधी करार दिया है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा, "इन लोगों को यह ज्ञान ही नहीं है कि संसद से पास हुए बिल को कोई राज्य सरकार लागू न करने का फैसला नहीं कर सकती। जिनके चार सांसद हैं, वो संसद के अधिकार को चुनौती दे रहे हैं।"

वक्फ कानून से मुसलमानों का एक तबका नाराज

केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित वक्फ (संशोधन) बिल में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिन्हें मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण की कोशिश बताया है। इस बिल में वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण, प्रबंधन और विवादों में राज्य सरकार की भूमिका बढ़ाने के साथ-साथ सीबीआई जांच जैसी धाराएं भी जोड़ी गई हैं। विरोधी दलों का आरोप है कि इससे वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म हो जाएगी और धार्मिक संस्थानों की जमीनों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ेगा।

सीमांचल को साधने की कोशिश

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सीमांचल के कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया और अररिया जैसे जिलों में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के उदय के बाद, उनकी पार्टी ने पांच सीटें जीतकर RJD-कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ दिए थे। तेजस्वी यादव का वक्फ बिल पर आक्रामक रुख ओवैसी फैक्टर को कमजोर करने और मुस्लिम वोट बैंक को फिर से एकजुट करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस और वामदलों के समर्थन के बाद अब यह मुद्दा महागठबंधन के साझा एजेंडा के रूप में उभरता दिख रहा है।

यह भी पढ़ें- तेजस्‍वी यादव, बोले- सरकार बनी तो कूड़ेदान में फेंक दूंगा वक्फ बिल

Published By : Subodh Gargya

पब्लिश्ड 26 October 2025 at 23:14 IST