अपडेटेड 26 August 2025 at 21:12 IST
समुद्र में बढ़ी भारत की ताकत, नौसेना में शामिल हुए आधुनिक युद्धपोत उदयगिरी और हिमगिरी; ये खासियत जानकर थर्र-थर्र कापेंगे दुश्मन
INS Udaygiri and INS Himgiri: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि ये युद्धपोत ब्रह्मोस मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल समेत कई मिसाइलों को दुश्मनों को जवाब देने के लिए तैनाती को लेकर सक्षम है। समुद्री आतंकवाद पर अंकुश लगाने, आपदा के वक्त मदद लेने और दुशमनों को समुद्र की ओर से मुंहतोड़ जवाब देने के लिए यह युद्धपोत पूरी तरह से सक्षम हैं।
- डिफेंस न्यूज
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INS Udaygiri and INS Himgiri: समुद्र में भारत की ताकत और भी अधिक हो गई है। जी हां, आज मंगलवार को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना में एक साथ दो उन्नत अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों - आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि को शामिल किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के इन दो घातक युद्धपोतों को भारतीय नौसेना में शामिल किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस खास मौके पर कहा, "आज इन दो युद्धपोतों की एक साथ commissioning, एक Transformative Movement का प्रतीक है। यह एक Commitment है। यह एक Trust है। INS उदयगिरी और INS हिमगिरी उसी trust का जमीनी रूपांतरण है। ये दोनों warships एक symbol भी हैं, कि अब हम उन ऊंचाइयों को भी छुएंगे, जो हमने पहले कभी हासिल नहीं की थी। मुझे पूरा विश्वास है कि Indian Navy और Indian defence industries, दोनों मिलकर इस सपने को पूरा करेंगे।"
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया था कि यह पहली बार होगा जब दो भारतीय शिपयार्डों के दो प्रमुख सतही लड़ाकू पोतों का एक साथ जलावतरण किया जाएगा यानी कि भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। INS UDAYGIRI और INS HIMIGIRI देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करेंगे। उदयगिरि और हिमगिरि, प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक ) श्रेणी के फ्रिगेट के अनुवर्ती जहाज हैं। इन दोनों जहाजों में डिजाइन, स्टेल्थ, हथियार और सेंसर प्रणालियों में महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं। ये ब्लू वाटर परिस्थितियों में समुद्री अभियानों की पूरी श्रृंखला को अंजाम देने में सक्षम हैं।
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की पहचान हैं ये दोनों युद्धपोत
मिली जानकारी के अनुसार, यह भारत के तेजी से बढ़ते नौसैनिक आधुनिकीकरण और कई शिपयार्डों से परिष्कृत युद्धपोतों की आपूर्ति करने की उसकी क्षमता को रेखांकित करता है। यह उपलब्धि रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल की सफलता को दर्शाती है। प्रोजेक्ट 17A के स्टील्थ फ्रिगेट्स का दूसरा जहाज, उदयगिरि, मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा बनाया गया है, जबकि हिमगिरि, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता द्वारा निर्मित P17A जहाजों में से पहला है। भारतीय नौसेना के लिए एक और बड़ी उपलब्धि के रूप में, उदयगिरि, नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया 100वां जहाज है। वहीं, अब इन युद्धपोतों के भारतीय नौसेना में शामिल हो जाने के बाद हिंद महासागर में चीन और पाकिस्तान को जोरदार जवाब भी मिलेगा।
उदयगिरि और हिमगिरि की ताकत
मिली जानकारी के अनुसार, युद्धपोत उदयगिरि और हिमगिरि, पहले के डिजाइनों की तुलना में एक पीढ़ीगत छलांग का प्रतिनिधित्व करते हैं। लगभग 6,700 टन विस्थापन वाले, P17A फ्रिगेट अपने पूर्ववर्ती शिवालिक-श्रेणी के फ्रिगेट्स से लगभग पांच प्रतिशत बड़े हैं और फिर भी इनका आकार अधिक सुडौल है। इनका रडार क्रॉस सेक्शन कम है। ये संयुक्त डीजल या गैस (CODOG) प्रणोदन संयंत्रों द्वारा संचालित होते हैं, जिनमें डीजल इंजन और गैस टर्बाइन का उपयोग किया जाता है। ये नियंत्रणीय-पिच प्रोपेलर चलाते हैं और एक एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली (IPMS) के माध्यम से प्रबंधित होते हैं।
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Watch Video: INS Himgiri: INS हिमगिरि की खासियत हैरान कर देगी!
हथियारों के इस समूह में सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 76 मिमी एमआर गन और 30 मिमी व 12.7 मिमी क्लोज-इन हथियार प्रणालियां और पनडुब्बी रोधी/अंडरवाटर हथियार प्रणालियां शामिल हैं। दोनों जहाज 200 से ज्यादा एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) उद्योगों में फैले एक औद्योगिक इकोसिस्टम का परिणाम हैं, जो लगभग 4,000 प्रत्यक्ष और 10,000 से ज्यादा अप्रत्यक्ष रोजगारों को बढ़ावा देते हैं।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि ये युद्धपोत ब्रह्मोस मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल समेत कई मिसाइलों को दुश्मनों को जवाब देने के लिए तैनाती को लेकर सक्षम है। समुद्री आतंकवाद पर अंकुश लगाने, आपदा के वक्त मदद लेने और दुशमनों को समुद्र की ओर से मुंहतोड़ जवाब देने के लिए यह युद्धपोत पूरी तरह से सक्षम हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा, " इन दोनों युद्धपोतों के commissioning से, भारतीय नौसेना को Blue Water Navy के रूप में और भी मजबूती मिली है। अब हम न केवल अपने तटीय क्षेत्रों बल्कि Indian ocean के दूर-दराज के हिस्सों में भी, चाहे वह piracy से मुकाबला हो, smuggling और illegal trafficking के विरुद्ध लड़ाई हो, समुद्री आतंकवाद पर अंकुश लगाना हो, या फिर प्राकृतिक आपदा के बाद राहत पहुंचानी हो, इन advanced stealth feature और multi role capabilities वाली warships के साथ, हर स्थिति में तेज और निर्णायक कार्रवाई कर सकेंगे।"
राजनाथ सिंह ने कहा,"मुझे बताया गया है कि इन युद्धपोतों में कई उन्नत क्षमताएं हैं। इनमें लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलें, स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर, टारपीडो लॉन्चर, युद्ध प्रबंधन प्रणाली और अग्नि नियंत्रण प्रणाली लगाई जा सकती हैं। ये दोनों युद्धपोत समुद्र में खतरनाक अभियानों में गेम-चेंजर साबित होंगे।"
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2025 में ही इन युद्धपोतों का भी होना है जलावतरण
26 अगस्त को भारतीय नौसना में दो युद्धपोत उदयगिरि और हिमगिरि को शामिल किया जा चुका है। इसके बाद देश की नौसेना की ताकत को और अधिक करने के लिए कई और भी ऐसे युद्धपोत हैं, जिन्हें इसी साल यानी 2025 में शामिल किया जाएगा। इनका नाम आईएनएस सूरत, फ्रिगेट आईएनएस नीलगिरि, पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर, एएसडब्ल्यू शैलो वाटर क्राफ्ट आईएनएस अर्नाला, और डाइविंग सपोर्ट वेसल आईएनएस निस्तार है।
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 26 August 2025 at 16:29 IST