अपडेटेड 14 March 2024 at 10:14 IST

Rangbhari Ekadashi 2024 Date: इस दिन पड़ रही है रंगभरी एकादशी, जानिए डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Rangbhari Ekadashi 2024 Date: अगर आप रंगभरी एकादशी के दिन व्रत करने जा रहे हैं तो आपको इसकी तिथि के साथ-साथ शुभ मुहूर्त के बारे में भी जान लेना चाहिए।

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रंगभरी एकादशी 2024 | Image: देव_प्रेरणा फेसबुक

Rangbhari Ekadashi 2024 Date: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। जिनमें फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रंगभरी एकादशी बनाई जाती है। सनातन धर्म में रंगभरी एकादशी बेहद खास है। इसके आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है। माना जाता है कि भगवान शिव और मां पार्वती इस तिथि के दिन काशी गए थे। इसलिए इस शिव जी और मां पार्वती की पूजा और व्रत किए जाने का भी विधान है।

आइए जानते हैं कि रंगभरी एकादशी किस दिन मनाई जाएगी और क्या है इस दिन का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि।

रंगभरी एकादशी डेट 2024 (Rangbhari Ekadashi 2024 Date)

पंचांग के अनुसार, रंगभरी एकादशी तिथि का 20 मार्च को रात 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 21 मार्च को सुबह 02 बजकर 22 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में रंगभरी एकादशी व्रत 20 मार्च को किया जाएगा।

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रंगभरी एकादशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त (Rangbhari Ekadashi Shubh Muhurat)

रंगभरी एकादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 20 मार्च को सुबह 6 बजकर 25 मिनट से सुबह 9 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। वहीं, आप व्रत का पारण अगले दिन यानी 21 मार्च को दोपहर 1 बजकर 31 मिनट से 4 बजकर 7 मिनट तक कर सकते हैं।

रंगभरी एकादशी पूजा विधि (Rangbhari Ekadashi Puja Vidhi)

  • रंगभरी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले भगवान शिव और माता पार्वती के ध्यान से करें।
  • इसके बाद स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
  • अब मंदिर जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
  • इसके बाद घर आकर मंदिर में साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर शिवजी और मां पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
  • अब मां पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित करें।
  • शिव जी और मां पार्वती को गुलाल, चंदन और बेलपत्र समेत विशेष चीजें अर्पित करें।
  • इसके बाद शिव-गौरी की आरती करें और रंगभरी एकादशी कथा का पाठ करें।
  • अब भगवान को खीर का भोग लगाएं और घर में सुख-शांति के बने रहने की कामना करें।
  • आखिर में भोग लगाए हुए प्रसाद को घर के सभी सदस्यों को बांटकर पूजा संपन्न करें। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 14 March 2024 at 07:40 IST