अपडेटेड 19 February 2024 at 09:28 IST
Vijaya Ekadashi: कब मनाई जाएगी विजया एकादशी, जानिए डेट, महत्व और पूजा विधि
Vijaya Ekadashi 2024: आगर आप विजया एकादशी का व्रत करने जा रहे हैं तो आपको इसकी तारीख और पूजा विधि के बारे में जान लेना चाहिए।
- धर्म और अध्यात्म
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Vijaya Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बेहद खास महत्व है। इस दिन व्रत किए जाने की परंपरा है। ये एकादशी का व्रत मुख्य रूप से भगवान विष्णु के लिए किया जाता है। कहते हैं कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
वहीं, फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन जो व्रत किया जाता है उसे विजया एकादशी कहा जाता है। आइए जानते हैं विजया एकादशी का व्रत किस दिन रखा जाएगा साथ ही जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजा विधि।
विजया एकादशी का महत्व
जैसा कि विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत किया जाता है। ऐसे में धार्मिक मान्यता है कि विजया एकादशी का व्रत रखने से विजय की प्राप्ति होती है। यानी कि इस व्रत को करने से आपको हर काम में सफलता मिल सकती है। माना जाता है कि भगवान राम ने लंका अधिपति रावण पर विजय पाने के लिए ऋषि बकदाल्भ्य के कहने पर विजया एकादशी का व्रत रखा था। यही वजह है कि एकादशी के व्रत के प्रभाव के कारण ही भगवान राम को रावण पर विजय प्राप्त करने में मदद मिली थी।
कब है विजया एकादशी
चलिए अब जानते हैं कि विजया एकादशी का व्रत किस दिन रखा जाएगा। दरअसल, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी विजया एकादशी होती है। ऐसे में पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि 6 मार्च को सुबह 6 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 7 मार्च को 4 बजकर 14 मिनट पर खत्म होगी। इसलिए 6 मार्च को एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
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विजया एकादशी की पूजा
- विजया एकादशी की पूजा की तैयारी एक दिन पहले शुरू हो जाती है।
- व्रत से एक दिन पहले पूजा के स्थान को गंगाजल छिड़ककर उसे शुद्ध किया जाता है।
- इसके बाद उस जगह पर सप्त अनाज रखा जाता है।
- अब विजया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें।
- अब पूजा स्थल पर सप्त अनाज के ऊपर तांबे या मिट्टी का कलश स्थापित करें।
- इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर लगाएं।
- अब भगवान विष्णु को धूप, दीप, चंदन, फल-फूल और तुलसी आदि अर्पित करें।
- पूजा के बाद विजया एकादशी की कथा का पाठ करें।
- और भगवान विष्णु को किसी मिष्ठान का भोग लगाएं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 19 February 2024 at 09:28 IST