अपडेटेड 12 May 2025 at 16:10 IST
'शिव तांडव' के बाद 'याचना नहीं, अब रण होगा...', ऐसी शुरुआत क्यों? सवाल के बाद सेना बोली- भय बिनु होय न प्रीत, आप समझ गए होंगे
वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल ए.के. भारती ने इस दौरान गोस्वामी तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस की एक प्रसिद्ध चौपाई पढ़ते हुए भारत के पक्ष को स्पष्ट रूप से सामने रखा। उन्होंने कहा, 'विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति।'
- डिफेंस न्यूज
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के बाद, दोनों देशों के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स) स्तर की बैठक आज फिर होने जा रही है। इस बैठक से पहले भारतीय सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें देश की सैन्य तैयारियों और पाकिस्तान की हालिया गतिविधियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी गई। वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल ए.के. भारती ने इस दौरान गोस्वामी तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस की एक प्रसिद्ध चौपाई पढ़ते हुए भारत के पक्ष को स्पष्ट रूप से सामने रखा। उन्होंने कहा, 'विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति।' यह चौपाई पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश देती है कि जब तक भय न हो, शांति संभव नहीं हो सकती। एयर मार्शल ने यह भी कहा कि अब विनम्रता नहीं, बल्कि कड़ी प्रतिक्रिया की आवश्यकता है, जिससे दुश्मन को यह एहसास हो कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है और किसी भी स्थिति का मजबूती से सामना करेगा।
भारतीय डीजीएमओ के प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया यह बयान भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी सैन्य नीति और सुरक्षा तैयारियों को स्पष्ट करता है। इस बीच, डीजीएमओ बैठक से उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत से तनाव कम करने का प्रयास किया जाएगा। इसके पहले डीजीएमओ के अधिकारियों ने रविवार (11 मई) को भी प्रेस-कॉन्फ्रेंस से पहले शिव तांडव स्रोत की धुन बजाई थी। शिव तांडव धुन के बाद ही पाकिस्तान के पर किए गए हमले के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू की गई थी। भारत ने आतंकवाद और सीमा पार घुसपैठ को लेकर पाकिस्तान को कड़े और सांस्कृतिक प्रतीकों से भरे संदेश में साफ चेतावनी दी है। डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) और एयर मार्शल ए.के. भारती की प्रेस कॉन्फ्रेंस में, न केवल रणनीतिक सख्ती दिखाई दी, बल्कि श्रीराम के आदर्शों का हवाला देकर भारत की सैन्य नीति का नया रुख भी दर्शाया गया।
याचना नहीं अब रण होगा...
एयर मार्शल भारती ने ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए कहा,'श्रीराम ने पहले विनय से समुद्र से मार्ग मांगा, लेकिन जब बात नहीं बनी तो बाण का सहारा लिया। उसी प्रकार भारत भी अब सिर्फ शांति की अपील नहीं करेगा, यदि जरूरत पड़ी तो सैन्य शक्ति से जवाब दिया जाएगा।' यह कथन पारंपरिक भारतीय मूल्यों और आधुनिक रणनीतिक दृष्टिकोण का शक्तिशाली मिश्रण बनकर सामने आया, जिसने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब एकतरफा धैर्य नहीं, निर्णायक प्रतिकार की नीति अपनाएगा। भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि सीमा पार से आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर और अन्य जवाबी कार्रवाइयों को लेकर भारतीय सेना ने संकेत दिया कि यदि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो सीधा सैन्य प्रतिशोध दिया जाएगा, जिसकी तैयारी पूरी है।
सांस्कृतिक प्रतीकों के जरिए दिया राष्ट्रवाद का संदेश
भारतीय सेना और वायुसेना के इस संयुक्त संवाद ने यह संकेत दिया कि भारत अब रणनीतिक चेतावनी को केवल सैन्य भाषा तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि उसमें संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रवाद का भी समावेश होगा, ताकि संदेश और अधिक गूंजदार और व्यापक हो। यह बयान न सिर्फ पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत अपनी परंपराओं और आधुनिक सैन्य ताकत का समन्वय करते हुए अगली रणनीति तैयार कर रहा है। भारत की यह चेतावनी आने वाले समय में कूटनीतिक और सैन्य दिशा तय करने में अहम साबित हो सकती है।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 12 May 2025 at 16:10 IST