अपडेटेड 23 May 2025 at 19:29 IST
चाय की चुस्की के बीच तय हो जाते हैं लाखों के सौदे, अनिश्चित भविष्य का सामना कर रही सूरत डायमंड इंडस्ट्री?
अगर अमेरिका प्रस्तावित टैरिफ लागू करता है, तो सूरत डायमंड इंडस्ट्री निर्यात आय का लगभग आधा हिस्सा खो सकती है। सूरत की डायमंड इंडस्ट्री इतनी बड़ी है कि दुनिया के पांच में से 4 हीरे सूरत में काटे और पॉलिश किए जाते हैं।
- बिजनेस न्यूज
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Surat diamond industry : सूरत में दशकों पुराने हीरा उद्योग का भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है। गुजरात का सूरत विश्व का सबसे बड़ा हीरा कटिंग और पॉलिशिंग केंद्र है, जिसे दुनियाभर में डायमंड सिटी के नाम से जाना जाता है। यहां तंग गलियों में व्यवसायी अपने ग्राहकों के साथ व्यापार करते हैं। सूरत में विश्व के करीब 90% हीरे काटे और पॉलिश किए जाते हैं। सूरत में करीब 6,000 पॉलिशिंग इकाइयां हैं, जो लाखों लोगों की रोजगार देती हैं।
सूरत की डायमंड इंडस्ट्री का इतिहास 20वीं सदी की शुरुआत से शुरू होता है, जब स्थानीय उद्यमियों, विशेष रूप से पाटीदार और जैन समुदायों ने इस उद्योग को गुजरात में विकसित किया। 1960 के दशक में यह उद्योग तेजी से बढ़ा और 1991 के आर्थिक सुधारों ने इसे और मजबूती दी। इसके बाद से डायमंड इंडस्ट्री में सूरत की पकड़ बढ़ती चली गई। लेकिन फिलहाल सूरत की डायमंड इंडस्ट्री मंदी का सामना कर रही है। कई बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को अस्थायी अवकाश पर भेजा है।
चाय की चुस्की पर सौदे
सूरत की डायमंड इंडस्ट्री भारत की आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सूरत शहर के हीरा कारोबारी कीमती हीरों को रंगीन कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों में लपेटकर अपनी शर्ट की जेब में रखते हैं। यहां विक्रेता और खरीदार दोनों ही अनुभवी व्यवसायी हैं, जो छोटे-बड़े हीरे का भी तुरंत मूल्यांकन कर सकते हैं। यहां हजारों डॉलर के सौदे गली के ठेले वालों से मंगवाए गए चाय के प्यालों के बीच तय हो जाते हैं। यहां कोई भी पूरी तरह से अजनबी नहीं है और समय के साथ प्रतिष्ठा बनती या बिगड़ती है।
इंडस्ट्री के सामने कई समस्याएं
डायमंड इंडस्ट्री को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों लैब में बन रहे सस्ते हीरों की लोकप्रियता बढ़ रही है। यूरोपीय संघ और G7 देशों द्वारा रूस से आने वाले हीरों पर प्रतिबंध ने उद्योग को प्रभावित किया है। लेकिन हाल का सबसे बड़ा खतरा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयात पर लगाए गए 10% शुल्क (जिसमें हीरे शामिल) है। भारत के अमेरिका को निर्यात पर 27% का शुल्क 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। ट्रंप प्रशासन व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है, लेकिन 10% की लाभ में कटौती भी नुकसान पहुंचा रही है।
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दुनिया भर में पहुंचता है सूरत का हीरा
सूरत की डायमंड इंडस्ट्री कितनी बड़ी है, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि दुनिया के पांच में से 4 हीरे सूरत में काटे और पॉलिश किए जाते हैं। यहां के लोग पीढ़ियों से केवल इसी कौशल और व्यापार को जानते हैं। बाजार में कई पुरानी इमारतों के पीछे आधुनिक तकनीक से लैस डायमंड लैब हैं। सूरत की ये लैब ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, रूस और अफ्रीका के कुछ हिस्सों से आने वाले कच्चे हीरों को डिजाइन करने और काटने के लिए उपयोग की जाती हैं। सूरत के उत्पादन का केवल एक छोटा प्रतिशत भारतीय ग्राहकों द्वारा उपयोग किया जाता है। बाकी का निर्यात अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, हांगकांग, बेल्जियम और अन्य देशों में किया जाता है।
अनिश्चित भविष्य
अमेरिका में कोई हीरा खदान नहीं है, लेकिन रत्नों के ग्रेडिंग के लिए 3 मुख्य संस्थानों में से दो संयुक्त राज्य में हैं। हीरे अंतिम रूप से बिक्री के लिए तैयार होने से पहले कई सीमाओं को पार करते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2023-24 में भारत से रत्न और आभूषण निर्यात का करीब 30% हिस्सा लिया। इसमें से लगभग आधा हिस्सा कटे और पॉलिश किए गए हीरों के रूप में था। इस व्यापार का भविष्य अब अनिश्चित है, जो ट्रंप के टैरिफ पर बहुत हद तक निर्भर करता है। अगर अमेरिका प्रस्तावित टैरिफ लागू करता है, तो सूरत डायमंड इंडस्ट्री निर्यात आय का लगभग आधा हिस्सा खो सकती है।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 23 May 2025 at 19:29 IST