अपडेटेड 28 January 2024 at 17:25 IST
Sakat Chauth: तिल के बिना क्यों अधूरी होती है सकट चौथ की पूजा? जानें इसका महत्व
Sakat Chauth के दिन गणपति बप्पा की पूजा में तिल का भोग जरुर लगाना क्योंकि इसके बिना यह पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए इसके महत्व के बारे में जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Sakat Chauth Me Kyu Chadhaya Jata Hai Til: माह के महीने में पड़ने वाली सकट चौथ को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। अलग-अलग जगहों पर इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसे वक्रतुंडी चतुर्थी, माही चौथ, तिल या तिलकूट चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन गणेश भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना और निर्जल व्रत किया जाता है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा में तिल का भोग लगाया जाता है, क्योंकि इसके बिना यह पूजा अधूरी मानी जाती है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सकट चौथ में तिल क्यों चढ़ाया जाता है आइए इसके बारे में जानते हैं।
दरअसल, पुराणों में तिल का विशेष महत्व बताया गया है, तिल से जुड़ी कई कथाओं का उल्लेख ग्रंथों में मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सकट चौथ के दिन तिल का क्या महत्व है।
इस साल कब है Sakat Chauth?
माघ महीने में दो चतुर्थी पड़ती है, लेकिन सकट चौथ बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह 29 जनवरी 2024 दिन सोमवार को पड़ रहा है। संतान की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए रखे जाने वाले इस व्रत में गणपति बप्पा को तिल को भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि इसके बिना यह पूजा अधूरी होती है। तो चलिए इसके महत्व के बारे में जानते हैं।
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Sakat Chauth में क्या है तिल का महत्व?
सकट चौथ को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। कथा के मुताबिक माघ मास में तिल का विशेष महत्व है और भगवान गणेश को भी तिलकुटा या तिल के लड्डू बेहद प्रिय हैं। ऐसे में व्रत करने वाली महिलाएं भगवान गणेश के लिए गुड़ और तिल से तिलकुट बनाकर भोग लगाती हैं, जिससे भगवान व्रती से प्रसन्न होकर गरीबी और संकटों को दूर करते हैं।
वहीं इसके वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो तिल की तासीर गर्म होती है और ठंड में इसे खाने से लोगों को मौसमी बीमारियों का खतरा कम रहता है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 28 January 2024 at 17:25 IST