अपडेटेड 25 October 2024 at 17:55 IST

India-China: डेमचोक और डेपसांग से भारत-चीन सैनिकों की वापसी शुरू, 29 अक्टूबर तक पूरी होगी प्रक्रिया

India-China: कुछ दिन पहले दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर समझौता हुआ था। सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है।

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Indian Army operating T-90 Bhishma tank near the Line of Actual Control
भारत, चीन ने टकराव वाले दो बिंदुओं से सैनिकों की वापसी शुरू: सूत्र | Image: ANI

भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और डेपसांग मैदानी क्षेत्रों में टकराव वाले दो बिंदुओं से सैनिकों की वापसी शुरू कर दी है और यह प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कुछ दिन पहले दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर समझौता हुआ था जो चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।

सूत्रों ने कहा कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद टकराव वाले दोनों बिंदुओं पर गश्त शुरू होगी और दोनों पक्ष अपने-अपने सैनिकों को हटाकर अस्थायी ढांचों को नष्ट कर देंगे। उन्होंने कहा कि अंतत: गश्त का स्तर अप्रैल 2020 से पहले के स्तर पर पहुंच सकता है। सैन्य सूत्रों ने बताया कि समझौता रूपरेखा पर पहली बार राजनयिक स्तर पर सहमति बनी थी और फिर सैन्य स्तर की वार्ता हुई। उन्होंने कहा कि कोर कमांडर स्तर की बातचीत में समझौते के महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम हुआ।

2020 में हुआ था संघर्ष

दोनों पक्षों के बीच समझौतों का पालन करते हुए भारतीय सैनिकों ने इन क्षेत्रों से साजो-सामान वापस लाना शुरू कर दिया है। जून 2020 में गल्वान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच भीषण संघर्ष के बाद संबंधों में तनाव आ गया था। यह पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में संवाददाताओं से कहा था कि पिछले कुछ सप्ताह में हुई बातचीत के बाद समझौते को अंतिम रूप दिया गया और इससे 2020 में सामने आए मुद्दों का समाधान निकलेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन से इतर अपनी द्विपक्षीय बातचीत में पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर हुए समझौते का समर्थन किया था। पूर्वी लद्दाख के विवाद को लेकर भारत के सतत रुख का जिक्र करते हुए मिस्री ने द्विपक्षीय बैठक के बाद कजान में मीडियाकर्मियों से कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन चैन बहाल होने से द्विपक्षीय संबंधों के सामान्य होने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप सभी जानते हैं, यह बैठक 2020 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में उत्पन्न हुए मुद्दों के समाधान और सैन्य वापसी तथा गश्त समझौते के तुरंत बाद हुई है।’’

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 25 October 2024 at 17:55 IST