अपडेटेड 17 January 2024 at 19:23 IST
Pran Pratishtha: 22 जनवरी को इस विधि से करें घर पर रामलला की पूजा, इन बातों का रखें खास ध्यान
रामलला प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होना हर किसी के लिए संभव नहीं है। ऐसे में आइए जानते हैं कि घर पर ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा जैसी पूजा कैसे कर सकते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Ramlala Pran Pratishtha Puja Vidhi: इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाले 22 जनवरी के एतिहासिक दिन का हर किसी को बेसब्री से इंतजार है। यह वही दिन है, जब सालों की लड़ाई के बाद बन रहे नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस एतिहासिक पल का साक्षी तो हर कोई बनना चाहता है, लेकिन ऐसा हो पाना संभव नहीं है। ऐसे में अगर आप अयोध्या नहीं जा पा रहे हैं, तो घर पर ही आसान विधि से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कर सकते हैं।
स्टोरी में आगे ये पढ़ें...
- प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरा देश हुआ राममय
- रामलला प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त क्या है?
- घर पर कैसे करें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा?
प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पौष माह यानी जनवरी की 22 तारिख दिन सोमवार द्वादशी तिथि को चुना गया है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग जैसे कई शुभ योगों का संयोग बन रहा है। इन्हीं के बीच 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त रहने वाला है।
रामलला प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन घर पर ऐसे करें पूजा
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान राम का स्मरण करें।
- फिर नहा-धोकर साफ कपड़े पहनें। इसके बाद घर में बने मंदिर को साफ करके वहां गंगा जल छिड़कें।
- फिर वहां एक चौकी रखें और उसपर राम दरबार की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। ध्यान रखें की तस्वीर को मुख पूर्व दिशा की ओर हो।
- इसके बाद भगवान राम का पंचामृत से अभिषेक करें और उन्हें फूल, रोली, अक्षत, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
- श्री राम के साथ हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए।
- इसके बाद रामचरितमानस, सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभकारी होता है।
- अंत में राम दरबार की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं।
- इसके अलावा आप रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन घर पर रामायण या रामचरितमानस पाठ का आयोजन कर सकते हैं।
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इन बातों का रखें ध्यान
- देवी-देवताओं पर चढ़ाए गए फूल-माला हर दिन रात में ईश्वर शयन कराने के साथ हटा देना चाहिए और प्रतिदिन नए फूलों की माला अर्पित करनी चाहिए।
- पूजा में हमेशा ताजे फूल ही चढ़ाएं। रंग-बिरंगे फूलों से रामलला के मंदिर को सजाएं।
- पूजा के बाद फूल मुरझा जाएं तो उन्हें हटा कर दोबारा नए फूलों से सजा दें मंदिर।
- मंदिर में अंधेरा ना हो, इस बात का ध्यान रखें, क्योंकि यह अशुभ होता है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 17 January 2024 at 19:20 IST