अपडेटेड 24 October 2025 at 23:23 IST

Bihar Election: महागठबंधन को पटरी पर लाने के चक्कर में कांग्रेस ने राहुल की मेहनत पर फेर दिया पानी! समझौते में किसे नफा किसे नुकसान?

Bihar Election: महागठबंधन में अभी जो समझौता हुआ है, चाहें वह सीट शेयर को लेकर हो या फिर सीएम और डिप्टी सीएम के चेहरे की घोषणा की बात हो। इसमें साफतौर पर दिख रहा है कि राजद और वीआईपी को नफा तो कांग्रेस को एक तरह से नुकसान उठाना पड़ा है।

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Bihar Election
तेजस्वी यादव, अशोक गहलोत और राहुल गांधी (फाइल फोटो) | Image: Official X (Twitter) Handle

Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की ओर से गुरुवार को सीएम और डिप्टी सीएम के चेहरे का ऐलान हो गया। कांग्रेस के दिग्गज नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिहार की राजधानी पटना में महागठबंधन की संयुक्त प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा की।

महागठबंधन में काफी खींचतान और सीट शेयरिंग में पेंच के बीच अशोक गहलोत ने घोषणा की कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से सीएम पद का चेहरा राजद के तेजस्वी यादव होंगे। वहीं, डिप्टी सीएम का चेहरा वीआईपी के मुकेश सहनी होंगे। इस घोषणा के बाद सवाल उठ रहे हैं कि इससे कांग्रेस को क्या मिला? सवाल यह भी है कि क्या महागठबंधन को पटरी पर लाने के चक्कर में कांग्रेस ने राहुल गांधी के मेहनत पर पानी फेर दिया?

जब राहुल गांधी ने इतनी मेहनत की तो उन्हें क्या मिला? 

बिहार चुनाव को लेकर चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले खुद राहुल गांधी ने बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' की थी। उन्होंने यह यात्रा तेजस्वी यादव के साथ मिलकर की थी। इसमें इन दोनों नेताओं ने बिहार के कई जिलों का दौरा किया और जनता के बीच जाकर उन्हें अपने प्रति समर्थन के साथ वोट को लेकर जागरूक किया। राजनीतिक जानकार मान रहे थे कि इस यात्रा से राहुल गांधी और कांग्रेस को बिहार के चुनाव में फायदा हो सकता है। लेकिन अब जब महागठबंधन में सीट शेयर और सीएम तथा डिप्टी सीएम के चेहरे की घोषणा की गई तो यहां कांग्रेस की भूमिका सिर्फ ऐलान करने में दिखी।

सवाल यह भी है कि जब राहुल गांधी ने इतनी मेहनत की तो उन्हें क्या मिला? उनकी पार्टी से किसी को उप मुख्यमंत्री का चेहरा महागठबंधन ने क्यों नहीं बनाया? क्या भीतर खाने सब ठीक है? अगर सब ठीक है तो जिस कांग्रेस पार्टी को साल 2020 में महागठबंधन में सीट शेयरिंग में 70 सीटें दी गई थीं और तब इस पार्टी ने 19 सीटों पर जीत भी हासिल की थी। इस बार भी इसने करीब 62 सीटों पर अपने उम्मीदवार को उतारा है, लेकिन डिप्टी सीएम के चेहरे की बात आई तो यह चेहरा बना विकासशील इंसान पार्टी (VIP)के मुकेश सहनी का।

मुकेश सहनी की पार्टी को महागठबंधन में मात्र 15 सीटें मिली हैं। लेकिन डिप्टी सीएम का चेहरा बनकर सहनी ने कांग्रेस की मेहनत और साख पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।

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कुछ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जब तेजस्वी यादव को ही सीएम पद का चेहरा बनाना था तो इसकी घोषणा में इतनी देरी क्यों हुई? राहुल की चाहें वोटर अधिकार यात्रा हो या फिर उसके बाद अकेले तेजस्वी की अपनी यात्रा हो, इसमें राजद सीएम का चेहरा तेजस्वी को ही बनाकर चल रही थी, लेकिन तब कांग्रेस और राहुल गांधी इस बात पर सहमत नहीं दिखे थे। लेकिन अब क्या हुआ कि कांग्रेस को खुद तेजस्वी का नाम महागठबंधन के सीएम चेहरे के रूप में लेना पड़ा?
 

समझौते में किसे नफा किसे नुकसान?

महागठबंधन में अभी जो समझौता हुआ है, चाहें वह सीट शेयर को लेकर हो या फिर सीएम और डिप्टी सीएम के चेहरे की घोषणा की बात हो। इसमें साफतौर पर दिख रहा है कि राजद और वीआईपी को नफा तो कांग्रेस को एक तरह से नुकसान उठाना पड़ा है। इसे इस तरीके से भी कहा जा सकता है कि महागठबंधन के लिए त्याग की आहुति फिलहाल कांग्रेस को देनी पड़ी है।

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हालांकि, इस संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान अशोक गहलोत ने अपनी पार्टी कांग्रेस के लिए भी रास्ता खुले रहने के संकेत दिए। जी हां, उन्होंने कहा कि और भी डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे। अब सवाल यह है कि कब? अगर और भी डिप्टी सीएम की बात थी तो अभी क्यों नहीं उन चेहरों की भी घोषणा की गई, जैसे तेजस्वी और मुकेश की हुई?
अगर इस और भी डिप्टी सीएम वाली घोषणा में कांग्रेस का कोई चेहरा होता तो कम से कम बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह तो होता, जैसे राजद और वीआईपी में है।

एक सवाल यह भी है कि ऐसा तो नहीं है न कि कांग्रेस यह मान चुकी हो कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजद ही उनका बड़ा भाई है? हालांकि, बड़ा भाई राजद हो सकता है क्योंकि वर्तमान में भी उसके पास अधिक सीटें हैं और चुनाव भी अधिक सीटों पर लड़ रही है। लेकिन सवाल यह है कि कांग्रेस तो वीआईपी से छोटा तो नहीं न? हो सकता है कि कांग्रेस की दूर की प्लानिंग हो और इसका आधा या बचा हुआ समझौता आगामी लोकसभा चुनाव में हो? खैर जो भी हो, फिलहाल महागठबंधन में कांग्रेस का कद, राजद और वीआईपी से थोड़ा कम देखा जा रहा है। अब देखने वाली बात यह है कि बिहार चुनाव के नतीजे किस ओर ले जाते हैं।

बिहार विधानसभा में अभी की स्थिति - कुल सीटें: 243

बीजेपी: 80
राजद: 77
जदयू: 45
कांग्रेस: 19
सीपीआई (एम एल): 11
हम (सेक्युलर): 4
सीपीआई (एम): 2
सीपीआई: 2
एआईएमआईएम: 1
निर्दलीय: 2
 

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 24 October 2025 at 23:23 IST