अपडेटेड 21 October 2025 at 16:03 IST
'चुनाव कोई भी जीते सरकार BJP की बनती है, अब 3 जनसुराज के घोषित उम्मीदवार को नामांकन करने नहीं दिया', प्रशांत किशोर का बड़ा आरोप
प्रशांत किशोर ने बताया कि पिछले चार-पांच दिनों में, 'जन सुराज' के तीन उम्मीदवारों को अपना नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया गया है।
- चुनाव न्यूज़
- 2 min read

बिहार की चुनावी सियासत में नए समीकरण बनाने की कोशिश कर रहे 'जन सुराज' के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि बीजेपी इस बार बिहार में खुद को सबसे ज्यादा खतरे में महसूस कर रही है और जनता को डराने के लिए महागठबंधन (लालू के 'जंगल राज' की वापसी) का सहारा ले रही है।
प्रशांत किशोर ने पटना में मीडिया से बातचीत में यह दावा किया कि पिछले कुछ सालों में भगवा पार्टी ने ऐसी छवि बना ली है कि चुनाव कोई भी जीते, सरकार वही बनाते हैं। लेकिन, बिहार में चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही बीजेपी को सबसे ज्यादा खतरा महसूस हो रहा है, और यह खतरा महागठबंधन से नहीं बल्कि प्रशांत किशोर की नई पार्टी 'जन सुराज' से है।
जनता को डराने का काम कर रही बीजेपी- प्रशांत किशोर
उन्होंने आरोप लगाया, "वे जनता को डराने के लिए महागठबंधन का इस्तेमाल कर रहे हैं, कह रहे हैं, 'हमें वोट दें, वरना लालू का जंगल राज वापस आ जाएगा'।" प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा कि असल में बीजेपी डरी हुई है और इसी डर के चलते वह लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल रही है।
Advertisement
'नामांकन वापिस लेने को किया जा रहा मजबूर'
इस क्रम में, प्रशांत किशोर ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पिछले चार-पांच दिनों में, 'जन सुराज' के तीन उम्मीदवारों को अपना नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया गया है। यह घटनाक्रम बिहार में निष्पक्ष चुनाव और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। 'जन सुराज' का आरोप है कि बीजेपी के दबाव के कारण जन सुराज के उम्मीदवारों को चुनावी मैदान से हटना पड़ा है। प्रशांत किशोर के इस बयान ने बिहार के चुनावी माहौल में हलचल मचा दी है।
Advertisement
उनका यह आरोप राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है और आने वाले दिनों में बीजेपी और 'जन सुराज' के बीच जुबानी जंग और तेज होने की संभावना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इन गंभीर आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या 'जन सुराज' इस मामले को चुनाव आयोग के समक्ष उठाता है।
Published By : Subodh Gargya
पब्लिश्ड 21 October 2025 at 16:03 IST