अपडेटेड 18 October 2025 at 21:58 IST
बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन में दरार! JMM ने छोड़ा कांग्रेस-RJD का साथ, BJP बोली- राहुल और तेजस्वी के घमंड ने...
झामुमो जिन छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, उनमें चकाई, धमदाहा, कटोरिया (एसटी), मनिहारी (एसटी), जमुई और पीरपैंती शामिल हैं। ये सभी सीटें बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत आती हैं, जहां 11 नवंबर को मतदान होना है।
- चुनाव न्यूज़
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झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा राजनीतिक फैसला लिया है। झामुमो ने महागठबंधन के साथ गठबंधन तोड़ते हुए, बिहार की छह विधानसभा सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। पार्टी के इस कदम को बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।
झामुमो के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को रांची में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इस निर्णय की आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि झामुमो ने फैसला किया है कि वह अपने दम पर बिहार के चुनावी दंगल में उतरेगी।
इन 6 सीटों पर दम दिखाएगी झामुमो
झामुमो जिन छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, उनमें चकाई, धमदाहा, कटोरिया (एसटी), मनिहारी (एसटी), जमुई और पीरपैंती शामिल हैं। ये सभी सीटें बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत आती हैं, जहां 11 नवंबर को मतदान होना है। इन सीटों पर झामुमो के उतरने से महागठबंधन, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के समीकरणों पर सीधा असर पड़ सकता है।
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पार्टी ने इन छह सीटों पर प्रचार की कमान संभालने के लिए 20 स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी है। इस हाई-प्रोफाइल प्रचार अभियान का नेतृत्व खुद झारखंड के मुख्यमंत्री और पार्टी के कद्दावर नेता हेमन्त सोरेन करेंगे। झामुमो की रणनीति साफ है कि पड़ोसी राज्य बिहार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना और खासकर झारखंड से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी आदिवासी और क्षेत्रीय पकड़ को मजबूत करना।
बीजेपी का रिएक्शन
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा, '' बिहार में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी और साथ ही यह भी घोषणा की कि वह अब महागठबंधन का हिस्सा नहीं है। इतना ही नहीं, पार्टी ने यह भी कहा कि बिहार चुनाव के बाद झारखंड में भी गठबंधन पर पुनर्विचार किया जाएगा। राहुल और तेजस्वी का घमंड ही महागठबंधन के बिखरने का असली कारण है। बिहार बच गया।''
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बिहार चुनाव की महत्वपूर्ण तारीख
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों के लिए चुनाव दो चरणों में आयोजित किए जा रहे हैं। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा, जबकि दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को निर्धारित है। झामुमो द्वारा चुनी गई सभी छह सीटें दूसरे चरण में ही मतदान के लिए जाएंगी। इन चुनावों के मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी, जिसके बाद यह स्पष्ट होगा कि झामुमो का यह स्वतंत्र दांव कितना सफल साबित होता है।
झामुमो का महागठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ना इस बात का संकेत है कि पार्टी बिहार में अपनी राजनीतिक पहचान को स्थापित करना चाहती है, भले ही इसके लिए उसे गठबंधन के बड़े दल (आरजेडी और कांग्रेस) के खिलाफ ही क्यों न उतरना पड़े। झामुमो नेताओं का मानना है कि इन सीटों पर उनका संगठनात्मक आधार मजबूत है और वे अकेले ही प्रभावी प्रदर्शन कर सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी का यह फैसला बिहार के चुनावी नतीजों पर क्या प्रभाव डालता है।
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Published By : Subodh Gargya
पब्लिश्ड 18 October 2025 at 20:17 IST