अपडेटेड 5 August 2024 at 09:59 IST

रक्षा क्षेत्र के लिए IAF का बड़ा फैसला, DRDO और BDL को दी अस्त्र मिसाइलों के उत्पादन की मंजूरी

स्वदेशी मिसाइल निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए भारतीय वायुसेना ने अस्त्र मार्क 1 मिसाइलों के उत्पादन को मंजूरी दे दी है।

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 Astra missile
अस्त्र मिसाइलों के उत्पादन को मंजूरी | Image: ANI

भारतीय वायुसेना की ताकत बहुत जल्द और बढ़ने वाली। दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए IAF अपने बेड़े में एक और मिसाइल शामिल करने जा रहा है। रक्षा के क्षेत्र में बड़ा फैसला लेते हुए एयरफोर्स ने अस्त्र मिसाइल के उत्पादन को मंजूरी दे दी है। यह स्वदेशी मिसाइल होगा जिसका निर्माण DRDO और BDL करेगी। मिसाइल का निर्माण भारत में ही किया जाएगा।

स्वदेशी मिसाइल निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय वायुसेना ने 200 अस्त्र मार्क 1 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के उत्पादन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) को मंजूरी दे दी है। अस्त्र मार्क 1 मिसाइल डीआरडीओ ने विकसित किया है और BDL इसकी निर्माण एजेंसी है।

IAF ने अस्त्र मिसाइल के उत्पादन को दी मंजूरी 

भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित की हैदराबाद यात्रा के दौरान बीडीएल को उत्पादन मंजूरी दी गई। IAF के उप प्रमुख ने डीआरडीओ की रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला का दौरा किया था, जो अस्त्र मिसाइलों के लिए विकास एजेंसी है।

सुखोई-30 और तेजस पर होगी तैनाती

रक्षा सूत्रों ने बताया कि रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा 2022-23 में 2900 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना के लिए मंजूरी दी गई थी और सभी परीक्षणों और विकासों के पूरा होने के बाद अब उस ऑर्डर के लिए उत्पादन मंजूरी दे दी गई है। रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL) इस परियोजना के लिए नोडल प्रयोगशाला है। भारत के सुखोई-30 और तेजस जैसे लड़ाकू विमानों के लिए वायुसेना अस्त्र 1 मिसाइल का इस्तेमाल करेगी। यह मिसाइल हवा से हवा में मार करने में सक्षम है।

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भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा

जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायु सेना मिसाइलों के लिए बहुत सारी स्वदेशी परियोजनाओं पर काम कर कर रही है और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों सहित तीन से चार ऐसे कार्यक्रम पूरे होने वाले हैं। DRDO और IAF द्वारा एस्ट्रा कार्यक्रम को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जा रहा है और वे अब लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर हथियार प्रणाली के मार्क 2 का परीक्षण करने पर विचार कर रहे हैं। 300 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली लंबी दूरी की एस्ट्रा का परीक्षण और विकास करने की योजना भी चल रही है।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 5 August 2024 at 09:59 IST