Updated March 29th, 2024 at 17:43 IST
Papmochani Ekadashi 2024: इस दिन रखा जाएगा चैत्र माह का पहला एकादशी व्रत, जानें डेट-पूजा का मुहूर्त
हर एकादशी का अपना महत्व और नाम होता है। इसी कड़ी में अब पापमोचनी एकादशी आने वाली है जिसमें जातक अपने पापों की मुक्ति के लिए विष्णु जी की आराधना करता है।
- धर्म और अध्यात्म
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Papmochani Ekadashi Date: विष्णु भगवान को न सिर्फ गुरुवार का दिन बल्कि एकादशी तिथि भी समर्पित है। मान्यता है कि एकादशी के दिन जो भी व्यक्ति विष्णु जी की विधिवत पूजा अर्चना करता है और व्रत रखता है उसे पर संकट से छुटकारा मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैसे साल में पड़ने वाली 24 एकादशियों का अपना अलग-अलग नाम और महत्व है। इसी कड़ी में चैत्र माह में पड़ने वाली पहली एकादशी को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
धार्मिक मान्यता के मुताबिक एकादशी (Ekadashi) का व्रत करने से व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और उसके परिवार में सुख समृद्धि रही है। वहीं जो लोग पापमोचनी एकादशी का व्रत रखते हैं उनके समस्मत पाप नाश होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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कब रखा जाएगा पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) का व्रत?
हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाने वाला पापमोचनी एकादशी व्रत की शुरुआत इस बार 4 अप्रैल 2024 दिन गुरुवार की शाम 4 बजकर 15 मिनट से होगी, जो अगले दिन 5 मार्च दिन शुक्रवार की दोपहर 1 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। ऐसे में उदयातिथि के मुताबिक यह व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा।
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पापमोचनी एकादशी शुभ मुहूर्त (Papmochani Ekadashi Shubh Muhurat)
इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा, जो सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा, लेकिन जो लोग इस मुहूर्त में पूजा न कर पाएं वह अभिजित मुहूर्त में भी पूजा कर सकते हैं। यह सुबह 11 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
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पापमोचनी एकादशी व्रत रखने का महत्व क्या है?
पापमोचनी दो शब्दों से मिलकर बना है। इसका अर्थ है पाप और मोचनी यानी की पाप को समाप्त करने वाला। इसलिए इस एकादशी (Papmochani Ekadashi 2024) का व्रत रखने वाले व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही माता लक्ष्मी और विष्णु भगवान की कृपा से जीवन के हर मोड़ पर सफलता मिलती है। ऐसे में इस एकादशी का व्रत जरूर रखना चाहिए।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published March 29th, 2024 at 17:43 IST
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