अपडेटेड 4 February 2024 at 20:45 IST
Shami Plant: शिव जी को बेहद प्रिय है शमी का पौधा, जानें कब और कैसे चढ़ाना चाहिए जल; क्या है नियम
Shami का पौधा कई देवों को अतिप्रिय है। वहीं इस पौधे की पूजा का भी विधान है। ऐसे में आइए जानते हैं कि शमी के पौधे पर किस दिन जल चढ़ाना शुभ होता है।
- धर्म और अध्यात्म
- 2 min read

Shami Plant Puja Niyam: हिंदू धर्म में शमी के पौधे को बहुत ही शुभ और पूजनीय बताया गया है। कहा जाता है कि इस पौधे में कई देवी-देवताओं का वास होता है। वहीं यह शिव जी और शनि देव को बेहद प्रिय है। ऐसे में इसके पत्तों को शिवलिंग और शनि पूजा में शामिल करना बहुत ही शुभ माना गया है। इस पौधे की पूजा करने के भी कुछ नियम है, जिसमें जल चढ़ाना भी शामिल है। अगर आपके घर में शमी का पौधा है, तो इसमें जल चढ़ाने के नियमों के बारे में जान लें।
हिंदू धर्म में जिस तरह से तुलसी के पौधे को पूजनीय माना गया है और इसकी पूजा के कुछ नियम हैं, ठीक उसी तरह तरह से शमी के पौधे की भी पूजा की जाती है और इसके भी कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
कब और कैसे चढ़ाना चाहिए शमी के पौधे में जल?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक शमी के पौधे को शनिवार के दिन पानी देना बहुत ही फलदायी होता है, लेकिन इसमें जल अर्पित के नियम है। शास्त्रों के मुताबिक शमी के पौधे (Shami Plant Puja Niyam) में जल चढ़ाने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर नहाना चाहिए और फिर एक लोटे में शुद्ध जल लेकर उसे चढ़ाना चाहिए।
Shami Plant में जल चढ़ाने के लिए न करें इन बर्तनों का इस्तेमाल
शास्त्रों के मुताबिक शमी के पौधे में भूलकर भी स्टील या लोटे के बर्तन से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके लिए तांबे या पीतल के बर्तन ही शुद्ध माना जाते हैं।
Advertisement
यह भी पढे़ं… Hair Remedies : बालों को सफेद होने से रोक सकती हैं ये चीजें! बड़े काम के हैं ये घरेलू नुस्खे
जल चढ़ाने के बाद करें ये काम
ज्योतिष शास्त्र और नियम के मुताबिक Shami Plant में शनिवार के दिन जल चढ़ाने के बाद दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने पर शनिदेव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। साथ ही जिस व्यक्ति पर शनि दोष हो उसे इससे भी मुक्ति मिलती है।
Advertisement
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 4 February 2024 at 20:45 IST