अपडेटेड 21 May 2025 at 18:42 IST
रडार की पकड़ से बाहर, पलक झपकते ही टारगेट तबाह, ध्वनि से 5 गुना रफ्तार; कितने देशों के पास है हाइपरसोनिक मिसाइल नाम का ये 'महाहथियार'
Hypersonic Missiles हथियारों की वो श्रेणी है, जो मैक 5 यानी ध्वनि की गति से पांच गुना या उससे अधिक गति से अपने टारगेट की तरफ बढ़ती हैं। ये मिसाइलें अक्सर वायुमंडल में कम ऊंचाई पर उड़ती हैं, जिस वजह से आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम के लिए इन्हें मार गिराना लगभग असंभव होता है।
- डिफेंस न्यूज
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Countries With Hypersonic Missiles : आधुनिक युग के हथियारों का जब भी जिक्र होता है, तो परमाणु बम और मिसाइलों की बात जरूरी आती है। मिसाइलें भी तीन तरह की क्रूज, बैलिस्टक और हाइपरसोनिक होती हैं। अधिकतर देशों के पास क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। हाइपरसोनिक मिसाइल कुछ ही देशों के पास हैं और ये मैक 5 यानी ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक या उससे अधिक गति से अपने टारगेट को निशाना बनाती हैं।
हाइपरसोनिक मिसाइल हथियारों की एक ऐसी श्रेणी है, जो उड़ान के दौरान दिशा बदल में माहिर होती हैं। जिससे इसको ट्रैक करना कठिन होता है। ये मिसाइलें अक्सर वायुमंडल में कम ऊंचाई पर उड़ती हैं, जिस वजह से किसी भी आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम के लिए इन्हें मार गिराना लगभग असंभव होता है। मिनटों में लंबी दूरी तय करने के कारण दुश्मन को प्रतिक्रिया के लिए बहुत कम समय मिलता है।
कितने देशों के पास है हाइपरसोनिक मिसाइल?
युद्ध क्षेत्र में हाइपरसोनिक मिसाइलों को अपनी क्षमता की वजह से आधुनिक ब्रह्मास्त्र कहा जाता है। हर ताकतवर देश हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में जुटा है, लेकिन अभी तक 4 ही देशों ने परीक्षण किया है। इसमें रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और भारत शामिल हैं। हालांकि उत्तर कोरिया, ईरान और यमन में भी हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का दावा करते हैं और कई देश शुरुआती चरण में हैं।
2 तरह की हाइपरसोनिक मिसाइलें
हाइपरसोनिक मिसाइलें मुख्य रूप से 2 तरह की होती हैं। एक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलें और दूसरी हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलें। हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलें पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलों की तरह प्रक्षेपित होती हैं, लेकिन हाइपरसोनिक गति पर अपने टारगेट की तरफ उड़ान भरती हैं। जैसे रूस की किंजल और चीन की DF-17 मिसाइल।
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हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलें स्क्रैमजेट (Supersonic Combustion Ramjet) इंजनों पर आधारित होती हैं। जो कम ऊंचाई पर हाइपरसोनिक गति बनाए रखती हैं। रूस की जिरकॉन एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है।
भारत ने किया स्क्रैमजेट इंजन का परीक्षण
25 अप्रैल, 2025 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने हाइपरसोनिक हथियार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। डीआरडीएल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की हैदराबाद स्थित महत्वपूर्ण प्रयोगशाला है। DRDL ने हैदराबाद में अत्याधुनिक स्क्रैमजेट कनेक्ट टेस्ट सुविधा केंद्र में 1,000 सेकंड से अधिक समय तक एक्टिव कूल्ड स्क्रैमजेट सबस्केल कॉम्बस्टर का जमीनी परीक्षण पूरा किया। इससे पहले यह परीक्षण जनवरी, 2025 में 120 सेकंड के लिए किया गया था। इस सफल परीक्षण के साथ ही यह प्रणाली अब जल्द ही पूरी तरह से उड़ान भरने के परीक्षण के लिए तैयार हो जाएगी।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 21 May 2025 at 18:42 IST