अपडेटेड 31 December 2025 at 14:48 IST

लंबे युद्धों के लिए मजबूत हुई भारतीय सेना, गोलीसे लेकर मिसाइल तक... आर्मी के पास 90% से अधिक गोला-बारूद देसी

भारतीय सेना ने गोला-बारूद में 90% से अधिक आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। करीब 200 तरह के गोला-बारूद अब स्वदेशी उत्पादन से मिल रहे हैं। पिछले तीन सालों में 26,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर भारतीय कंपनियों को दिए गए।

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Indian Army ammunition self-sufficiency exceeds 90% strong preparation for a long war
आर्मी के पास 90% से अधिक देसी गोला-बारूद | Image: ANI

आज के समय में भारत की सुरक्षा स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण है। तेजी से बदलती तकनीक और लंबे संकटों के कारण भारतीय सेना को न सिर्फ मजबूत हथियार चाहिए, बल्कि लंबे समय तक लड़ाई लड़ने की क्षमता भी जरूरी है। गोला-बारूद, स्पेयर पार्ट्स और सप्लाई चेन किसी भी युद्ध में सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ने गोला-बारूद के उत्पादन में आत्मनिर्भरता को अपनी मुख्य रणनीति बनाया है।

पहले भारतीय सेना का गोला-बारूद काफी हद तक विदेश से आता था, जो वैश्विक संकटों में समस्या पैदा करता था। हाल के युद्धों से सबक लेते हुए सेना ने 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' के तहत स्वदेशी उत्पादन को तेज किया है।

200 तरह के गोला-बारूद, 90% से आत्मनिर्भर

वर्तमान में भारतीय सेना के पास करीब 200 तरह के गोला-बारूद और सटीक हथियार हैं। इनमें से 90% से ज्यादा अब भारत में ही बनाए जा रहे हैं। बाकी पर भी तेजी से काम चल रहा है, जिसमें सरकारी कंपनियां, निजी उद्योग और रिसर्च एजेंसियां शामिल हैं।

भारतीय कंपनियों में बन रहा गोला-बारूद

पिछले 4-5 सालों में खरीद प्रक्रिया को आसान बनाया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा भारतीय कंपनियां हिस्सा लें। 'मेक इन इंडिया' के तहत करीब 16,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए गए हैं। पिछले तीन सालों में स्वदेशी निर्माताओं को लगभग 26,000 करोड़ रुपये के गोला-बारूद के ऑर्डर मिले हैं। अब कई तरह के गोला-बारूद कई भारतीय कंपनियों से आ रहे हैं, जिससे सप्लाई ज्यादा सुरक्षित हो गई है।

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कच्चे माल की स्वदेशी सप्लाई

अब आगे का फोकस कच्चे माल की स्वदेशी सप्लाई, फैक्टरियों को आधुनिक बनाना, तकनीक ट्रांसफर और गुणवत्ता पर है। इससे गोला-बारूद बनाने का पूरा सिस्टम मजबूत और आत्मनिर्भर बनेगा। इस आत्मनिर्भरता से भारतीय सेना लंबे युद्धों में भी मजबूती से लड़ सकेगी। इससे देश की सुरक्षा मजबूत होगी और सेना की तैयारी हमेशा दमदार रहेगी। आत्मनिर्भरता भारत की रक्षा में एक बड़ा कदम है, जो हमें वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 31 December 2025 at 14:48 IST