अपडेटेड 28 April 2025 at 23:35 IST
हवा में तबाह हो जाएंगी पाकिस्तान की मिसाइलें, इंडिया का 4 लेयर एयर डिफेंस सिस्टम कितना मजबूत?
भारत को पाकिस्तान, चीन से खतरा बना रहता है। इसलिए एयर डिफेंस सिस्टम में चीन-पाकिस्तान की मिसाइल क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए लगातार सुधार किया जा रहा है।
- डिफेंस न्यूज
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Indian Air Defence System : पहलगाम हमले के बाद से पाकिस्तान लगातार भारत को धमकी पर धमकी दे रहा है। भारत के पास राफेल से लेकर सुखोई तक की ताकत मिनटों में ही पाक को धुआं-धुआं कर सकती है। भारतीय वायुसेना के राफेल, जैगुआर, सुखोई और मिग हर किसी का मुंह पाकिस्तान की तरफ है।
एक बार के लिए मान भी लिया जाए कि पाकिस्तान अपनी मौत को दावत देने के लिए भारत पर मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमला कर देता है, तो हमारी सुरक्षा कैसी होगी? दुश्मन के हमले को सबसे पहले भारत का एयर डिफेंस सिस्टम जवाब देगा। पिछले कुछ सालों में भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को बेहद मजबूत किया है। भारत में एयर डिफेंस सिस्टम 4 स्तर पर काम करते हैं।
- लॉन्ग रेंज- इंडियन बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम
- इंटरमीडिएट- S-400 ट्रिम्फ एयर डिफेंस सिस्टम
- शॉर्ट रेंज- आकाश एयर डिफेंस सिस्टम
- वेरी शॉर्ट रेंज- मैनपैड्स और एंटी-एयरक्राफ्ट गन्स
भारत का एयर डिफेंस सिस्टम एक बहुस्तरीय, रक्षा कवच है। जो मिसाइलों, लड़ाकू विमानों, ड्रोनों और अन्य हवाई हमलों से देश की रक्षा करता है। ये सिस्टम अलग-अलग तकनीकों, हथियार प्रणालियों और सेंसरों का इस्तेमाल कर हवाई खतरों का पता लगाता है और फिर ट्रैक कर उन्हें नष्ट करने में सक्षम है।
रडार सिस्टम
भारत के पास हवाई खतरों का पता लगाने के लिए उच्च क्षमता वाले रडार, जैसे राजेंद्र रडार, अर्जुन रडार और इजराइल से मिला EL/M-2080 ग्रीन पाइन रडार है।
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मिसाइल डिफेंस सिस्टम
मिसाइल डिफेंस सिस्टम के रूप में भारत के पास पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD), आकाश मिसाइल सिस्टम, S-400 ट्रायम्फ, एंटी-एयरक्राफ्ट गन, कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम, सैटेलाइट और इंटेलिजेंस है।
पृथ्वी एयर डिफेंस बैलिस्टिक मिसाइलों को ऊपरी वायुमंडल में रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। आकाश मिसाइल सिस्टम, मध्यम दूरी की रेंज में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। रूस से मिला लंबी दूरी का S-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम 400 किलोमीटर तक हवाई खतरों को नष्ट कर सकती है। भारत ने इजराइल के साथ मिलकर बनाया बैरक-8 (MR-SAM) मध्यम दूरी के लिए है। एंटी-एयरक्राफ्ट गन, ड्रोनों और हेलीकॉप्टरों जैसे लो-लेवल हवाई खतरों के लिए है।
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कैसे करता है काम?
सबसे पहले रडार और सैटेलाइट सिस्टम की मदद से विमान, मिसाइल और ड्रोन जैसे हवाई खतरों का पता लगाया जाता है। इसके बाद एकीकृत एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) के माध्यम से खतरों की गति, दिशा और प्रकार का विश्लेषण कर गंभीरता का आकलन किया जाता है। खतरे के हिसाब से जो हथियार प्रणाली उपयुक्त होती है उसे एक्टिव किया जाता है। अगर खतरा लंबी दूरी का है तो उसके लिए S-400, मध्यम दूरी के लिए आकाश और छोटे खतरों के लिए गन सिस्टम इस्तेमाल होता है।
बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम
बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम (BMDS) को बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव के लिए तैयार किया गया है। इससे 5 हजार किलोमीटर या उससे ज्यादा दूरी से आने वाली मिसाइलों को हवा में ही मारकर देश की रक्षा होती है। भारत का यह डिफेंस सिस्टम दो लेयर्स में काम करता है। पहला पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD) और दूसरा एडवांस्ड एयर डिफेंस (AAD)।
पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD) : इसकी मिसाइलें बेहद अधिक ऊंचाई पर जाकर टारगेट को मार सकती हैं। PAD की रेंज 300 से 2000 किलोमीटर है। ये धरती से 80 किलोमीटर ऊपर ही अपने टारगेट को निशाना बनाकर मार सकता है। इसमें पृथ्वी सीरीज की मिसाइलें शामिल हैं।
एडवांस्ड एयर डिफेंस (AAD) : ये कम ऊंचाई वाले टारगेट्स को मार गिराने में सक्षम हैं। भारत की सेना अलग-अलग चरणों में दुश्मन की मिसाइलों को एंगेज कर सकती है। इसकी मिसाइलें 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक टारगेट को निशाना बनाकर मार सकती है। इनकी ऑपरेशनल रेंज 150 से 200 किलोमीटर है।
S-400 एयर डिफेंस सिस्टम
यह एक बार में एक साथ 72 मिसाइल छोड़कर मल्टी टार्गेट इंगेजमेंट करने में सक्षम है। इसमें एडवांस रडार सिस्टम लगा है। जिसकी मदद से मिसाइल, ड्रोन, हाइपरसोनिक वाहन और विमान को भी नष्ट किया जा सकता है। खास बात ये है कि इसे कहीं भी लाना-ले जाना बेहद आसान है, क्योंकि इसे 8X8 के ट्रक पर माउंट किया जा सकता है। पोजीशन फिक्स नहीं होने के कारण डिटेक्ट करना दुश्मन के लिए बहुत मुश्किल है। यह डिफेंस सिस्टम माइनस 50 से माइनस 70 डिग्री तक के तापमान में भी काम करने में सक्षम है। S-400 दुश्मन के हमले को 500 किलोमीटर पहले ही ट्रैक कर सकता है और रेंज में आते ही तबाह कर देगा। इसके रेंज 40, 100, 200, और 400 किलोमीटर तक है। ये सिस्टम भारत, चीन, तुर्की, सऊदी अरब और कतर के पास है।
शॉर्ट रेंज इंटरसेप्शन
शॉर्ट रेंज में भारत के पास पेचोरा, आकाश, स्पाइडर, LRSAM, QRSAM जैसै मिसाइस सिस्टम आते हैं। पेचोरा सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। भारत ने इसे अलग-अलग सीमाओं पर तैनात किया हुआ है। हमारे पास इसके 30 स्क्वॉड्रन्स हैं। इसके 12 वैरिएंट्स का इस्तेमाल दुनियाभर के 31 देश करते हैं। 953 किलो वजनी इस मिसाइल की ऑपरेशनल रेंज 3.5 से 35 किलोमीटर तक है। पेचोरा का राडार 32 से 250 किलोमीटर तक दुश्मन पर नजर रख सकता है और कम ऊंचाई पर उड़ते हुए टारगेट को निशाना बना सकती है।
आकाश एयर डिफेंस सिस्टम
आकाश मिसाइल सिस्टम अलग-अलग टारगेट्स को ध्वस्त करने में सक्षम है। इसकी एक सिंगल यूनिट में चार मिसाइलें होती है। भारत के पास इसके 3 वैरिएंट हैं।
- आकाश एमके - रेंज 30 किलोमीटर
- एमके 2 - रेंज 40 किलोमीटर
- एनजी - रेंज 80KM किलोमीटर
स्पाइडर (SpyDer)
भारत के पास स्पाइडर के शॉर्ट रेंज और मीडियम रेंज दो वैरिएंट्स हैं। इसकी स्पीड इतनी है की राडार को भी चकमा दे सकती है। सीमा के आसपास तैनात कर दिया जाए तो दुश्मन का कोई भी हवाई हमला बेकार कर सकता है। ये हल्का, घातक और सटीक हथियार है। इसकी मिसाइल एयरक्राफ्ट, फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर, ड्रोन्स यहां तक की प्रेसिशन गाइडेड मिसाइलों को भी मार सकती है। इसकी मिसाइलें 360 डिग्री में घूमकर फायरिंग करने में सक्षम हैं।
LRSAM मिसाइल सिस्टम
LRSAM मिसाइल सिस्टम स्वदेशी सरफेस-टू-एयर मिसाइल है, जिसकी रेंज 400 किलोमीटर तक है। यह दुश्मन के हवाई जहाज, फाइटर जेट, रॉकेट, हेलिकॉप्टर या मिसाइल को मार गिराने के लिए 350 से 400 किलोमीटर तक हमला कर सकता है। इसकी तुलना इजरायल के आयरन डोम से होती है। भारत के पास फिलहाल इसकी 70 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइल है। इसकी मिसाइल 16 किलोमीटर की ऊंचाई तक निशाना लगा सकती है और पीछे धुआं भी नहीं निकलता।
MRSAM एयर डिफेंस सिस्टम
भारतीय सेना के लिए विकसित मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। ये विमान, हेलिकॉप्टर, सबसोनिक और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को मारने में सक्षम है। एक बार लॉन्च होने के बाद आसमान में 16 किलोमीटर तक अपने टारगेट को गिरा सकती है।
भारत को अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन से लगातार खतरा बना रहता है। इसलिए भारत का एयर डिफेंस सिस्टम लगातार विकसित हो रहा है। इसमें खासकर चीन और पाकिस्तान की मिसाइल क्षमताओं को ध्यान में रखने हुए सुधार किया जा रहा है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 28 April 2025 at 19:27 IST