अपडेटेड 17 April 2024 at 11:07 IST
Ram Navami: पीले वस्त्र, दिव्य हार...रामलला के सूर्य तिलक के लिए अयोध्या तैयार, यहां देखें LIVE
Ramlalla Ka Surya Tilak: आज रामनवमी के मौके पर अयोध्या में रामलला का भव्य जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।
- धर्म और अध्यात्म
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Ramlalla Ka Surya Tilak: इस साल की रामनवमी बेहद खास है। ऐसा इसलिए क्योंकि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार श्री राम का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। जिसके लिए न सिर्फ अयोध्या वासी बल्कि पूरा भारत जश्न के रंग में डूबा हुआ है। हर किसी को इस दिन का इंतजार बेसब्री से था।
दरअसल, त्रेता युग में रामनवमी के दिन प्रभु राम का जन्म हुआ था। शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी पर राजा दशरथ के घर पहली किलकारी गूंजी थी। ऐसे में इस साल की रामनवमी हर भारतीय के लिए बेहद अहम हो गई है। खास बात ये है कि आज यानी बुधवार, 17 अप्रैल के दिन रामनवमी पर प्रभु राम का सूर्याभिषेक किया जाएगा। जिसके लिए रामलला के बाल स्वरूप को सजाया गया है।
यहां देखें अयोध्या से रामलला सूर्य तिलक का सीधा प्रसारण…
सोने-चांदी के आभूषणों से लदे रामलला
रामनवमी के शुभ अवसर पर रामलला सोने-चांदी से जड़े हुए बेहद शानदार वस्त्रों से सुसज्जित किए गए हैं। पीले रंग के वस्त्रों में रामलला का रूप देखते ही बन रहा है। वस्त्रों के अलावा रामलला का श्रृंगार सोने-चांदी के रत्नों के कीमती आभूषणों के साथ किया गया है। रामनवमी के मौके पर रामलला को विशेष मुकुट, कुंडल, बाजू बंद, कमरबंद, गले का हार, अंगूठी और पैजनिया पहनाई गई है। रामलला के इस भव्य रूप को देखने के लिए भक्त बेहद व्याकुल हैं।
रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया राम मंदिर
रामलला के जन्मोत्सव को भव्य बनाने के लिए पूरे राम मंदिर को रंग-बिरंगी एलईडी लाइटों से जगमगाया गया है। इतना ही नहीं मंदिर में लगाए गए फूल इस शुभ अवसर को और भी ज्यादा शानदार बना रहे हैं। इस मौके पर राम मंदिर की रौनक देखते ही बन रही है।
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रामलला का सूर्य तिलक
रामनवमी के खास मौके पर दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर भगवान राम का सूर्य अभिषेक भी किया जाएगा। सूर्य तिलक के समय लगभग पांच मिनट तक रामलला के माथे पर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में सूर्यदेव शोभित होंगे। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान रुड़की के वैज्ञानिकों ने सूर्य तिलक की व्यवस्था पूर्ण की। जानकारी के मुताबिक, राम जन्मोत्सव के मौके पर लगभग 4 मिनट तक सूर्य की किरणें रामलला का तिलक करेंगी। इसके लिए सूर्य की किरणों को तीन दर्पण के जरिए अलग-अलग एंगल में डायवर्ट किया जाएगा। सूर्य रश्मियों को रामलला के ललाट तक पहुंचाने में कहीं भी बिजली का इस्तेमाल नहीं किया गया है। आप्टोमैकेनिकल सिस्टम के तहत उच्च गुणवत्ता वाले दर्पण और लेंस के साथ पीतल की वर्टिकल पाइपिंग की व्यवस्था है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 17 April 2024 at 11:04 IST